चंडीगढ़: देश के राज्यों और शहरों से एडवोकेट के पर हो रहे हमलों को देखते हुए, मंगलवार को पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के सदस्यों द्वारा चंडीगढ़ के साथ पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने मांग की गई. सेक्टर 37 में बार काउंसिल के कार्यालय में करवाई गई एक प्रर्सवार्ता के दौरान बार काउंसिल के चेयरपर्सन सुवीर सिद्धू ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट एनेक्टमेंट बहुत जरूरी है.
वहीं, उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से वकीलों पर हो रहे हमलों को लेकर इस बिल को सामने रखा गया है. ऐसे में हमारे बार काउंसिल के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी यह जानना जरूरी है, कि पंजाब और हरियाणा में डेढ़ लाख के करीब वकील काम कर रहे हैं. ऐसे में इन सभी वकीलों से लोग आशा रखते हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा.
सुवीर सिद्धू ने कहा कि एक हफ्ते पहले दिल्ली बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट बरिंदर को उन्हीं की गाड़ी में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई. ऐसे में यह कोई पहली घटना नहीं है. इस तरह की घटनाएं पंजाब हरियाणा व दिल्ली से संबंधित अन्य राज्यों में भी देखी गई हैं. उन्होंने बताया कि हमारी सेंटर बॉडी इस बारे में पहले ही केंद्र से बातचीत कर चुकी है. वहीं, 21 मार्च को राजस्थान लेजिसलेटिव असेंबली द्वारा एक बिल पास किया गया है. यह बिल भी तब पास किया गया जब कोर्ट परिसर के नजदीक ही एक वकील को दिनदहाड़े चाकू से मारकर हत्या कर दी गई. जिसके बाद वहां की बार एसोसिएशन द्वारा लगातार विरोध करने के बाद राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को पास किया गया.
ऐसे में हर वकील की ओर से अपने क्लाइंट व आम व्यक्ति के लिए जो रिप्रेजेंटेशन की जाती है, उसके लिए बहुत मेहनत की जाती है. अगर किसी वकील को कोई जान माल का नुकसान होता है, तो ऐसे में सरकार उसकी जिम्मेदार बनती है. वहीं, इसी दौरान कोर्ट परिसर में वकीलों पर हमले किए जाते हैं. जिसके चलते वकीलों को विरोधी पार्टी के लोगों द्वारा परेशान भी किया जाता है.
वहीं, बार काउंसिल के चेयरपर्सन ने बताया कि सभी संबंधित विधायी और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के सावधानीपूर्वक अवलोकन पर, पंजाब और हरियाणा की स्टेट बार काउंसिल ने पंजाब एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 और हरियाणा एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 का मसौदा तैयार किया है. जल्द से जल्द एक अधिनियम का प्रदर्शन किया है. राज्य बार काउंसिल द्वारा बिल से संबंधित मसौदा राज्य सरकारों को उचित माध्यम से भेजा गया है.
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आने वाले दिनों में यदि दोनों सरकारों द्वारा उचित कदम नहीं उठाए गए तो चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की सभी बार एसोसिएशन द्वारा अधिवक्ताओं की तुलना सामूहिक महापंचायत करते हुए और इस संबंध में राज्यव्यापी आंदोलन में भाग लेकर शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है, कि पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 को जल्द से जल्द लागू करने के वास्तविक अनुरोध पर विचार करेगी.