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फरीदाबाद में खुला पहला प्लाज्मा सेंटर, NCR के मरीजों के इलाज में मिलेगी मदद - प्लाज्मा सेंटर उद्घाटन दिल्ली एनसीआर कोरोना मरीज

फरीदाबाद के पहले प्लाज्मा सेंटर का उद्घाटन हो गया है. प्लाज्मा सेंटर फरीदाबाद के तीन नंबर ईएसआई मेडिकल कॉलेज में बनाया गया है. प्लाज्मा सेंटर के बनने से दिल्ली एनसीआर के कोरोना मरीजों के इलाज में मदद होगी.

plasma center inaugurated by santosh kumar gangwar for delhi ncr corona patients
प्लाज्मा सेंटर का उद्घाटन
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Published : Aug 7, 2020, 7:34 PM IST

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा सहित पूरे देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए हरियाणा के फरीदाबाद में प्लाज्मा सेंटर का उद्घाटन किया गया है. इस प्लाज्मा सेंटर का उद्घाटन हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार की मौजूदगी में दिल्ली से किया.

हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उद्घाटन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े. बता दें कि, दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए ये प्लाज्मा सेंटर खोला गया है. प्लाज्मा सेंटर फरीदाबाद के तीन नंबर ईएसआई मेडिकल कॉलेज में बनाया गया है.

फरीदाबाद को मिला पहला प्लाज्मा सेंटर

क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी?

जब किसी संक्रमित मरीज का शरीर एंटीबॉडीज बना कर किसी वायरस को मात दे देता है तो इसके बाद भी लंबे समय तक वो एंटीबॉडीज प्लाज्मा के साथ उसके खून में मौजूद रहती हैं. प्लाज्मा थेरेपी में ठीक हुए मरीज के ब्लड से इसी एंटीबॉडीज को निकालकर कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के शरीर में डाली जाती हैं. शरीर में पहुंचते ही ये एंटीबॉडीज ठीक वैसे ही इस शरीर में भी कोरोना वायरस को बेअसर कर देता है. जैसे उसने ये एंटीबॉडीज देने वाले शख्स के शरीर में किया था.

कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट?

कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुआ कोई मरीज प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. सबसे पहले उसे पूरी प्रकिया के बारे में समझाया जाता है. प्लाज्मा डोनेट करने के लिए मरीज की सहमति ली जाती है. डोनर को बताया जाता है कि आप जनहित में ऐसा कर रहे हैं ताकि दूसरे दूसरे लोगों की जान बचाई जा सके. डोनर का नाम, पता, फोन नंबर समेत सभी जानकारी ली जाती हैं. इसके बाद चेक लिस्ट के आधार पर डोनर की मेडिकल हिस्ट्री देखी जाती है और फिर सब कुछ ठी होने पर इलाज के लिए उसका प्लाज्मा लिया जाता है.

ये भी पढ़ें- Birthday Special: हरियाणा की वो पर्वतारोही जिसके साहस के आगे छोटी हैं विश्व की ऊंची चोटियां

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा सहित पूरे देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए हरियाणा के फरीदाबाद में प्लाज्मा सेंटर का उद्घाटन किया गया है. इस प्लाज्मा सेंटर का उद्घाटन हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार की मौजूदगी में दिल्ली से किया.

हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उद्घाटन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े. बता दें कि, दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए ये प्लाज्मा सेंटर खोला गया है. प्लाज्मा सेंटर फरीदाबाद के तीन नंबर ईएसआई मेडिकल कॉलेज में बनाया गया है.

फरीदाबाद को मिला पहला प्लाज्मा सेंटर

क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी?

जब किसी संक्रमित मरीज का शरीर एंटीबॉडीज बना कर किसी वायरस को मात दे देता है तो इसके बाद भी लंबे समय तक वो एंटीबॉडीज प्लाज्मा के साथ उसके खून में मौजूद रहती हैं. प्लाज्मा थेरेपी में ठीक हुए मरीज के ब्लड से इसी एंटीबॉडीज को निकालकर कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के शरीर में डाली जाती हैं. शरीर में पहुंचते ही ये एंटीबॉडीज ठीक वैसे ही इस शरीर में भी कोरोना वायरस को बेअसर कर देता है. जैसे उसने ये एंटीबॉडीज देने वाले शख्स के शरीर में किया था.

कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट?

कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुआ कोई मरीज प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. सबसे पहले उसे पूरी प्रकिया के बारे में समझाया जाता है. प्लाज्मा डोनेट करने के लिए मरीज की सहमति ली जाती है. डोनर को बताया जाता है कि आप जनहित में ऐसा कर रहे हैं ताकि दूसरे दूसरे लोगों की जान बचाई जा सके. डोनर का नाम, पता, फोन नंबर समेत सभी जानकारी ली जाती हैं. इसके बाद चेक लिस्ट के आधार पर डोनर की मेडिकल हिस्ट्री देखी जाती है और फिर सब कुछ ठी होने पर इलाज के लिए उसका प्लाज्मा लिया जाता है.

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