ETV Bharat / state

ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने किए हैं ये इंतजाम

हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस (Black Fungus Haryana) का कहर भी जारी है. वहीं ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने भी कई इंतजाम किए हैं, जिसकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को जानकारी दी.

haryana black fungus update
haryana black fungus update
author img

By

Published : Jun 2, 2021, 4:30 AM IST

चंडीगढ़: देश भर के साथ-साथ हरियाणा में भी म्यूकोमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस नामक बीमारी से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने तत्परता दिखाते हुए पहले इस बीमारी को महामारी घोषित किया. इसके उपरांत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में इस बीमारी के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए. वहीं सात हजार एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन की व्यवस्था करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के नए म्यूटेंट में ब्लैक फंगस, येलो फंगस व व्हाइट फंगस के केस भी सामने आए. हरियाणा में भी पिछले कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं. कोरोना की लहर के अनुभव को देखते हुए सबसे पहले इस बीमारी को महामारी की श्रेणी में लिया गया ताकि प्रदेशवासियों के बचाव के लिए सभी आवश्यक कार्य तेजी से पूरे किए जाए.

प्रदेश में तेजी से बढ़ाए गए उपचार के लिए संसाधन

राज्य में ब्लैक फंगस के मामले सामने आते ही सरकार ने सबसे पहले सभी अस्पतालों को निर्देश दिए कि इस बीमारी का केस मिलने पर तुरंत नजदीकी मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जाए. इस बीमारी से लड़ने के लिए मेडिकल कॉलेजों में 20-20 बेड के वार्ड तैयार किए गए और भविष्य में मिलने वाली चुनौती का अनुमान लगाकर बेड की संख्या 75-75 कर दी गई. इसके अतिरिक्त वर्तमान में भी जिला स्तर पर निजी व सरकारी नागरिक अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था आरंभ कर दी गई.

ये भी पढ़ें- गोहाना: BPS मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 13 मरीजों का हुआ सफल ऑपरेशन, किसी के भी नहीं निकालने पड़े अंग

हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था आरंभ होने के साथ ही इलाज के लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया ताकि इस बीमारी से निपटने के लिए दवाओं की कालाबाजारी को रोका जा सके. सरकार का दावा है कि इससे ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कोई कमी नहीं रही. राज्य सरकार की ओर से महामारी से निपटने के लिए गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की तकनीकी समिति ने 515 मरीजों के लिए 975 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का अनुमोदन किया. ये डोज मरीज के वजन के अनुसार प्रति किलोग्राम पांच एमजी दी जाती है.

ऐसे दूर की आवश्यक दवाओं की कमी

म्यूकरमाइकोसिस के खिलाफ लड़ाई में दवाओं की निर्बाध आपूर्ति भी एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सात हजार इंजेक्शन के स्टॉक की व्यवस्था कर ली गई है. राज्य में स्वास्थ्य विभाग के पास 59 इंजेक्शन जिला अस्पतालों व 1110 इंजेक्शन इन स्टॉक है. वहीं दो हजार इंजेक्शन की आपूर्ति आरंभ हो चुकी है. पांच हजार इंजेक्शन खरीदने का ऑर्डर भी दिया जा चुका है. जिसके चलते ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार में आवश्यक दवा की कमी नहीं रहेगी.

बढ़ने लगी ठीक होकर घर लौटने वालों की संख्या

हरियाणा में एक दिन पहले 31 मई तक विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 734 थी. जबकि 118 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. राज्य में इस बीमारी से अब तक 75 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है. इस बीमारी के राज्य में अब तक आए 927 मामलों में सबसे अधिक मरीज गुरुग्राम में 242, रोहतक में 214 और हिसार में 211 मरीज उपचार के लिए पहुंचे हैं.

बता दें कि, 28 मई को हरियाणा सरकार ने सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजो को 7, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए 21 कुल मिलाकर 28 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति की थी. इस आपूर्ति में निरंतर सुधार से 31 मई तक सरकारी व सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों में 658, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपाचाराधीन मरीजों के लिए 500 इंजेक्शन पर पहुंच गई. एक पखवाड़े से भी कम समय में 28 डोज से एक दिन के भीतर 1158 इंजेक्शन की आपूर्ति हुई.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर में ब्लैक फंगस के 7 केस आए सामने, एक मरीज की निकालनी पड़ी थी आंखें

चंडीगढ़: देश भर के साथ-साथ हरियाणा में भी म्यूकोमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस नामक बीमारी से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने तत्परता दिखाते हुए पहले इस बीमारी को महामारी घोषित किया. इसके उपरांत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में इस बीमारी के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए. वहीं सात हजार एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन की व्यवस्था करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के नए म्यूटेंट में ब्लैक फंगस, येलो फंगस व व्हाइट फंगस के केस भी सामने आए. हरियाणा में भी पिछले कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं. कोरोना की लहर के अनुभव को देखते हुए सबसे पहले इस बीमारी को महामारी की श्रेणी में लिया गया ताकि प्रदेशवासियों के बचाव के लिए सभी आवश्यक कार्य तेजी से पूरे किए जाए.

प्रदेश में तेजी से बढ़ाए गए उपचार के लिए संसाधन

राज्य में ब्लैक फंगस के मामले सामने आते ही सरकार ने सबसे पहले सभी अस्पतालों को निर्देश दिए कि इस बीमारी का केस मिलने पर तुरंत नजदीकी मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जाए. इस बीमारी से लड़ने के लिए मेडिकल कॉलेजों में 20-20 बेड के वार्ड तैयार किए गए और भविष्य में मिलने वाली चुनौती का अनुमान लगाकर बेड की संख्या 75-75 कर दी गई. इसके अतिरिक्त वर्तमान में भी जिला स्तर पर निजी व सरकारी नागरिक अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था आरंभ कर दी गई.

ये भी पढ़ें- गोहाना: BPS मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 13 मरीजों का हुआ सफल ऑपरेशन, किसी के भी नहीं निकालने पड़े अंग

हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था आरंभ होने के साथ ही इलाज के लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया ताकि इस बीमारी से निपटने के लिए दवाओं की कालाबाजारी को रोका जा सके. सरकार का दावा है कि इससे ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कोई कमी नहीं रही. राज्य सरकार की ओर से महामारी से निपटने के लिए गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की तकनीकी समिति ने 515 मरीजों के लिए 975 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का अनुमोदन किया. ये डोज मरीज के वजन के अनुसार प्रति किलोग्राम पांच एमजी दी जाती है.

ऐसे दूर की आवश्यक दवाओं की कमी

म्यूकरमाइकोसिस के खिलाफ लड़ाई में दवाओं की निर्बाध आपूर्ति भी एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सात हजार इंजेक्शन के स्टॉक की व्यवस्था कर ली गई है. राज्य में स्वास्थ्य विभाग के पास 59 इंजेक्शन जिला अस्पतालों व 1110 इंजेक्शन इन स्टॉक है. वहीं दो हजार इंजेक्शन की आपूर्ति आरंभ हो चुकी है. पांच हजार इंजेक्शन खरीदने का ऑर्डर भी दिया जा चुका है. जिसके चलते ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार में आवश्यक दवा की कमी नहीं रहेगी.

बढ़ने लगी ठीक होकर घर लौटने वालों की संख्या

हरियाणा में एक दिन पहले 31 मई तक विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 734 थी. जबकि 118 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. राज्य में इस बीमारी से अब तक 75 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है. इस बीमारी के राज्य में अब तक आए 927 मामलों में सबसे अधिक मरीज गुरुग्राम में 242, रोहतक में 214 और हिसार में 211 मरीज उपचार के लिए पहुंचे हैं.

बता दें कि, 28 मई को हरियाणा सरकार ने सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजो को 7, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए 21 कुल मिलाकर 28 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति की थी. इस आपूर्ति में निरंतर सुधार से 31 मई तक सरकारी व सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों में 658, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपाचाराधीन मरीजों के लिए 500 इंजेक्शन पर पहुंच गई. एक पखवाड़े से भी कम समय में 28 डोज से एक दिन के भीतर 1158 इंजेक्शन की आपूर्ति हुई.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर में ब्लैक फंगस के 7 केस आए सामने, एक मरीज की निकालनी पड़ी थी आंखें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.