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नौकरी से हटाए गए 850 टीचर्स को बड़ी राहत, HC ने कैट के फैसले को बरकरार रखा - 850 शिक्षकों को हाईकोर्ट से राहत

कैट ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हटाए गए 850 शिक्षकों की सेवा खत्म करने के आदेश को खारिज कर दिया था. अब हाई कोर्ट ने भी कैट के फैसले पर मुहर लगा दी है.

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नौकरी से हटाए गए 850 टीचर्स को बड़ी राहत
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Published : Nov 27, 2019, 11:02 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सैकड़ों जेबीटी और टीजीटी टीचर्स को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने टीचर्स की नौकरी पर मंडरा रहे संकट को टाल दिया है. केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हटाए गए 850 शिक्षकों की सेवा खत्म करने के आदेश को खारिज कर दिया था. अब हाई कोर्ट ने भी कैट के फैसले पर मुहर लगा दी है.

850 शिक्षकों को हाईकोर्ट की राहत
बता दें कि, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को भर्ती के बाद पता चला था कि भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है. जिसके बाद चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने चंडीगढ़ प्रशासन को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया जाए. इस पत्र पर चंडीगढ़ प्रशासन ने एक्शन ले लिया और 30 मई 2018 को एक आदेश जारी कर पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया.

चंडीगढ़ प्रशासन ने रद्द की थी भर्ती
पूरी प्रक्रिया रद्द होनो के बाद सभी शिक्षकों ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) का दरवाजा खटखटाया और न्याय की मांग की. जिसके बाद फरवरी 2019 में कैट ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हटाए गए 850 शिक्षकों की सेवा समाप्‍त करने के आदेश को खारिज कर दिया. इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने कैट के इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली.

हाईकोर्ट ने कैट के फैसले को सही माना
मामले में कई दिनों तक पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी और अब कोर्ट ने कैट के निर्णय को बरकार रखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन के भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने शिक्षकों पर कैट के फैसले को सुरक्षित रखते हुए उसके फैसले को सही बताया.

ये भी पढ़िए: हरियाणा के वरिष्ठ IAS अशोक खेमका का फिर हुआ तबादला, ट्वीट कर निकाली भड़ास

ये है पूरा मामला

साल 2014 में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से 1150 शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई. मेरिट के आधार पर साल 2015 में शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गई. बाद में पंजाब में हुई भर्ती में धांधली में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि इस टीचर भर्ती में भी घोटाला हुआ है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने 10 लाख रुपये तक में प्रश्नपत्र बेचे. उसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इस भर्ती को ही रद्द कर दिया गया.

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सैकड़ों जेबीटी और टीजीटी टीचर्स को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने टीचर्स की नौकरी पर मंडरा रहे संकट को टाल दिया है. केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हटाए गए 850 शिक्षकों की सेवा खत्म करने के आदेश को खारिज कर दिया था. अब हाई कोर्ट ने भी कैट के फैसले पर मुहर लगा दी है.

850 शिक्षकों को हाईकोर्ट की राहत
बता दें कि, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को भर्ती के बाद पता चला था कि भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है. जिसके बाद चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने चंडीगढ़ प्रशासन को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया जाए. इस पत्र पर चंडीगढ़ प्रशासन ने एक्शन ले लिया और 30 मई 2018 को एक आदेश जारी कर पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया.

चंडीगढ़ प्रशासन ने रद्द की थी भर्ती
पूरी प्रक्रिया रद्द होनो के बाद सभी शिक्षकों ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) का दरवाजा खटखटाया और न्याय की मांग की. जिसके बाद फरवरी 2019 में कैट ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हटाए गए 850 शिक्षकों की सेवा समाप्‍त करने के आदेश को खारिज कर दिया. इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने कैट के इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली.

हाईकोर्ट ने कैट के फैसले को सही माना
मामले में कई दिनों तक पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी और अब कोर्ट ने कैट के निर्णय को बरकार रखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन के भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने शिक्षकों पर कैट के फैसले को सुरक्षित रखते हुए उसके फैसले को सही बताया.

ये भी पढ़िए: हरियाणा के वरिष्ठ IAS अशोक खेमका का फिर हुआ तबादला, ट्वीट कर निकाली भड़ास

ये है पूरा मामला

साल 2014 में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से 1150 शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई. मेरिट के आधार पर साल 2015 में शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गई. बाद में पंजाब में हुई भर्ती में धांधली में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि इस टीचर भर्ती में भी घोटाला हुआ है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने 10 लाख रुपये तक में प्रश्नपत्र बेचे. उसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इस भर्ती को ही रद्द कर दिया गया.

Intro:चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से 2015 में सरकारी स्कूलों में भर्ती किए गए सैकड़ों जेबीटी और टीजीटी टीचरों की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने नौकरी बचा ली है, बतादें कि, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को भर्ती के बाद पता चला कि भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है तो चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने चंडीगढ़ प्रशासन को एक पत्र लिखा, जिसमे कहा गया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया जाए| Body:वहीँ, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए इस पत्र पर चंडीगढ़ प्रशासन ने एक्शन ले लिया और 30 मई 2018 को एक आदेश जारी कर पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया|जहां, चंडीगढ़ प्रशासन के ऐसा करने के बाद सभी शिक्षकों ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) का रुख कर न्याय मांगा, जिस पर फरवरी 2019 में कैट ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा हटाए गए 850 शिक्षकों की सेवा समाप्‍त करने के आदेश को खारिज कर दिया|इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने कैट के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी डाली, जहां हाई कोर्ट में इस मामले काफी दिनों सुनवाई चली|हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी।

फिलहाल, हाई कोर्ट ने बुधवार को इस पर फैसला सुनाया और कैट के आदेश को बरकरार रखा|कैट के फैसले पर हाई कोर्ट ने मुहर लगाई|हाई कोर्ट ने कैट के आदेश को बरकरार रखने का आदेश दिया| हाईकोर्ट ने शिक्षकों पर केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) द्वारा दिए गए फैसले को सुरक्षित रखते हुए उसके फैसले को सही बताया|हाई कोर्ट के इस रहमोकरम से शिक्षकों की नौकरी पर आया संकट टल गया है।लेकिन यहाँ ध्यान रहे कि, जिन अध्यापकों का नाम एफआइआर में है उनको कोई राहत नहीं मिलेगी। बता दें कि इन शिक्षकों में अधिकतर हरियाणा और पंजाब के हैं।

यह पूरा मामला……..

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 2014 में करीब 1150 शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। मेरिट के आधार पर 2015 में शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गई। बाद में पंजाब में हुई भर्ती में धांधली में गिरफ्तार आरोपितों से पता चला कि इस टीचर भर्ती में घोटाला हुआ है। आरोपियों ने 10 लाख तक में प्रश्‍नपत्र बेच दिए थे। मामले में भर्ती हुए करीब 40 लोगों पर एफआइआर दर्ज हुई और कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। केस में जांच अभी जारी है।Conclusion:
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