चंडीगढ़: एक किसान के लिए उसकी फसलें ही उसके लिए जीने का आधार होता है. किसान की महनत तब रंग लाती है जब उसकी फसल की पैदावार अच्छी हो. लेकिन फसल के तैयार होने तक किसान को खून-पसीना एक करना पड़ता है. अगर फसलों को कोई बीमारी लग जाए तो किसान की सारी मेहनत बेकार हो जाती है. लेकिन अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब किसान ऐसी फसलें उगाने में सक्षम होंगे जिन पर उन्हें पेस्टिसाइड का खर्चा नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि फसलों को कोई बीमारी नहीं लगेगी और पैदावार भी अच्छी होगी.
दरअसल चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कश्मीर सिंह ने अंगूर की एक ऐसी किस्म तैयार की है जिसे कोई बीमारी नहीं लगेगी. इससे किसानों का पेस्टिसाइड का खर्च कम होगा और ये खाने में भी ज्यादा सुरक्षित होंगे. प्रोफेसर कश्मीर सिंह ने बताया कि उन्हें कुछ समय पहले केंद्र सरकार की तरफ से एक प्रोजेक्ट दिया गया था जिसके तहत उन्हें अंगूर की ऐसी फसल तैयार करनी थी जो बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें केंद्र सरकार से 70 लाख रुपये की मदद मिली है और अब कई सालों की महनत के बाद उनका ये प्रोजेक्ट सफल रहा है.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में 3 दिन में भारी बारिश की संभावना, जानिए किस जिले में क्या रहेगा मौसम का हाल
प्रोफेसर कश्मीर सिंह ने बताया कि अगर भविष्य में हम ऐसी फसल तैयार करने में सफल हो जाते हैं तो फसलों को बिना पेस्टिसाइड के बीमारियों से बचाया जा सकेगा. पेस्टिसाइड और अन्य दवाओं पर होने वाला खर्चा बचेगा जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा. इसके अलावा फसलों की पैदावार अच्छी होगी. उससे भी किसानों की आय बढ़ेगी इससे एक बड़ा फायदा ये भी होगा कि बिना पेस्टिसाइड के उगाई गई फसलें हमारे खाने के लिए ज्यादा सुरक्षित होंगी.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में मिले सबसे पुरानी मानव सभ्यता के साक्ष्य! नई खोज में निकले हजारों साल पुराने शैल चित्र और औजार
प्रोफेसर कश्मीर सिंह ने कहा कि ये प्रयोग सबसे पहले अंगूर की फसल पर किया जा रहा है. अन्य फसलों पर उसके बाद किया जाएगा. फिलहाल अगले 2 सालों तक अंगूर की फसल को लेबोरेटरी में उगाया जाएगा. तब ये देखा जाएगा कि अगर ये पौधे खेतों में उगाए जाते हैं तो इसका दूसरे पौधों या मिट्टी पर कोई बुरा असर ना पड़े. सब कुछ सही पाए जाने के बाद इन्हें खेतों में उगाने के लिए सरकार से आज्ञा ली जाएगी.