चंडीगढ़: हरियाणा उद्योग एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका डालकर निर्धारित बिजली शुल्क में छूट देने की मांग की गई थी. एसोसिएशन की इस याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब मांगा है.
दरअसल, उद्योगपतियों की ओर से कहा गया था कि लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के सभी उद्योग बंद पड़े थे. जिसकी वजह से उद्योगपतियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. उद्योगपतियों ने दायर याचिका में काम बंद होने की वजह से बिजली शुल्क में छूट देने की मांग की थी. अब मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
गौरतलब है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उद्योग पर निर्धारित बिजली शुल्क पर छूट को लेकर याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि क्योंकि एक तो कोविड 19 की वजह से पहले ही उद्योग बंद होने के कगार पर हैं. ऐसे में सरकार उद्योगों को बिजली के शुल्क में कुछ राहत प्रदान करे.
याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी याचिका में बताया कि भारत में गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक पहले ही बिजली के निर्धारित शुल्क माफ करने की घोषणा कर चुके हैं. इसके अलावा हरियाणा सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें ये कहा गया है कि पावर जेनरेटिंग कंपनियों को किसी भी तरह का बिजली के शुल्क दर ना दिए जाएं. सरकार के इस फैसला का कई पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां फायदा उठा रही हैं.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 90000 करोड़ का पैकेज पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए जारी किया गया है, जोकि हरियाणा सरकार और पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को तो मिला पर पावर जेनरेटिंग कंपनियां इससे वंचित रह गई बल्कि ये फर्ज बनता था सरकार का और उन कंपनियों की उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा दिया जाए.