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लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी प्रदेश में ज्यादातर सार्वजनिक शौचालय खोलना भूल गया प्रशासन - सार्वजनिक शौचालय फरीदाबाद खराब

हरियाणा में करोड़ों रुपये खर्च कर शौचालय और ई-टॉयलेट तो बना दिए गए, लेकिन इसके बावजूद भी लोग बाहर शौच करने को मजबूर हैं. क्योंकि लॉकडाउन के बाद से इन शौचालयों को खोला नहीं गया है. अब सवाल यही है कि आखिर कैसे स्वच्छ भारत बनाने का सपना पूरा होगा?

Public toilets poor condition Haryana
Public toilets poor condition Haryana
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Published : Dec 15, 2020, 4:16 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 8:10 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन लगा तो सूबे के सार्वजनिक शौचालयों पर भी ताला लगा दिया गया. ताकि कोई इनका उपयोग ना कर सके और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. लेकिन अब लॉकडाउन को खुले करीब 6 महीने का वक्त बीत चुका है. हैरानी की बात ये है कि अभी तक सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लटका हुआ है. सामाजिक सरोकार को ध्यान में रखते हुए ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने प्रदेश के कई जिलों का दौरा किया और जमीनी सच्चाई का जायजा लिया. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में..खुले में शौच मुक्त हरियाणा और स्वच्छ भारत अभियान का दम भरने वाली सरकार और प्रशासन के दावे धरातल पर जीरो दिखाई दिए.

फरीदाबाद में सफेद हाथी बने सार्वजनिक शौचालय

सबसे पहले ईटीवी भारत हरियाणा की टीम सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी फरीदाबाद पहुंची. यहां सेक्टर-16 की अनाज मंडी में बने सार्वजनिक शौचालय के गेट पर ताला लगा मिला. लॉकडाउन के बाद प्रशासन इसे खोलना ही भूल गया. फरीदाबाद नगर निगम ने सेक्टर 21d में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपए के सुलभ शौचालय बनवाए थे. जो अब सफेद हाथी साबित हो रहे हैं. कहने को तो ये शौचालय हाईकेट बनाए गए हैं, लेकिन ताला लगा होने की वजह से लोगों ने इनका इस्तेमाल तक नहीं किया. लॉकडाउन के बाद से इन्हें खोला नहीं गया है. इतना ही नहीं देखरेख के अभाव में इन शौचालयों के पास गंदगी का ढेर लग गया है.

लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी प्रदेश में ज्यादातर सार्वजनिक शौचालय खोलना भूल गया प्रशासन
  • फरीदाबाद के विभिन्न इलाकों में करीब 330 सार्वजनिक शौचालय
  • शौचालयों को पक्का निर्माण करके स्थायी बनाया गया
  • जबकि कुछ शौचालय पोर्टेबल हैं, सभी लॉकडाउन के बाद से बंद हैं
  • सार्वजनिक शौचालयों की हालत रखरखाव के अभाव में बदत्तर हुई

लिखित में शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं

सेक्टर-16 निवासी निवासी विनय कुमार और फल विक्रेता मुन्ना ने कहा कि इस मंडी में रोजाना हजारों लोग आते हैं. शौचालय नहीं होने की वजह से सभी को मजबूरन खुले में जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. लॉकडाउन के वक्त इसे बंद किया गया था. लेकिन पता नहीं प्रशासन इसे खोलना भूल गया या फिर जानबूझकर खोलना नहीं चाहता. उन्होंनें प्रशासन ने इन तालों को खोलने की अपील की.

faridabad public toilet
फरीदाबाद में सार्वजनिक शौचालय पर लटका ताला

ये भी पढ़ेंः सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने गंवाई जान, यहां अब तक हुई 4 मौतें

वैसे तो हर साल लाखों रुपये रखरखाव के लिए इन सार्वजनिक शौचालयों पर खर्च किए जाते हैं. लेकिन इनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है. एसडीएम अपराजिता से जब शहर के शौचालयों की बदहाली पर सवाल पूछा गया तो वो डेमेज कंट्रोल करती नजर आईं. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन उनके लिए सबसे अहम है. अगर कहीं भी लोगों को शौचालय से जुड़ी समस्या आ रही है तो इस समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा.

गुरुग्राम: राजीव चौक, ट्रांसपोर्ट नगर में शौचालयों पर ताला

फरीदाबाद के बाद ईटीवी भारत की टीम ने साइबर सिटी गुरुग्राम का रुख किया. यहां के सबसे व्यस्ततम चौराहे राजीव चौक पर बना शौचालय भी लॉकडाउन के बाद से बंद है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर में बने शौचालय भी देखरेख के अभाव में खंडहर हो रहे हैं. इन पर भी लॉकडाउन के बाद से ताला नहीं हटा है. जिसके चलते लोग मजबूर खुले में शौच करते हैं.

gurugram public toilet
गुरुग्राम में बंद पड़ा सार्वजनिक शौचालय

ये भी पढ़ेंः कोरोना के चलते स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की सेहत बिगड़ी, मिलने पहुंचे ओपी धनखड़

हरीश नाम के युवक ने बताया कि राजीव चौक पर 1 साल पहले सार्वजनिक शौचालयों को बनाया गया था. जगुआर कंपनी की सहायता से इसपर करोडों रुपये लगाए गए, लेकिन उद्घाटन से बाद से बंद पड़ा है. क्योंकि इनके उद्घाटन के बाद लॉकडाउन लग गया और तब से ये शौचालय बंद ही हैं. मनोज नाम के स्थानीय युवक ने बताया कि कई बार हमने गुरुग्राम नगर निगम को इसकी लिखित में शिकायत भी दी, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई है.

  • प्रदेश की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में तकरीबन 150 शौचालय हैं.
  • ज्यादातर लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े हैं
  • जो खुले भी हैं तो वो रखरखाव के अभाव में खंडहर बन चुके हैं

पानीपत- एशिया की सबसे बड़ी कंबल मार्केट में बंद हैं शौचालय

ये हाल सिर्फ गुरुग्राम और फरीदाबाद के ही नहीं बल्कि सूबे के दूसरों जिलों के भी हैं. ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मार्केट का भी हाल जाना. यहां पर भी लॉकडाउन के बाद से सभी पब्लिक शौचालय बंद पड़े हैं. जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी परेशानी होती है. पानीपत बस अड्डे पर बने शौचालय भी अभी तक बंद हैं.

ये भी पढ़ें- मानेसर लैंड स्कैम: गृह सचिव राजीव अरोड़ा को HC से राहत, सीबीआई कोर्ट के समन के आदेश पर रोक

स्थानीय निवासी सागर ने बताया कि पानीपत में सार्वजनिक शौचालयों का बुरा हाल है. लॉकडाउन के बाद से यहां से सभी शौचालय बंद हैं. उन्होंने कहा कि मजबूरन उन्हें शुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. वहीं विक्की नाम के युवक ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जल्द ही इन शौचालयों को खोल देना चाहिए, क्योंकि अब सब सामान्य हो रहा है. शौचालय बंद होने की वजह से आमजन को काफी परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. इस बारे में जब हरियाणा महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल से बात की गई तो वो भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आश्वासन देती नजर आई. उन्होंने कहा कि अभी मेरी संज्ञान में ये मामला आया है. अगर ऐसी कोई परेशानी सामने आ रही है तो उसका जल्द ही समाधान किया जाएगा.

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन लगा तो सूबे के सार्वजनिक शौचालयों पर भी ताला लगा दिया गया. ताकि कोई इनका उपयोग ना कर सके और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. लेकिन अब लॉकडाउन को खुले करीब 6 महीने का वक्त बीत चुका है. हैरानी की बात ये है कि अभी तक सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लटका हुआ है. सामाजिक सरोकार को ध्यान में रखते हुए ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने प्रदेश के कई जिलों का दौरा किया और जमीनी सच्चाई का जायजा लिया. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में..खुले में शौच मुक्त हरियाणा और स्वच्छ भारत अभियान का दम भरने वाली सरकार और प्रशासन के दावे धरातल पर जीरो दिखाई दिए.

फरीदाबाद में सफेद हाथी बने सार्वजनिक शौचालय

सबसे पहले ईटीवी भारत हरियाणा की टीम सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी फरीदाबाद पहुंची. यहां सेक्टर-16 की अनाज मंडी में बने सार्वजनिक शौचालय के गेट पर ताला लगा मिला. लॉकडाउन के बाद प्रशासन इसे खोलना ही भूल गया. फरीदाबाद नगर निगम ने सेक्टर 21d में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपए के सुलभ शौचालय बनवाए थे. जो अब सफेद हाथी साबित हो रहे हैं. कहने को तो ये शौचालय हाईकेट बनाए गए हैं, लेकिन ताला लगा होने की वजह से लोगों ने इनका इस्तेमाल तक नहीं किया. लॉकडाउन के बाद से इन्हें खोला नहीं गया है. इतना ही नहीं देखरेख के अभाव में इन शौचालयों के पास गंदगी का ढेर लग गया है.

लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी प्रदेश में ज्यादातर सार्वजनिक शौचालय खोलना भूल गया प्रशासन
  • फरीदाबाद के विभिन्न इलाकों में करीब 330 सार्वजनिक शौचालय
  • शौचालयों को पक्का निर्माण करके स्थायी बनाया गया
  • जबकि कुछ शौचालय पोर्टेबल हैं, सभी लॉकडाउन के बाद से बंद हैं
  • सार्वजनिक शौचालयों की हालत रखरखाव के अभाव में बदत्तर हुई

लिखित में शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं

सेक्टर-16 निवासी निवासी विनय कुमार और फल विक्रेता मुन्ना ने कहा कि इस मंडी में रोजाना हजारों लोग आते हैं. शौचालय नहीं होने की वजह से सभी को मजबूरन खुले में जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. लॉकडाउन के वक्त इसे बंद किया गया था. लेकिन पता नहीं प्रशासन इसे खोलना भूल गया या फिर जानबूझकर खोलना नहीं चाहता. उन्होंनें प्रशासन ने इन तालों को खोलने की अपील की.

faridabad public toilet
फरीदाबाद में सार्वजनिक शौचालय पर लटका ताला

ये भी पढ़ेंः सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने गंवाई जान, यहां अब तक हुई 4 मौतें

वैसे तो हर साल लाखों रुपये रखरखाव के लिए इन सार्वजनिक शौचालयों पर खर्च किए जाते हैं. लेकिन इनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है. एसडीएम अपराजिता से जब शहर के शौचालयों की बदहाली पर सवाल पूछा गया तो वो डेमेज कंट्रोल करती नजर आईं. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन उनके लिए सबसे अहम है. अगर कहीं भी लोगों को शौचालय से जुड़ी समस्या आ रही है तो इस समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा.

गुरुग्राम: राजीव चौक, ट्रांसपोर्ट नगर में शौचालयों पर ताला

फरीदाबाद के बाद ईटीवी भारत की टीम ने साइबर सिटी गुरुग्राम का रुख किया. यहां के सबसे व्यस्ततम चौराहे राजीव चौक पर बना शौचालय भी लॉकडाउन के बाद से बंद है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर में बने शौचालय भी देखरेख के अभाव में खंडहर हो रहे हैं. इन पर भी लॉकडाउन के बाद से ताला नहीं हटा है. जिसके चलते लोग मजबूर खुले में शौच करते हैं.

gurugram public toilet
गुरुग्राम में बंद पड़ा सार्वजनिक शौचालय

ये भी पढ़ेंः कोरोना के चलते स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की सेहत बिगड़ी, मिलने पहुंचे ओपी धनखड़

हरीश नाम के युवक ने बताया कि राजीव चौक पर 1 साल पहले सार्वजनिक शौचालयों को बनाया गया था. जगुआर कंपनी की सहायता से इसपर करोडों रुपये लगाए गए, लेकिन उद्घाटन से बाद से बंद पड़ा है. क्योंकि इनके उद्घाटन के बाद लॉकडाउन लग गया और तब से ये शौचालय बंद ही हैं. मनोज नाम के स्थानीय युवक ने बताया कि कई बार हमने गुरुग्राम नगर निगम को इसकी लिखित में शिकायत भी दी, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई है.

  • प्रदेश की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में तकरीबन 150 शौचालय हैं.
  • ज्यादातर लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े हैं
  • जो खुले भी हैं तो वो रखरखाव के अभाव में खंडहर बन चुके हैं

पानीपत- एशिया की सबसे बड़ी कंबल मार्केट में बंद हैं शौचालय

ये हाल सिर्फ गुरुग्राम और फरीदाबाद के ही नहीं बल्कि सूबे के दूसरों जिलों के भी हैं. ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मार्केट का भी हाल जाना. यहां पर भी लॉकडाउन के बाद से सभी पब्लिक शौचालय बंद पड़े हैं. जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी परेशानी होती है. पानीपत बस अड्डे पर बने शौचालय भी अभी तक बंद हैं.

ये भी पढ़ें- मानेसर लैंड स्कैम: गृह सचिव राजीव अरोड़ा को HC से राहत, सीबीआई कोर्ट के समन के आदेश पर रोक

स्थानीय निवासी सागर ने बताया कि पानीपत में सार्वजनिक शौचालयों का बुरा हाल है. लॉकडाउन के बाद से यहां से सभी शौचालय बंद हैं. उन्होंने कहा कि मजबूरन उन्हें शुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. वहीं विक्की नाम के युवक ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जल्द ही इन शौचालयों को खोल देना चाहिए, क्योंकि अब सब सामान्य हो रहा है. शौचालय बंद होने की वजह से आमजन को काफी परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. इस बारे में जब हरियाणा महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल से बात की गई तो वो भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आश्वासन देती नजर आई. उन्होंने कहा कि अभी मेरी संज्ञान में ये मामला आया है. अगर ऐसी कोई परेशानी सामने आ रही है तो उसका जल्द ही समाधान किया जाएगा.

Last Updated : Dec 15, 2020, 8:10 PM IST
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