चंडीगढ़: हुडा डिस्क्रिशनरी कोटा से एक ही व्यक्ति के नाम कई अलॉटमेंट के मामले में हरियाणा सरकार ने पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट में जवाब दिया है. हरियाणा सरकार की तरफ से दिए गए जवाब के अनुसार 30 नवंबर तक 2595 लोगों के खिलाफ 2056 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें से 1359 मामलों में जांच शुरू कर दी गई है.
एक ही व्यक्ति को कई प्लॉट अलॉट करने का मामला
इनमें से 362 मामले ऐसे हैं जिनमें दोबारा जांच की जा रही है. जांच के बाद 158 मामले अनट्रेस पाए गए हैं. जिनमें से 153 मामले में अनट्रेस रिपोर्ट दायर की जा चुकी है. 13 मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की जा चुकी है. हुड्डा प्लॉट्स की मल्टीपल अलॉटमेंट मामले में पंजाब हुडा के डिस्क्रिशनरी कोटा से की गई मल्टीपल अलॉटमेंट मामले में 30 नवंबर तक 2595 लोगों के खिलाफ 2056 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं.
सरकार ने हाईकोर्ट में दिया जवाब
इनमें से 1359 मामलों में जांच शुरू कर दी गई है. ये जानकारी हरियाणा सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट में सौंपी. हरियाणा सरकार की ओर से स्टेट क्राइम ब्रांच के एसपी अरुण कुमार ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया. हलफनामे में हाई कोर्ट को बताया गया कि अब तक 2585 लोगों के खिलाफ 2056 मामले दर्ज किए गए हैं. 1359 मामलों में जांच शुरू की जा चुकी है. इनमे से 362 मामले ऐसे हैं जिनमें दोबारा जांच की जा रही है.
30 नवंबर तक 2595 लोगों के खिलाफ 2056 एफआईआर दर्ज
जांच के बाद 158 मामले अनट्रेस पाए गए हैं. जिनमे से 153 मामले में अनट्रेस रिपोर्ट दायर की जा चुकी है. 13 मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की जा चुकी है. इस जानकारी पर याचिकाकर्ता के वकील ने एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी इस सूची में कई बड़े रसूखदारों पर करवाई नहीं की जा रही है. इस मामले की जांच पर याचिकाकर्ता के वकील पहले ही सवाल उठा चुके हैं. याची के वकील ने कहा कि ये पूरी कर्रवाई पिक एंड चूज की नीति के तहत की जा रही है.
याची के वकील ने जताई आपत्ति
याची के वकील के मुताबिक उन लोगों के खिलाफ तो एफआईआर कर दी गई जिन्होंने तथ्यों को छिपा कर एक से अधिक प्लॉट्स लिए थे, लेकिन उन अधिकारीयों और कर्मियों के खिलाफ करवाई की कोई जानकारी नहीं दी है, जिन्होंने नियमों का उलंघन कर एक ही व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक प्लॉट्स जारी किए हैं.
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कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड में लेते हुए 27 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई पर हुडा को इस बारे में जवाब दिए जाने के आदेश दे दिए हैं. गौरतलब है कि इस मामले में याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई ना करने के आरोप लगाए जा चुके हैं. इस मल्टीपल प्लॉट आवंटन मामले में कई अधिकारियों पर एक से अधिक प्लॉट लेने का आरोप था.