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हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन घोटाला: हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी जांच, 8 सप्ताह का दिया समय

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने वृद्धावस्था पेंशन घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले में जांच के लिए 8 सप्ताह तक का वक्त दिया है.

punjab haryana high court
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Published : May 25, 2023, 3:17 PM IST

चंडीगढ़: वृद्धावस्था पेंशन घोटाला की जांच को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है. इस मामले में याचिकाकर्ता राकेश बैंस ने जांच के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप रापड़िया ने बताया कि हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन देने में घोटाला हुआ था. वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर 40 साल से कम के उम्र के लोगों को भी पात्र बनाया गया था. यहां तक कि मृत लोगों को भी वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही थी.

कई लोग सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वृद्धावस्था पेंशन पा रहे थे. इस घोटाले में याचिकाकर्ता राकेश बैंस ने सीबीआई, ईडी और हरियाणा सरकार को पत्र लिखा था. उन्होंने जानकारी दी थी कि साल 2011 में हुड्डा सरकार के वक्त कैग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन में घोटाला हुआ है. इस मामले में कैग की रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो शिकायतकर्ता ने मामले की सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई.

फरवरी में हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से 2011 से अभी तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी. हाई कोर्ट ने ये भी जानकारी मांगी थी कि जिस दौरान ये घोटाला हुआ. उस दौरान कौन से आईएएस अधिकारी संबंधित विभागों में तैनात थे. जिनकी इस मामले में कार्रवाई करने की जिम्मेदारी बनती थी. आज सुनवाई के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर से इस मामले में एफिडेविट कोर्ट में पेश किया गया.

ये भी पढ़ें- जेल में पैसे लेकर कैदियों को सिम कार्ड पहुंचाता था वार्डन, सीआईए ने किया गिरफ्तार

एफिडेविट में कहा गया कि अभी भी 7 करोड़ से अधिक की रिकवरी बाकी है, जबकि अभी तक मात्र 4 करोड़ रुपये ही रिकवर किए गए है. शिकायतकर्ता ने बताया कि इस मामले में एक भी एफआईआर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज नहीं हुई है. आज इस मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी दी है. जिसके बाद सीबीआई इस मामले में हाई कोर्ट को रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान पेश करेगी. हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को जांच के लिए 8 सप्ताह का समय दिया है.

चंडीगढ़: वृद्धावस्था पेंशन घोटाला की जांच को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है. इस मामले में याचिकाकर्ता राकेश बैंस ने जांच के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप रापड़िया ने बताया कि हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन देने में घोटाला हुआ था. वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर 40 साल से कम के उम्र के लोगों को भी पात्र बनाया गया था. यहां तक कि मृत लोगों को भी वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही थी.

कई लोग सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वृद्धावस्था पेंशन पा रहे थे. इस घोटाले में याचिकाकर्ता राकेश बैंस ने सीबीआई, ईडी और हरियाणा सरकार को पत्र लिखा था. उन्होंने जानकारी दी थी कि साल 2011 में हुड्डा सरकार के वक्त कैग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन में घोटाला हुआ है. इस मामले में कैग की रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो शिकायतकर्ता ने मामले की सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई.

फरवरी में हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से 2011 से अभी तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी. हाई कोर्ट ने ये भी जानकारी मांगी थी कि जिस दौरान ये घोटाला हुआ. उस दौरान कौन से आईएएस अधिकारी संबंधित विभागों में तैनात थे. जिनकी इस मामले में कार्रवाई करने की जिम्मेदारी बनती थी. आज सुनवाई के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो और सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर से इस मामले में एफिडेविट कोर्ट में पेश किया गया.

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एफिडेविट में कहा गया कि अभी भी 7 करोड़ से अधिक की रिकवरी बाकी है, जबकि अभी तक मात्र 4 करोड़ रुपये ही रिकवर किए गए है. शिकायतकर्ता ने बताया कि इस मामले में एक भी एफआईआर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज नहीं हुई है. आज इस मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी दी है. जिसके बाद सीबीआई इस मामले में हाई कोर्ट को रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान पेश करेगी. हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को जांच के लिए 8 सप्ताह का समय दिया है.

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