चंडीगढ़: कोरोना से लड़ाई को लेकर कांग्रेस हरियाणा सरकार पर कई तरह के आरोप लगा कर रही है. कांग्रेस नेताओं का कहना है हरियाणा सरकार को इस मुश्किल वक्त में जिस तरह से लोगों का साथ देना चाहिए था उस तरह से नहीं दिया जा रहा. इस बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
सरकार गंभीर नहीं- सुरजेवाला
उन्होंने कहा कि प्रदेश के ढाई करोड़ लोग सरकार का पूरी तरह से साथ दे रहे हैं. हरियाणा के लोग सरकार के हर आदेश का पूरी ईमानदारी से पालन कर रहे हैं. लेकिन सरकार लोगों के प्रति इतनी गंभीर नजर नहीं आती.
हरियाणा में कोरोना की टेस्टिंग कम-सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना से लड़ाई टेस्टिंग से लड़ी जा सकती है. क्योंकि इसकी कोई दवाई तो है नहीं, तो हमें अपनी टेस्टिंग कैपेसिटी को बढ़ाना होगा लेकिन हरियाणा में ऐसा नहीं किया जा रहा. फरवरी से लेकर आज तक प्रतिदिन के हिसाब से करीब 50 लोगों के ही टेस्ट किए जा रहे हैं.
जबकि तब से लेकर अब तक हरियाणा में करीब 25000 लोग विदेशों से पहुंच चुके हैं. उन सबके टेस्ट अभी तक नहीं किए गए हैं. जब भीलवाड़ा जैसे इलाके में 45000 लोगों के टेस्ट की जा सकते हैं तो हरियाणा सरकार टेस्ट करने में इतनी उदासीनता क्यों दिखा रही है.
डॉक्टरों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं- सुरजेवाला
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हरियाणा में डॉक्टरों के पास ना तो पीपीई किट, एन 95 मास्क और ना ही अन्य सुरक्षा उपकरण हैं. ऐसे में डॉक्टर कोरोना से लड़ाई कैसे जीतेंगे क्योंकि वो तो खुद ही संक्रमित हो रहे हैं. हमारे पुलिसकर्मी और सफाई कर्मियों के पास भी कोई सुविधा नहीं है.
सभी डॉक्टरों को दोगुना वेतन मिले- सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जब स्वास्थ्य कर्मियों को दोगुना वेतन देने की बात कही तो मुझे भी बड़ी खुशी हुई थी, लेकिन अगले ही दिन मुझे यह भी पता चला कि यह घोषणा सिर्फ उन लोगों के लिए है जो करोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नहीं है.
नर्सें पॉलिथीन पहन कर काम कर रही हैं- सुरजेवाला
प्रधानमंत्री ने यह क्यों नहीं सोचा कि जो डॉक्टर पूरा दिन अस्पताल में रहते हैं वह भी संक्रमित हो सकते हैं. तो उनके लिए यह घोषणा क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टर आशा वर्कर और नर्सें पॉलिथीन पहन कर काम कर रही हैं तो ऐसे में कोरोना से लड़ाई जीतना असंभव है.
कोरोना के लिए अलग अस्पताल हो- सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा कि हर शहर में कोरोना के लिए अलग अस्पताल होना चाहिए. उन अस्पतालों में सिर्फ कोरोना के मरीजों का इलाज होना चाहिए ताकि दूसरे लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सके.
सरकार सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह काट रही है- सुरजेवाला
सरकार सरकारी कर्मचारियों की जबरदस्ती तनख्वाह काट रही है. सरकार डॉक्टरों सफाई कर्मियों और पुलिस कर्मियों की तनख्वाह भी काट रही है. एक तरफ नहीं सुरक्षा उपकरण देनी चाहिए दूसरी ओर सरकार उनके तथा काटने में लगी है.
खट्टर और चौटाला दिशाहीन-सुरजेवाला
फैक्ट्रियों को शराब की जगह सेनिटाइजर के लिए ENA बनाने के लिए आदेश दिए गए हैं के सवाल पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर और चौटाला खुद भी दिशाहीन है और वो प्रदेश को भी दिशाहीन कर रहे हैं. सरकार सैनिटाइजर के मुद्दे पर लोगों को धोखा दे रही है क्या सरकार ये कह सकती है कि शराब फैक्ट्री में शराब की जगह सैनिटाइजर बनेंगे.
सरकार शराब माफियाओं को फायदा पहुंचा रही है- सुरजेवाला
उन्होंने कहा कि सरकार गेहूं और चावल की खरीद को छोड़कर शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है. सुरजेवाला ने कहा कि लॉकडाउन में गरीब लोगों को खाना मिलना चाहिए, उन्हें राशन मिलना चाहिए, सुरक्षा उपकरण मिलने चाहिए, दवाइयां मिलनी चाहिए, सरकार ये सब बातें भूल कर शराब की फैक्ट्रियां शुरू करवाने में लगी हुई है.
शराब तस्करी पर सरकार को घेरा
शराब की तस्करी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब लोग अपने घरों के अंदर हैं और पुलिस सड़कों पर है तो ऐसे में तस्करी का सवाल नहीं उठता लेकिन फिर भी अगर प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी हो रही है तो इसका जिम्मेदार कौन है तस्करों की गाड़ियों को सड़कों पर कौन चला रहा है और कौन उन्हें आने-जाने की परमिशन दे रहा है?
तबलीगी जमात मामले पर सरकार पर निशाना साधा
रणदीप ने कहा कि बीजेपी तबलीगी जमात के नाम पर भी देश को गुमराह कर रही है मैं अमित शाह से ये पूछना चाहता हूं कि जब सरकार को पता था कि तबलीगी जमात में विदेशों से लोग आ रहे हैं और वो भी संक्रमित देशों से आ रहे हैं तो उन्हें भारत का वीजा क्यों दिया गया. जब भारत पहुंचे तो उनका टेस्ट क्यों नहीं करवाया गया.
किसानों की हो रही अनदेखी- सुरजेवाला
प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकार किसानों की जमकर अनदेखी कर रही है. एक तरफ जहां किसानों की फसलों को खरीदना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ सरकार फसल खरीद केंद्रों में लगातार कटौती करती जा रही है. सरकार में 8.3 क्विंटल प्रति एकड़ सरसों की लिमिट तय कर दी है ऐसा क्यों किया गया. अगर कोई किसान ज्यादा फसल पैदा करता है तो वो अपनी फसल कहां बेचेगा.
ये भी पढ़ें- लॉकडाउन 2.0: हरियाणा में टेलीविजन पर पढ़ेंगे 12वीं क्लास तक के बच्चे