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वैक्सीन वितरण को लेकर पीएम मोदी ने सीएम से की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक

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Published : Jan 12, 2021, 7:02 AM IST

Updated : Jan 12, 2021, 7:41 AM IST

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पहले दो चरणों (हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स) के 60 प्रतिशत टीकाकरण को पूरा करने के बाद, भविष्य की रणनीतियों के लिए सभी राज्यों के साथ एक बार फिर समीक्षा की जाएगी.

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वैक्सीन वितरण को लेकर पीएम मोदी ने सीएम से की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक

चंडीगढ़: देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. इसको लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 वैक्सीन रोल आउट योजना की समीक्षा के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ से जुड़कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लिया.

को-विन के जरिए लाभार्थी होंगे रियल टाइम ट्रैक

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैक्सिनेशन के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म को-विन विकसित किया है, जिस पर प्रत्येक लाभार्थी और वैक्सीन को रियल टाइम डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाएगा. टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को क्यूआर कोड के साथ एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.

वैक्सीन सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक है

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के कोविड-19 वैक्सिनेशन की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी. डॉ. वीके पॉल, सदस्य स्वास्थ्य, नीति अयोग ने सदन को बताया कि दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन, जो भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत हैं, सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं. उन्होंने बताया कि इन वैक्सीन को विकसित करने के दौरान विश्व स्तर पर पालन किए जाने वाले सभी मापदंडों का पालन किया गया है और ये वैक्सीन सुरक्षित हैं.

'टीकाकरण के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता में वक्त लगेगा'

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 वैक्सीन के विस्तृत कार्यक्रम की व्याख्या की. उन्होंने बताया कि दो खुराक 28 दिन के अंतराल पर दी जाएगी. उन्होंने कोविड ऐप्रोप्रिएट व्यवहार के मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि सभी तरह की सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं, क्योंकि वैक्सीन के बाद भी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में कुछ समय लगेगा.

स्वास्थ्य कर्मियों के टीके का खर्चा केंद्र वहन करेगा

प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को कहा कि पहले और दूसरे चरण में लगभग 3 करोड़ हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कवर किया जाएगा और सभी खर्चों को केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पहले दो चरणों (हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स) के 60 प्रतिशत टीकाकरण को पूरा करने के बाद, भविष्य की रणनीतियों के लिए सभी राज्यों के साथ एक बार फिर समीक्षा की जाएगी.

ये पढ़ें- 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन: यमुनानगर में 6 स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा टीकाकरण

सीएम के साथ-साथ तमाम बड़े अधिकारी रहे मौजूद

चंडीगढ़ से बैठक में मुख्य सचिव विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा और एनएचएम, हरियाणा के प्रबंध निदेशक प्रभजोत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

चंडीगढ़: देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. इसको लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 वैक्सीन रोल आउट योजना की समीक्षा के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ से जुड़कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लिया.

को-विन के जरिए लाभार्थी होंगे रियल टाइम ट्रैक

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैक्सिनेशन के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म को-विन विकसित किया है, जिस पर प्रत्येक लाभार्थी और वैक्सीन को रियल टाइम डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाएगा. टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को क्यूआर कोड के साथ एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.

वैक्सीन सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक है

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के कोविड-19 वैक्सिनेशन की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी. डॉ. वीके पॉल, सदस्य स्वास्थ्य, नीति अयोग ने सदन को बताया कि दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन, जो भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत हैं, सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं. उन्होंने बताया कि इन वैक्सीन को विकसित करने के दौरान विश्व स्तर पर पालन किए जाने वाले सभी मापदंडों का पालन किया गया है और ये वैक्सीन सुरक्षित हैं.

'टीकाकरण के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता में वक्त लगेगा'

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 वैक्सीन के विस्तृत कार्यक्रम की व्याख्या की. उन्होंने बताया कि दो खुराक 28 दिन के अंतराल पर दी जाएगी. उन्होंने कोविड ऐप्रोप्रिएट व्यवहार के मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि सभी तरह की सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं, क्योंकि वैक्सीन के बाद भी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में कुछ समय लगेगा.

स्वास्थ्य कर्मियों के टीके का खर्चा केंद्र वहन करेगा

प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को कहा कि पहले और दूसरे चरण में लगभग 3 करोड़ हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कवर किया जाएगा और सभी खर्चों को केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पहले दो चरणों (हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स) के 60 प्रतिशत टीकाकरण को पूरा करने के बाद, भविष्य की रणनीतियों के लिए सभी राज्यों के साथ एक बार फिर समीक्षा की जाएगी.

ये पढ़ें- 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन: यमुनानगर में 6 स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा टीकाकरण

सीएम के साथ-साथ तमाम बड़े अधिकारी रहे मौजूद

चंडीगढ़ से बैठक में मुख्य सचिव विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा और एनएचएम, हरियाणा के प्रबंध निदेशक प्रभजोत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

Last Updated : Jan 12, 2021, 7:41 AM IST
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