चंडीगढ़: हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. उनको अपने पोतों की शादी के लिए तेजा खेड़ा फार्म हाउस से जुड़ी को कोठी नहीं मिलेगी. क्योंकि इन कोठी को प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार के आरोपों में सील की हुई है.
पोतों की शादी के लिए नहीं मिलेगी कोठी
बता दें कि अपीलेट ट्रिब्यूनल ने ओम प्रकाश चौटाला को सिरसा जिले के गांव तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी में उनके पोतों की शादी की अनुमति दी थी. अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 18 नवंबर को ईडी को आदेश दिया था कि वो सील की गई कोठी को 23 नवंबर तक ओम प्रकाश चौटाला को सौंप दें. सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील अरविंद मोदगिल ने बैंक को बताया कि इस सेक्शन 3 के अनुसार सील की गई संपत्ति को भी सील कर उसके प्रयोग करने का कोई प्रावधान नहीं है.
वकील ने दिया माल्या का उदाहरण
अवैध ढंग से बनी संपत्ति को सील करने के बाद प्रयोग करने की इजाजत देने से इस एक्ट का कोई औचित्य नहीं रहेगा. मोदगिल ने बहस के दौरान कहा कि अगर ऐसा होता है तो कल विजय माल्या अपनी क्लींवर बार कुछ दिन के लिए प्रयोग के लिए मांगेगा और पर नीरव मोदी अपने डायमंड व संपत्ति भी मांग सकता है.
ये है वजह
बेंच को बताया गया कि पिछले साल ओम प्रकाश चौटाला की तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी को ईडी ने अटैच कर लिया था. नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह में ओमप्रकाश चौटाला के दो पुत्रों करण चौटाला और अर्जुन चौटाला का विवाह है. दोनों अभय चौटाला के पुत्र हैं. इसके लिए ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से अटैच तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी को विवाह के लिए प्रयोग करने की मांग की गई.
इससे पहले भी आईडी में आदेश जारी किया था. 13 नवंबर को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. नए सिरे से सुनवाई करने के आदेश दिए थे. 18 नवंबर को फिर ईडी ने कोठी चौटाला को सौंपने के आदेश दे दिए. इसके बाद हाईकोर्ट ने आईडी की मांग स्वीकार करते हुए ईडी के आदेश को रद्द कर दिया. ओम प्रकाश चौटाला की मांग पर प्रवर्तन निदेशालय अपीलेट ट्रिब्यूनल दिल्ली ने एक आदेश जारी कर दी को निर्देश दिए थे कि वो विवाह के लिए तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी कोठी चौटाला को दे.
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चोटाला परिवार 7 दिसंबर को ये कोठी दोबारा ईडी को वापस कर देंगे. ईडी ने अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए कहा था कि जब ईडी ने किसी संपत्ति को अटैच किया हुआ है तो संपत्ति को कैसे छोड़ा जाता है. प्रॉपर्टी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 8(4) के तहत ये संपत्ति पीढ़ी के कब्जे में है. भ्रष्टाचार का मामला ईडी ने कंफर्म कर दिया है ऐसे में किसी अवैध संपत्ति को आरोपी को नहीं दी जा सकती.