चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा. अब एनएसयूआई के साथ एसएफएस, एबीवीपी और अन्य पार्टियां भी इस प्रदर्शन में जुड़ गई हैं. गुरूवार को सीनेट मीटिंग की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई.
वाइस चांसलर के खिलाफ हुआ प्रदर्शन
अंदर सीनेट की बैठक चल ही रही थी और एनएसयूआई के साथ एसएफएस ने वाइस चांसलर के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और सिक्योरिटी से धक्का-मुक्की कर अंदर मीटिंग में जाने की कोशिश की. वहीं सभी पार्टियों ने मीटिंग से बाहर आ रही सांसद का रास्ता रोककर उन्हें अपना ज्ञापन दिया. हालांकि मीटिंग में इस बारे में कोई हल नहीं निकला.
'पॉलिसी के तहत हुई फीस बढ़ोतरी'
इस बारे में यूनिवर्सिटी के डीएसडब्लयू इमैनुअल नाहर ने कहा कि छात्रों का ये प्रदर्शन गलत है, क्योंकि फीस बढ़ोतरी की नीति 3 साल पहले बनाई गई थी. इस नीति से पहले जब भी पीयू में दाखिला लेने वाले छात्रों की एडमिशन फीस में बढ़ोतरी की जाती थी तो वो कभी 15 प्रतिशत होती थी और कभी 20 प्रतिशत तक होती थी.
इसलिए 3 साल पहले ये पॉलिसी बनाई गई कि हर साल पीयू में नया दाखिला लेने वाले छात्रों की एडमिशन फीस में सिर्फ 5 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी और कभी भी 5 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि नहीं की जाएगी. इसलिए फीस में बढ़ोतरी पॉलिसी के तहत की जा रही है.
प्रदर्शन के दौरान छात्र की बिगड़ी हालत
दूसरी ओर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की प्रदर्शन के दौरान हालत बिगड़ गई. जिनमें से एक छात्र बेहोश हो गया. बेहोश हुए छात्र को तुरंत सेक्टर 16 के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया.
वहीं अन्य छात्रों को यूनिवर्सिटी की डिस्पेंसरी में लाया गया. छात्रों का कहना है कि अगर फीस वृद्धि के फैसले को वापस नहीं लिया गया तो हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा और हम अपने प्रदर्शन को और तेज कर देंगे.