चंडीगढ़: लंबे समय से चंडीगढ़ के लोग प्रशासन से पर्यावरण को बचाने की मांग कर रहे हैं. मौजूदा समय में तीन कचरे के ढेर चंडीगढ़ की आबो हवा को खराब कर रहे हैं. जिसे लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में डिस्पोजल प्लास्टिक को लेकर याचिका लगाई थी. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस ने याचिकाकर्ता को ही समाधान के साथ दोबारा याचिका दायर करने के लिए कहा था.
बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में ये याचिका सिरसा के रहने वाले डॉक्टर गर्गी के अधिवक्ता ने दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने पर्यावरण में पॉलीथिन और डिस्पोजल के इस्तेमाल को लेकर अपनी चिंता जताई थी. जिसमें कहा गया था कि डिस्पोजल और प्लास्टिक का इस्तेमाल प्रदूषण को तेजी से बढ़ रहा है. क्योंकि मौजूदा समय में शादी समारोह लगातार हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे में प्लास्टिक से बनी क्रॉकरी का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है. वहीं किसी तीज त्योहार और सार्वजनिक कार्यक्रम में हर तरफ प्लास्टिक से इस्तेमाल होने वाली चीजें देखीजाती हैं. हाई कोर्ट की अधिवक्ता और बार एसोसिएशन की पूर्व प्रधान रह चुकी डीआर कन्नू शर्मा ने इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. कन्नू शर्मा ने बताया कि जिस तरह की याचिका दायर की गई है. ये अपने आप में सराहनीय योग्य है.
उन्होंने कहा कि हमारे हाई कोर्ट के कई ऐसे अधिवक्ता हैं. जो पर्यावरण व समाज की समस्याओं को लेकर जागरूक हैं. समय-समय पर वो इस संबंध में याचिकाएं डालते रहते हैं. ऐसे में हाल ही प्लास्टिक पॉल्यूशन को देखते हुए हाई कोर्ट में डाली गई याचिका शहर की भलाई के तौर पर देखी जा सकती है. क्योंकि हम सभी इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन हैरानी इस बात पर है कि जस्टिस द्वारा इस संबंध में याचिकाकर्ता को किसी भी तरह का सपोर्ट नहीं दिया गया.
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