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Bharat Jodo Yatra: क्या भारत जोड़ो यात्रा के सहारे राहुल गांधी बन पाएंगे विपक्ष के सर्वमान्य नेता?

भारत जोड़ो यात्रा के साथ कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2024) की भी तैयारी शुरू कर दी है. इसके साथ पार्टी ने राहुल गांधी को एक सर्वमान्य नेता के तौर पर पेश करने की भी तैयारी कर ली है. जानकारों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को पीएम नरेंद्र मोदी के मुकाबले आगे बढ़ाने के लिए तैयारी कर रही है.

bharat jodo yatra
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Published : Jan 13, 2023, 9:02 AM IST

ahul gandhi bharat jodo yatra
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा कांग्रेस

चंडीगढ़: राहुल गांधी इस वक्त अपनी भारत जोड़ो यात्रा (rahul gandhi bharat jodo yatra) के तहत पंजाब में हैं. राहुल गांधी की कन्याकुमारी से शुरू हुई इस यात्रा का समापन जम्मू कश्मीर में होगा. इस यात्रा के समापन के मौके पर जम्मू कश्मीर में कांग्रेस पार्टी बहुत बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में है. राहुल गांधी को विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनाने के लिए कांग्रेस ने 30 जनवरी को तमाम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को पत्र लिखकर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है. पार्टी तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के तहत उन्हें सर्वमान्य नेता बनाने की कोशिश जरूर कर रही है.

ahul gandhi bharat jodo yatra
हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा दो चरणों में पूरी हुई.

क्या राहुल गांधी बन पाएंगे विपक्ष के सर्वमान्य नेता? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी सर्वमान्य नेता विपक्ष (political significance of bharat jodo yatra) बन पाएंगे या नहीं ये तो अलग बात है, लेकिन इस यात्रा के सहारे उन्होंने अपनी छवि को बदलने में जरूर कहीं ना कहीं सफलता हासिल की है. राहुल गांधी विपक्ष के सर्वमान्य नेता तभी बन सकते हैं. जब सभी दल उनके साथ एक झंडे के नीचे आकर खड़े हो, लेकिन आज की राजनीति के वक्त में इसकी संभावनाएं कम ही दिखाई देती हैं.

ahul gandhi bharat jodo yatra
राहुल गांधी के साथ राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा

प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि क्योंकि विपक्षी दलों में खास तौर पर आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और तृणमूल कांग्रेस जैसी कई दल हैं, जिनके नेता खुद प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं. ऐसे में जो अन्य दल हैं. वो तो शायद कांग्रेस के साथ खड़े भी हो जाएं, लेकिन इन दलों के नेता शायद ही कांग्रेस के साथ एक मंच पर आकर 2024 का चुनाव (lok sabha election 2024) लड़े. उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं से हमेशा भारी रहती है. ऐसे में कुछ भी हो सकता है. भले ही कांग्रेस पार्टी तमाम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक झंडे के नीचे लाने का प्रयास कर राहुल गांधी को विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनना चाह रही हो, लेकिन क्या इससे कांग्रेस 2024 में सत्ता हासिल कर लेगी.

ahul gandhi bharat jodo yatra
राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर महाआरती की थी.

इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या यूं कहें बीजेपी को अगर सत्ता से हटाना है, तो इसमें कोई दो राय नहीं कि तमाम विपक्षी दलों को एक साथ मजबूती के साथ खड़ा होना होगा, तभी जाकर वो आज के दौर में बीजेपी को टक्कर दे पाएंगे, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी ये है कि कांग्रेस पार्टी खुद की ताकत को बढ़ाएं, क्योंकि अभी जो लोकसभा के आंकड़ों का परिदृश्य है. उसको देखते हुए कांग्रेस पार्टी को आगामी चुनाव में अपने लोकसभा की सीटों के आंकड़े को बड़ा करना होगा. तभी जाकर वह उस उद्देश्य को हासिल कर पाएंगे, जिसके तहत पार्टी तमाम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को इकट्ठा करने की कोशिश कर रही हैं.

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हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ किसान नेता राकेश टिकैत

ये भी पढ़ें- Bharat Jodo Yatra in Haryana: जानिए हरियाणा में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के क्या है मायने?

2023 में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव कर देंगे स्थिति साफ! राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उन्हें विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनाएगी या नहीं इसको लेकर तो राजनीतिक चर्चा चलती रहेगी, लेकिन राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि साल 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. अगर इन चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी, बीजेपी को मात देने में कामयाब होती है तो फिर आने वाले समय के लिए भी एक माहौल बनना तैयार होगा. जिसका सीधा असर हमें 2024 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है, क्योंकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. तो ऐसे में उसे पहले होने वाले लोकसभा चुनाव ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि बीजेपी के लिए भी अहम है. ऐसे में बीजेपी भी इन चुनावों को हल्के में नहीं लेगी.

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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा कांग्रेस

चंडीगढ़: राहुल गांधी इस वक्त अपनी भारत जोड़ो यात्रा (rahul gandhi bharat jodo yatra) के तहत पंजाब में हैं. राहुल गांधी की कन्याकुमारी से शुरू हुई इस यात्रा का समापन जम्मू कश्मीर में होगा. इस यात्रा के समापन के मौके पर जम्मू कश्मीर में कांग्रेस पार्टी बहुत बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में है. राहुल गांधी को विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनाने के लिए कांग्रेस ने 30 जनवरी को तमाम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को पत्र लिखकर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है. पार्टी तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के तहत उन्हें सर्वमान्य नेता बनाने की कोशिश जरूर कर रही है.

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हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा दो चरणों में पूरी हुई.

क्या राहुल गांधी बन पाएंगे विपक्ष के सर्वमान्य नेता? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी सर्वमान्य नेता विपक्ष (political significance of bharat jodo yatra) बन पाएंगे या नहीं ये तो अलग बात है, लेकिन इस यात्रा के सहारे उन्होंने अपनी छवि को बदलने में जरूर कहीं ना कहीं सफलता हासिल की है. राहुल गांधी विपक्ष के सर्वमान्य नेता तभी बन सकते हैं. जब सभी दल उनके साथ एक झंडे के नीचे आकर खड़े हो, लेकिन आज की राजनीति के वक्त में इसकी संभावनाएं कम ही दिखाई देती हैं.

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राहुल गांधी के साथ राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा

प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि क्योंकि विपक्षी दलों में खास तौर पर आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और तृणमूल कांग्रेस जैसी कई दल हैं, जिनके नेता खुद प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं. ऐसे में जो अन्य दल हैं. वो तो शायद कांग्रेस के साथ खड़े भी हो जाएं, लेकिन इन दलों के नेता शायद ही कांग्रेस के साथ एक मंच पर आकर 2024 का चुनाव (lok sabha election 2024) लड़े. उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं से हमेशा भारी रहती है. ऐसे में कुछ भी हो सकता है. भले ही कांग्रेस पार्टी तमाम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक झंडे के नीचे लाने का प्रयास कर राहुल गांधी को विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनना चाह रही हो, लेकिन क्या इससे कांग्रेस 2024 में सत्ता हासिल कर लेगी.

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राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर महाआरती की थी.

इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या यूं कहें बीजेपी को अगर सत्ता से हटाना है, तो इसमें कोई दो राय नहीं कि तमाम विपक्षी दलों को एक साथ मजबूती के साथ खड़ा होना होगा, तभी जाकर वो आज के दौर में बीजेपी को टक्कर दे पाएंगे, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी ये है कि कांग्रेस पार्टी खुद की ताकत को बढ़ाएं, क्योंकि अभी जो लोकसभा के आंकड़ों का परिदृश्य है. उसको देखते हुए कांग्रेस पार्टी को आगामी चुनाव में अपने लोकसभा की सीटों के आंकड़े को बड़ा करना होगा. तभी जाकर वह उस उद्देश्य को हासिल कर पाएंगे, जिसके तहत पार्टी तमाम समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को इकट्ठा करने की कोशिश कर रही हैं.

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हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ किसान नेता राकेश टिकैत

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2023 में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव कर देंगे स्थिति साफ! राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उन्हें विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनाएगी या नहीं इसको लेकर तो राजनीतिक चर्चा चलती रहेगी, लेकिन राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि साल 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. अगर इन चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी, बीजेपी को मात देने में कामयाब होती है तो फिर आने वाले समय के लिए भी एक माहौल बनना तैयार होगा. जिसका सीधा असर हमें 2024 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है, क्योंकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. तो ऐसे में उसे पहले होने वाले लोकसभा चुनाव ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि बीजेपी के लिए भी अहम है. ऐसे में बीजेपी भी इन चुनावों को हल्के में नहीं लेगी.

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