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जुलाई में भी रिस्ट्रिक्टेड रहेगा पंजाब हाई कोर्ट में काम, जरूरी मामलों पर होगी सुनवाई

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जुलाई के महीने में भी रिस्ट्रिक्टेड काम होगा. हाई कोर्ट ने जो केस अर्जेंट नहीं हैं उनको स्थगित कर दिया है.

Punjab Haryana High Court
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Published : Jun 27, 2020, 6:34 AM IST

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जुलाई के महीने में भी रिस्ट्रिक्टेड काम होगा. यानी कि जुलाई में भी हाई कोर्ट पूरी तरह से वर्किंग नहीं होगी. हर तरह के मामलों पर सुनवाई नहीं होगी. हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए जून-जुलाई के मामलों की तारीख अगस्त-सितंबर और अक्टूबर में डाल दी है. यानी कि जो केस अर्जेंट नहीं हैं उनको स्थगित कर दिया गया है.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जनरल मीटिंग कर प्रस्ताव पारित किया है और हाई कोर्ट को कई सुझाव दिए हैं. बार एसोसिएशन ने कहा है कि अभी सिर्फ 15 जज ही रोटेशन में केस सुन रहे हैं. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या फिजिकल हियरिंग के जरिए सभी जज मामलों की सुनवाई करें. बार एसोसिएशन ने कहा है कि अर्जेंट और नॉन अर्जेंट केस दोनों को ही सुना जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- पंचकूला: विशेष CBI अदालत में मेवात डबल मर्डर और गैंगरेप मामले में हुई सुनवाई, नहीं हुई कार्रवाई

बार एसोसिएशन की मांग है कि मामलों में भेदभाव ना करते हुए हर तरह के मामले पर सुनवाई हो, ताकि लोगों को इंसाफ मिलने में देरी ना हो. हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सुनवाई करते हुए आने वाले टेक्निकल बैरियर को भी ठीक करने के लिए कहा है. अक्सर देखा गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान कई तरह की दिक्कतें आती हैं.

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जुलाई के महीने में भी रिस्ट्रिक्टेड काम होगा. यानी कि जुलाई में भी हाई कोर्ट पूरी तरह से वर्किंग नहीं होगी. हर तरह के मामलों पर सुनवाई नहीं होगी. हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए जून-जुलाई के मामलों की तारीख अगस्त-सितंबर और अक्टूबर में डाल दी है. यानी कि जो केस अर्जेंट नहीं हैं उनको स्थगित कर दिया गया है.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जनरल मीटिंग कर प्रस्ताव पारित किया है और हाई कोर्ट को कई सुझाव दिए हैं. बार एसोसिएशन ने कहा है कि अभी सिर्फ 15 जज ही रोटेशन में केस सुन रहे हैं. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या फिजिकल हियरिंग के जरिए सभी जज मामलों की सुनवाई करें. बार एसोसिएशन ने कहा है कि अर्जेंट और नॉन अर्जेंट केस दोनों को ही सुना जाना चाहिए.

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बार एसोसिएशन की मांग है कि मामलों में भेदभाव ना करते हुए हर तरह के मामले पर सुनवाई हो, ताकि लोगों को इंसाफ मिलने में देरी ना हो. हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सुनवाई करते हुए आने वाले टेक्निकल बैरियर को भी ठीक करने के लिए कहा है. अक्सर देखा गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान कई तरह की दिक्कतें आती हैं.

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