नई दिल्ली: यमुना में बढ़ता अमोनिया दिल्ली के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. इसके कारण लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पानी सप्लाई बाधित हो रही है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा इसके लिए लगातार हरियाणा सरकार पर सवाल खड़े करते रहे हैं. अब दिल्ली जल बोर्ड इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.
'अगले मंगलवार को सुनवाई'
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने इसे लेकर बताया है कि हरियाणा द्वारा यमुना में लगातार डाले जा रहे प्रदूषक अमोनिया की समस्या के बाद आज दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. राघव ने कहा है कि मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने इस मामले में सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा है. मंगलवार के लिए इसे अर्जेंट इश्यू के रूप में लिस्ट किया गया है.
'इसलिए पहुंचना पड़ा सुप्रीम कोर्ट'
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है. 19 जनवरी को जवाब देने के लिए बुलाया है. इधर, राघव चड्ढा ने हरियाणा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. राघव ने कहा है कि यमुना में अमोनिया की मात्रा 0.5 पीपीएम से बढ़कर 10 पीपीएम तक पहुंच गया है. राघव ने कहा है कि थक हारकर अब हमें सुप्रीम कोर्ट पहुंचना पड़ा है.
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'हरियाणा सरकार उदासीन बनी रही'
इस मामले को लेकर जारी बयान में राघव चड्ढा ने कहा है कि हरियाणा द्वारा यमुना के पानी में इतना कचरा डाला जा रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड के प्लांट पानी को फिल्टर नहीं कर पा रहे. उन्होंने कहा है कि हमने इस मामले को लेकर कई बार हरियाणा सरकार का दरवाजा खटखटाया. अफसरों से बात की कि इसका संज्ञान लेकर स्थिति ठीक करें. लेकिन इसे लेकर हरियाणा सरकार लगातार उदासीन बनी रही.