चंडीगढ़: हरियाणा कौशल विकास मिशन में रिश्वतकांड मामले में फंसा आईएएस अधिकारी विजय दहिया की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं. उनकी अब कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है. क्योंकि हाईकोर्ट ने विजय दहिया की अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया है. बता दें कि आईएएस अधिकारी विजय दहिया ने इस मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. लेकिन, हाईकोर्ट ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी है.
इससे पहले हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने खुलासा किया था कि आईएएस अधिकारी विजय दहिया ने एक करोड़ से अधिक के बिल पास करने के लिए 13 लाख रुपए की रिश्वत ली है. रिश्वत का यह पैसा एचएसडीएम के चीफ स्किल ऑफिसर के जरिए ली गई है. दरअसल इस मामले के खुलासा तब हुआ जब एंटी करप्शन ब्यूरो ने पंचकूला कोर्ट में इस मामले में गिरफ्तार पूनम चोपड़ा की जमानत को लेकर हुई सुनवाई के दौरान एक गवाह के विजय दहिया के खिलाफ मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए. जिसके बाद पंचकूला कोर्ट ने पूनम चोपड़ा की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
रिश्वतकांड में आईएएस अधिकारी विजय दहिया के साथ पूनम चोपड़ा और दीपक शर्मा को एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोपी बनाया है. वहीं, दीपक शर्मा अब सरकारी गवाह के रूप में जांच में शामिल हो गया है. रिश्वत कांड के इस मामले में पूनम चोपड़ा को एंटी करप्शन ब्यूरो ने पंचकूला से 20 अप्रैल को 3 लाख रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा था. पुलिस रिमांड के दौरान उसके दिल्ली कार्यालय से भी 2 लाख रुपए बरामद किए गए थे.
हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरों ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है कि अब तक कॉल रिकॉर्डिंग, व्हाट्सएप चैट और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई जांच से पता चला है कि पूनम चोपड़ा दहिया के लिए मामले के शिकायतकर्ता से रिश्वत मांग रही थी.
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