चंडीगढ़: पीजीआई प्रशासन ने महिला सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. प्रशासन ने महिला रेजिडेंट डॉक्टरों को मैटरनिटी लीव की मंजूरी दे दी है. महिला डॉक्टर लंबे समय से इसकी मांग कर रही थीं. आखिरकार लंबे इंतजार के बाद प्रशासन ने डीएम,एमसीएच और एमडी,एमएस कोर्स करने वाली सभी महिला डॉक्टर के लिए मैटरनिटी लीव को मंजूरी दे दी.
पीजीआई प्रशासन का यह निर्णय उन महिला रेजिडेंट्स को समर्थन देने के लिए लिया गया है जो मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि वे अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक जिम्मेदारियों को भी प्रभावी ढंग से संतुलित कर सके. बता दें कि नई नीति के अनुसार एक बच्चे की उम्मीद करने वाली महिला डॉक्टर को मैटरनिटी लीव का लाभ दिया जाएगा. इस दौरान उन्हें संस्थान में काम करने की विस्तारित अवधि के दौरान वेतन का भुगतान भी किया जाएगा.
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ऐसे में नीति को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. पीजीआई का यह निर्णय उन महिला रेजिडेंट डॉक्टर को राहत प्रदान करेगा जो अपनी पढ़ाई और पारिवारिक जीवन को संतुलित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं. जानकारी के मुताबिक मैटरनिटी लीव मिलने से अब पीजीआई में पढ़ाई कर रहीं महिला डॉक्टर को बीच में पढ़ाई नहीं छोड़नी पड़ेगी. इसके साथ ही उन्हें मैटरनिटी लीव नहीं मिलने से होने वाली परेशानियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा.
इस निर्णय से महिला डॉक्टरों को गर्भावस्था और प्रसव की चुनौतियों के शैक्षणिक कार्यक्रम के प्रबंधन से जुड़े तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलेगी. पहले मैटरनिटी लीव लेने वाली महिला डॉक्टरों को छुट्टी की भरपाई के लिए विस्तारित अवधि के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ता था. एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स पीजीआई के अध्यक्ष डॉ. नवीन ने कहा कि संस्थान ने इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान महिला डॉक्टरों का समर्थन कर इनकी आवश्यकता को पहचाना है. काम की विस्तारित अवधि के दौरान वजीफे का भुगतान करने का निर्णय का उन्होंने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह उन महिला रेजिडेंट डॉक्टरों को बहुत राहत प्रदान करेगा जो अपनी गर्भावस्था और प्रसव के दौरान दोनों जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं.