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दंपती ने हाई कोर्ट से लगाई सुरक्षा की गुहार, जज साहब ने किया इनकार, जानें क्यों?

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Published : Feb 19, 2021, 7:38 AM IST

दंपती ने कोर्ट को कहा कि उन्होंने 29 जनवरी को शादी की है. उन्होंने कोर्ट में अपने कागजात भी पेश किए, लेकिन जज साहब की नजर उनके आधार कार्ड पर पड़ी और उन्होंने दोनों को सुरक्षा देने से इनकार तो किया ही बल्कि जुर्माना भी लगा दिया.

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दंपती ने हाई कोर्ट से लगाई सुरक्षा की गुहार, जज साहब ने किया इनकार

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में घर से भागे एक युगल की सुरक्षा याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने आधार कार्ड में की गई जन्म तिथि में हेरफेर के कारण युगल पर जुर्माना भी लगाया.

फरीदाबाद के रहने वाले दंपत्ति ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि उन्होंने शादी की है और दोनों साथ रहना चाहते हैं. हालांकि आरोप लगाया गया था कि लड़की के परिजन उनके रिश्ते के खिलाफ है और लड़के के खिलाफ उन्होंने आईपीसी की धारा 346 के तहत झूठी एफ आई आर दर्ज कराई थी.

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लड़की के आधार कार्ड में थी गड़बड़ी

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि दोनों बालिक है और जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में उन्होंने आधार कार्ड की कॉपी पेश की थी. हालांकि जस्टिस अवनीश झींगन की सिंगल बेंच ने दंपति को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज में लड़की की जन्म तिथि में हेरफेर की गई है. जिसे यह साबित होता है कि लड़की को बालिक दिखाने के लिए यह हेरफेर की गई है.

दस्तावेज में नहीं मिली लड़की की जन्मतिथि

युगल ने 29 जनवरी 2021 को शादी करने का दावा किया. रिकॉर्ड में दर्ज दस्तावेजों के अनुसार लड़की शादी की तारीख से एक हफ्ते पहले यानी कि 23 जनवरी 2021 को बालिग हो चुकी थी. लड़की के आधार कार्ड की दी गई कॉपी पर उसकी जन्मतिथि 23 जनवरी 2003 बताई गई थी, हालांकि जज ने नोट किया की आधार कार्ड की फोटो कॉपी में केवल लड़की के जन्म का स्थान है और पूरी तारीख नहीं.

ये पढ़ें- जनता वोट किसी को भी दे, हमारा मकसद किसानों को हक दिलाना- टिकैत

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में घर से भागे एक युगल की सुरक्षा याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने आधार कार्ड में की गई जन्म तिथि में हेरफेर के कारण युगल पर जुर्माना भी लगाया.

फरीदाबाद के रहने वाले दंपत्ति ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि उन्होंने शादी की है और दोनों साथ रहना चाहते हैं. हालांकि आरोप लगाया गया था कि लड़की के परिजन उनके रिश्ते के खिलाफ है और लड़के के खिलाफ उन्होंने आईपीसी की धारा 346 के तहत झूठी एफ आई आर दर्ज कराई थी.

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लड़की के आधार कार्ड में थी गड़बड़ी

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि दोनों बालिक है और जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में उन्होंने आधार कार्ड की कॉपी पेश की थी. हालांकि जस्टिस अवनीश झींगन की सिंगल बेंच ने दंपति को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज में लड़की की जन्म तिथि में हेरफेर की गई है. जिसे यह साबित होता है कि लड़की को बालिक दिखाने के लिए यह हेरफेर की गई है.

दस्तावेज में नहीं मिली लड़की की जन्मतिथि

युगल ने 29 जनवरी 2021 को शादी करने का दावा किया. रिकॉर्ड में दर्ज दस्तावेजों के अनुसार लड़की शादी की तारीख से एक हफ्ते पहले यानी कि 23 जनवरी 2021 को बालिग हो चुकी थी. लड़की के आधार कार्ड की दी गई कॉपी पर उसकी जन्मतिथि 23 जनवरी 2003 बताई गई थी, हालांकि जज ने नोट किया की आधार कार्ड की फोटो कॉपी में केवल लड़की के जन्म का स्थान है और पूरी तारीख नहीं.

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