ETV Bharat / state

हरियाणा में बीजेपी की अभी 12 सीटों पर फंसा है पेंच, राव इंद्रजीत और सीएम में कौन पड़ा अभी तक भारी ? - bjp haryana candidate

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 78 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. अभी 12 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल से खास बातचीत की.

विधानसभा चुनाव
author img

By

Published : Oct 1, 2019, 6:41 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी टिकटों की घोषणा कर दी है. हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी केवल 78 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं और 12 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जानी अभी बाकी है. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत के साथ अभी तक सीटों का पेंच फंसा है, जिसके चलते ही बीजेपी ने 12 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है.

12 सीटों पर फंसा है पेंच
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के बीच कैसे रिश्ते हैं, ये किसी से छिपे नहीं हैं. राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अपना अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. यही कारण है कि बीजेपी की की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर काफी माथापच्ची हो रही है.

ये भी पढ़ें- करनाल जिले की 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने भरा पर्चा, 2 के नामांकन 3 अक्टूबर को

सीएम और राव इंद्रजीत में खींचतान !
वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल का मानना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री काफी हद तक राव इंद्रजीत सिंह के इलाके में अपने करीबियों को टिकट दिलवाने में सफल रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो अपने करीब एक दर्जन उम्मीदवारों को टिकट दिलवाने में राव इंद्रजीत कामयाब रहे थे, जिसमें से कई बाद में विधायक बने और मंत्री पद तक भी पहुंचे.

नरेश कौशल ने कहा कि अभी तक हुए 78 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा को देखकर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने टिकट वितरण का तरीका पूरी तरह से ओल्ड रखा है. नरेश कौशल का कहना है कि पटौदी से भी बिमला चौधरी का टिकट इसलिए काटा गया, क्योंकि वो राव इंद्रजीत की काफी करीबी हैं.

वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल से खास बातचीत, देखें वीडियो

क्यों कटा राव नरबीर और विपुल गोयल का टिकट ?
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह से राव नरबीर का टिकट काटा गया है, उससे ये माना जा रहा है कि ये फैसला पार्टी ने राव इंद्रजीत को खुश करने के लिए किया है. वहीं विपुल गोयल जो कि हरियाणा के उद्योग मंत्री हैं. उनका टिकट काटने के पीछे फरीदाबाद से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को खुश करना एक बड़ी वजह बताया जा रहा है.

हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जिस तरह से भाजपा ने दिलेरी दिखाते हुए कांग्रेस से पहले अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उससे भारतीय जनता पार्टी में नाराज लोगों में भगदड़ मचना स्वभाविक है. वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल मानते हैं कि आने वाले समय में टिकट काटे जाने से नाराज लोग इधर-उधर का रुख कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- टिकट कटने के बाद विपुल गोयल पलवल से मांग रहे टिकट तो राव नरबीर को रेवाड़ी से टिकट की उम्मीद

अपनी बेटी को प्रोजेक्ट करना चाहते हैं इंद्रजीत
राजनीतिक जानकारों की मानें तो राव इंद्रजीत सिंह की तरफ से अपनी बेटी को टिकट दिलवाने को लेकर कोशिशें लगातार जारी हैं. राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर की तरफ से जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह का उदाहरण भी बीजेपी के सामने रखा जा रहा है. गौरतलब है कि चौधरी बीरेंद्र सिंह अभी राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि उनके बेटे हाल ही में हिसार से सांसद बने हैं और अब उनकी पत्नी प्रेमलता को फिर उचाना से बीजेपी ने टिकट दे दी है.

12 सीटों पर बीजेपी कब खोलेगी पत्ते?
गौरतलब है कि अभी तक हुए टिकट वितरण में हरियाणा के मुख्यमंत्री का दक्षिण हरियाणा में टिकट वितरण में अहम रोल देखा जा रहा है. दूसरी तरफ अहिरवाल क्षेत्र के बड़े नेता और दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले राव इंद्रजीत सिंह को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी कुछ पत्ते नहीं खोले हैं. सभी की निगाहें अभी 12 सीटों पर हैं, जिसके बाद राव इंद्रजीत का रिएक्शन क्या रहता है ये देखना होगा.

ये भी पढ़ें- क्या कृष्णपाल गुर्जर से खट्टासभरा रिश्ता बना विपुल गोयल की टिकट कटने का कारण?

चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी टिकटों की घोषणा कर दी है. हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी केवल 78 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं और 12 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जानी अभी बाकी है. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत के साथ अभी तक सीटों का पेंच फंसा है, जिसके चलते ही बीजेपी ने 12 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है.

12 सीटों पर फंसा है पेंच
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के बीच कैसे रिश्ते हैं, ये किसी से छिपे नहीं हैं. राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अपना अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. यही कारण है कि बीजेपी की की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर काफी माथापच्ची हो रही है.

ये भी पढ़ें- करनाल जिले की 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने भरा पर्चा, 2 के नामांकन 3 अक्टूबर को

सीएम और राव इंद्रजीत में खींचतान !
वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल का मानना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री काफी हद तक राव इंद्रजीत सिंह के इलाके में अपने करीबियों को टिकट दिलवाने में सफल रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो अपने करीब एक दर्जन उम्मीदवारों को टिकट दिलवाने में राव इंद्रजीत कामयाब रहे थे, जिसमें से कई बाद में विधायक बने और मंत्री पद तक भी पहुंचे.

नरेश कौशल ने कहा कि अभी तक हुए 78 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा को देखकर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने टिकट वितरण का तरीका पूरी तरह से ओल्ड रखा है. नरेश कौशल का कहना है कि पटौदी से भी बिमला चौधरी का टिकट इसलिए काटा गया, क्योंकि वो राव इंद्रजीत की काफी करीबी हैं.

वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल से खास बातचीत, देखें वीडियो

क्यों कटा राव नरबीर और विपुल गोयल का टिकट ?
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह से राव नरबीर का टिकट काटा गया है, उससे ये माना जा रहा है कि ये फैसला पार्टी ने राव इंद्रजीत को खुश करने के लिए किया है. वहीं विपुल गोयल जो कि हरियाणा के उद्योग मंत्री हैं. उनका टिकट काटने के पीछे फरीदाबाद से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को खुश करना एक बड़ी वजह बताया जा रहा है.

हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जिस तरह से भाजपा ने दिलेरी दिखाते हुए कांग्रेस से पहले अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उससे भारतीय जनता पार्टी में नाराज लोगों में भगदड़ मचना स्वभाविक है. वरिष्ठ पत्रकार नरेश कौशल मानते हैं कि आने वाले समय में टिकट काटे जाने से नाराज लोग इधर-उधर का रुख कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- टिकट कटने के बाद विपुल गोयल पलवल से मांग रहे टिकट तो राव नरबीर को रेवाड़ी से टिकट की उम्मीद

अपनी बेटी को प्रोजेक्ट करना चाहते हैं इंद्रजीत
राजनीतिक जानकारों की मानें तो राव इंद्रजीत सिंह की तरफ से अपनी बेटी को टिकट दिलवाने को लेकर कोशिशें लगातार जारी हैं. राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर की तरफ से जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह का उदाहरण भी बीजेपी के सामने रखा जा रहा है. गौरतलब है कि चौधरी बीरेंद्र सिंह अभी राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि उनके बेटे हाल ही में हिसार से सांसद बने हैं और अब उनकी पत्नी प्रेमलता को फिर उचाना से बीजेपी ने टिकट दे दी है.

12 सीटों पर बीजेपी कब खोलेगी पत्ते?
गौरतलब है कि अभी तक हुए टिकट वितरण में हरियाणा के मुख्यमंत्री का दक्षिण हरियाणा में टिकट वितरण में अहम रोल देखा जा रहा है. दूसरी तरफ अहिरवाल क्षेत्र के बड़े नेता और दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले राव इंद्रजीत सिंह को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी कुछ पत्ते नहीं खोले हैं. सभी की निगाहें अभी 12 सीटों पर हैं, जिसके बाद राव इंद्रजीत का रिएक्शन क्या रहता है ये देखना होगा.

ये भी पढ़ें- क्या कृष्णपाल गुर्जर से खट्टासभरा रिश्ता बना विपुल गोयल की टिकट कटने का कारण?

Intro:एंकर -
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी टिकटों की घोषणा कर दी है । हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी केवल 78 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं 12 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जानी है अभी बाकी है । माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत के साथ अभी तक सीटों का पेच फंसा है जिसके चलते ही भारतीय जनता पार्टी की तरफ से टिकटें अनाउंस नहीं की जा रही हैं । वहीं राव इंद्रजीत के प्रभाव वालीपुर सीटों को पर उम्मीदवार नहीं हो पा रहे हैं हालांकि कई सीटों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री की चलती हुई नजर आई जिसके चलते ही मुख्यमंत्री ने अपने लोगों को उन सीटों पर मैदान में उतारा है । दूसरी तरफ राम इंद्रजीत के करीबी रहे विधायक बाद में मुख्यमंत्री के करीबी बनने वाले विधायकों को भी मुख्यमंत्री ने टिकटें दिलवाई हैं ।


Body:हरियाणा में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के बीच रही तल्ख़ियां किसी से छिपी नहीं है । रविंद्र जी दक्षिण हरियाणा के कई सीटों पर अपना अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने के समय काफी माथापच्ची बीजेपी को करनी पड़ी मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री काफी हद तक राव इंद्रजीत सिंह के इलाके में अपने करीबियों को टिकट दिलवाने में सफल रहे हैं । 2014 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो राव इंद्रजीत के अपने करीब एक दर्जन उम्मीदवारों को टिकट दिलवाने में राव इंद्रजीत कामयाब रहे थे जिसमें से कई बाद में विधायक बने और मंत्री पद तक भी पहुंचे । हालांकि अभी तक हुए 78 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा को देखकर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने टिकट वितरण में पूरी तरह से ओल्ड रखा है । पटोदी से राव इंद्रजीत के करीबी विधायक विमला चौधरी की टिकट भी काट दी गई इसके साथ मुख्यमंत्री ने विमला चौधरी की जगह जिन्हें मैदान में उतारा वो मुख्यमंत्री के काफी करीबी है । वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो जिस तरह से राव नरबीर की टिकट काटी गई है उसे राव इंद्रजीत को खुश करने का बीजेपी का कदम बताया जा रहा है । मनी विपुल गोयल जो कि हरियाणा के उद्योग मंत्री हैं उनकी टिकट काटने के पीछे फरीदाबाद से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को खुश करना एक बड़ी वजह बताया जा रहा है ।
one 2 one naresh kaushal
वीओ -
हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जिस तरह से भाजपा ने दिलेरी दिखाते हुए अपना आत्मविश्वास जाहिर करते हुए कांग्रेस से पहले अपने उम्मीदवार उतारे हैं उससे भारतीय जनता पार्टी में नाराज लोगों के भगदड़ मचना स्वाभाविक है । आने वाले समय में टिकट काटे जाने से नाराज लोग इधर-उधर रुख कर सकते हैं ।
one 2 one naresh kaushal
वीओ -
फिलहाल राव इंद्रजीत सिंह के दूसरी पार्टियों में जाने की संभावना को भी इंकार नहीं किया जा सकता , हालांकि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अभी 12 टिकटें होल्ड की गई हैं दूसरी तरफ राव इंद्रजीत सिंह के पास अब समय नहीं रह गया है ।राजनीतिक जानकारों की माने तो बीजेपी की तरफ से 12 सीटों पर अभी उम्मीदवार नहीं उतारे गए हैं इनमें से कई ऐसी सीटें है जिनपर राव की सीधी दिलचस्पी हो सकती है । टिकट वितरण से ठीक पहले गुरुग्राम से विधायक उमेश अग्रवाल ने ट्वीट करके राव नरबीर का समर्थन किया था हालांकि बाद में उनकी तरफ से किए गए ट्वीट को हटा लिया गया था । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राव के समर्थन में आने वाले समय में और भी नेता खड़े हो सकते हैं ।
one 2 one naresh kaushal
वीओ -
राजनीतिक जानकारों की माने तो राव इंदरजीत सिंह की तरफ से अपनी बेटी को टिकट दिलवाने को लेकर कोशिशें लगातार जारी हैं । राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर की तरफ से जाट नेता चौधरी बिरेंदर सिंह का उदाहरण भी बीजेपी के सामने रखा जा रहा है । गौरतलब है कि चौधरी बिरेंदर सिंह अभी राज्यसभा सदस्य हैं जबकि उनके बेटे हाल ही में हिसार से सांसद बने हैं जबकि उनकी पत्नी प्रेमलता को फिर उचाना से बीजेपी ने टिकट दे दी है । चौधरी बिरेंदर सिंह को दी जा रही इस प्राथमिकता के पीछे बीजेपी की तरफ से हरियाणा में जाटों को खास महत्व देना भी एक है क्योंकि कहीं ना कहीं चौधरी वीरेंद्र सिंह बड़े ने जाट नेताओं में शुमार हैं ।
one 2 one naresh kaushal


Conclusion:गौरतलब है कि अभी तक हुए टिकट वितरण में हरियाणा के मुख्यमंत्री का दक्षिण हरियाणा में टिकट वितरण में अहम रोल देखा जा रहा है दूसरी तरफ अहिरवार क्षेत्र के बड़े नेता और दक्षिण हरियाणा की कई सीटों पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले राव इंद्रजीत सिंह को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी कुछ पत्ते नहीं खोले हैं । सभी की निगाहें अभी 12 सीटों पर हैं जिसके बाद राव इंद्रजीत का रिएक्शन क्या रहता है यह देखना होगा साथ ही दूसरी लिस्ट में राव इंद्रजीत को कितनी तवज्जो दी जाती है यह भी देखना रहेगा ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.