चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने विदेशी तबलीगी जमात को बुधवार को बड़ी राहत दी. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि राज्य में तबलीगी जमात के जितने भी केस हैं उनका 3 महीने के भीतर निपटारा किया जाए. इसके साथ हाई कोर्ट ने इस संबंध में विदेशी तबलीगी जमात की ओर से दायर याचिका का निपटारा कर दिया.
मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि राज्य में तबलीगी जमात से जुड़े कुल 11 मामले दर्ज हैं. इनमें से 7 मामलों का निपटारा कर दिया गया है और एक में दर्ज एफआइआर रद कर दी गई थी. हरियाणा सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी केवल दो अंबाला और एक मामला गुरुग्राम में विचाराधीन है.
हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में दलील दी
हरियाणा सरकार ने अंबाला और गुरुग्राम के केस एक जगह करने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि 2 मामलों में ट्रायल जारी है, जबकि एक की अभी जांच चल रही है. सरकार की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस गिल ने आदेश दिया कि 3 महीने के भीतर इन केस का निपटारा सुनिश्चित किया जाए. इस मामले में हाई कोर्ट में तबलीगी जमात से जुड़े नेपाल के निवासी शेख मुस्तफा व अन्य विदेशियों द्वारा दायर याचिका पर सरकार से राज्य में जमा से जुड़े केस का स्टेटस तलब किया था.
याचिका में बताया गया था कि उनके खिलाफ अप्रैल में अंबाला में केस दर्ज किया गया था. उनके केस का भी निपटारा नहीं हुआ है. जिसमें वो अपने देश में ही लौट पा रहे हैं. इसलिए इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार उनके मामले का 8 महीने के भीतर या जल्द निपटारे के आदेश जारी किए जाएं.
कोर्ट को बताया गया कि कोरोना कॉल के शुरुआती दौर में जमात से जुड़े लोगों के खिलाफ काफी संख्या में दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार व दूसरे प्रदेशों में मामले दर्ज किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने मौलाना की याचिका पर दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि दिल्ली में अलग-अलग स्थानों को समाज से जुड़े जितने भी केस हैं. उनका ट्रायल कोर्ट में कर शीघ्र निपटारा किया जाए.