चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी टिकटों की घोषणा कर दी है. हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी केवल 78 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं और 12 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जानी अभी बाकी है. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत के साथ अभी तक सीटों का पेंच फंसा है, जिसके चलते ही बीजेपी ने 12 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है.
12 सीटों पर फंसा है पेंच
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के बीच कैसे रिश्ते हैं, ये किसी से छिपे नहीं हैं. राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अपना अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. यही कारण है कि बीजेपी की की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर काफी माथापच्ची हो रही है.
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सीएम और राव इंद्रजीत में खींचतान !
वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल का मानना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री काफी हद तक राव इंद्रजीत सिंह के इलाके में अपने करीबियों को टिकट दिलवाने में सफल रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो अपने करीब एक दर्जन उम्मीदवारों को टिकट दिलवाने में राव इंद्रजीत कामयाब रहे थे, जिसमें से कई बाद में विधायक बने और मंत्री पद तक भी पहुंचे.
नरेश कौशल ने कहा कि अभी तक हुए 78 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा को देखकर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने टिकट वितरण का तरीका पूरी तरह से ओल्ड रखा है. नरेश कौशल का कहना है कि पटौदी से भी बिमला चौधरी का टिकट इसलिए काटा गया, क्योंकि वो राव इंद्रजीत की काफी करीबी हैं.
क्यों कटा राव नरबीर और विपुल गोयल का टिकट ?
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह से राव नरबीर का टिकट काटा गया है, उससे ये माना जा रहा है कि ये फैसला पार्टी ने राव इंद्रजीत को खुश करने के लिए किया है. वहीं विपुल गोयल जो कि हरियाणा के उद्योग मंत्री हैं. उनका टिकट काटने के पीछे फरीदाबाद से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को खुश करना एक बड़ी वजह बताया जा रहा है.
हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जिस तरह से भाजपा ने दिलेरी दिखाते हुए कांग्रेस से पहले अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उससे भारतीय जनता पार्टी में नाराज लोगों में भगदड़ मचना स्वभाविक है. वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल मानते हैं कि आने वाले समय में टिकट काटे जाने से नाराज लोग इधर-उधर का रुख कर सकते हैं.
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अपनी बेटी को प्रोजेक्ट करना चाहते हैं इंद्रजीत
राजनीतिक जानकारों की मानें तो राव इंद्रजीत सिंह की तरफ से अपनी बेटी को टिकट दिलवाने को लेकर कोशिशें लगातार जारी हैं. राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर की तरफ से जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह का उदाहरण भी बीजेपी के सामने रखा जा रहा है. गौरतलब है कि चौधरी बीरेंद्र सिंह अभी राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि उनके बेटे हाल ही में हिसार से सांसद बने हैं और अब उनकी पत्नी प्रेमलता को फिर उचाना से बीजेपी ने टिकट दे दी है.
12 सीटों पर बीजेपी कब खोलेगी पत्ते?
गौरतलब है कि अभी तक हुए टिकट वितरण में हरियाणा के मुख्यमंत्री का दक्षिण हरियाणा में टिकट वितरण में अहम रोल देखा जा रहा है. दूसरी तरफ अहिरवाल क्षेत्र के बड़े नेता और दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले राव इंद्रजीत सिंह को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी कुछ पत्ते नहीं खोले हैं. सभी की निगाहें अभी 12 सीटों पर हैं, जिसके बाद राव इंद्रजीत का रिएक्शन क्या रहता है ये देखना होगा.
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