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चंडीगढ़ में अपार्टमेंट एक्ट के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन, प्रशासन के फैसले से प्रॉपर्टी के लेन देन हो रही परेशानी - अपार्टमेंट एक्ट ताजा समाचार

चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयर होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन और बाकी संगठनों ने मिलकर शनिवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया. करीब 40 हजार लोग अपार्टमेंट एक्ट का विरोध कर रहे हैं.

property share holder welfare association
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Published : Feb 12, 2023, 4:29 PM IST

चंडीगढ़: रविवार को चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयर होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य ‌संबधी संगठनों ने सेक्टर 17 नीलम थियेटर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन के प्रॉपर्टी को लिए लेकर बनाए गए नियम से 40 हजार लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. जो एसओपी वीरवार को जारी की गई है, उसमें केवल फैमिली के भीतर ही शेयरवाइज रजिस्ट्री का प्रावधान है. जिससे कई परिवारों की प्रॉपर्टी को बेचकर मिलने वाले फायदे में दिक्कत आ रही है.

जब चंडीगढ़ प्रशासन से बार-बार बात करने के बाद भी नतीजा नहीं निकला, तो सभी संगठनों ने प्रशासन के ‌ख‌िलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए ब्लैक डे मनाया. एसोसिएशन के सदस्य ने बताया कि शहर में इस समय प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं की जा रही है. ऐसे में प्रशासन की एसओपी से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसलिए सभी संगठन चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ लामबंद होते हुए धरना प्रदर्शन दिया गया. बता दें कि अपार्टमेंट एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ प्रशासन का वीरवार को बड़ा फैसला सामने आया था.

इस फैसले के अनुसार केवल फैमिली में ही प्रॉपर्टी की बेची, ट्रांसफर व गिफ्ट डीड की वसीयत हो सकेगी. एक फैमिली से ही को-ऑनर है, तो तभी बिल्डिंग व रिवाइज्ड बिल्डिंग प्लान पर विचार किया जाएगा. वसीयत में केवल फैमिली मेंबर्स के शेयर ही मान्य होंगे. परिवार के किसी एक या ज्यादा व्यक्तियों ने पूरी 100 प्रतिशत प्रॉपर्टी खरीद ली है, तो ये तभी ट्रांसफर हो सकेगी. सेल, गिफ्ट या ट्रांसफर डीड है और उसकी अगर 10 जनवरी 2023 तक रजिस्ट्रेशन हो चुकी है, तो नियमों के अनुसार इसकी जमाबंदी हो पाएगी.

ये भी प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के रेजिडेंशियल अपार्टमेंट एवं एस्टेट ऑफिस के दी चंडीगढ़ अपार्टमेंट रूल्स, 2001 पर सुप्रीम कोर्ट के अपार्टमेंट एक्ट को लेकर दिये गए आदेश का असर नहीं होगा. प्रशासन ने ये भी कहा है कि सभी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी जो इस निर्णय की जद में नहीं आती, उनकी ट्रांसफर व म्यूटेशन (जमाबंदी) तब तक नहीं की जाएगी. जब तक इस मसले पर हेरिटेज कमेटी कोई निर्णय ना ले ले. यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2023 को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं चंडीगढ़ प्रशासन के मामले में अपार्टमेंटों की बेच व खरीद पर रोक लगा दी थी.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में क्लर्कों का प्रदर्शन: बीजेपी विधायक के आवास का घेराव कर सौंपा ज्ञापन

प्रशासन उसी दिन से कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहा था. उसी के अनुसार वीरवार को प्रशासन ने चंडीगढ़ में रेजीडेंशियल बिल्डिंगों को लेकर ये निर्णय लिये. जिसके बाद चंडीगढ़ के 40 हजार लोगों को प्रशासन के फैसले के कारण प्रॉपर्टी के लेन देन में परेशानी हो रही है. इसी के विरोध में रविवार को चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयर होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य ‌संबधी संगठनों की ओर से सेक्टर 17 के नीलम थियेटर के बाहर धरना प्रदर्शन किया.

चंडीगढ़: रविवार को चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयर होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य ‌संबधी संगठनों ने सेक्टर 17 नीलम थियेटर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन के प्रॉपर्टी को लिए लेकर बनाए गए नियम से 40 हजार लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. जो एसओपी वीरवार को जारी की गई है, उसमें केवल फैमिली के भीतर ही शेयरवाइज रजिस्ट्री का प्रावधान है. जिससे कई परिवारों की प्रॉपर्टी को बेचकर मिलने वाले फायदे में दिक्कत आ रही है.

जब चंडीगढ़ प्रशासन से बार-बार बात करने के बाद भी नतीजा नहीं निकला, तो सभी संगठनों ने प्रशासन के ‌ख‌िलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए ब्लैक डे मनाया. एसोसिएशन के सदस्य ने बताया कि शहर में इस समय प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं की जा रही है. ऐसे में प्रशासन की एसओपी से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसलिए सभी संगठन चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ लामबंद होते हुए धरना प्रदर्शन दिया गया. बता दें कि अपार्टमेंट एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ प्रशासन का वीरवार को बड़ा फैसला सामने आया था.

इस फैसले के अनुसार केवल फैमिली में ही प्रॉपर्टी की बेची, ट्रांसफर व गिफ्ट डीड की वसीयत हो सकेगी. एक फैमिली से ही को-ऑनर है, तो तभी बिल्डिंग व रिवाइज्ड बिल्डिंग प्लान पर विचार किया जाएगा. वसीयत में केवल फैमिली मेंबर्स के शेयर ही मान्य होंगे. परिवार के किसी एक या ज्यादा व्यक्तियों ने पूरी 100 प्रतिशत प्रॉपर्टी खरीद ली है, तो ये तभी ट्रांसफर हो सकेगी. सेल, गिफ्ट या ट्रांसफर डीड है और उसकी अगर 10 जनवरी 2023 तक रजिस्ट्रेशन हो चुकी है, तो नियमों के अनुसार इसकी जमाबंदी हो पाएगी.

ये भी प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के रेजिडेंशियल अपार्टमेंट एवं एस्टेट ऑफिस के दी चंडीगढ़ अपार्टमेंट रूल्स, 2001 पर सुप्रीम कोर्ट के अपार्टमेंट एक्ट को लेकर दिये गए आदेश का असर नहीं होगा. प्रशासन ने ये भी कहा है कि सभी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी जो इस निर्णय की जद में नहीं आती, उनकी ट्रांसफर व म्यूटेशन (जमाबंदी) तब तक नहीं की जाएगी. जब तक इस मसले पर हेरिटेज कमेटी कोई निर्णय ना ले ले. यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2023 को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं चंडीगढ़ प्रशासन के मामले में अपार्टमेंटों की बेच व खरीद पर रोक लगा दी थी.

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प्रशासन उसी दिन से कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहा था. उसी के अनुसार वीरवार को प्रशासन ने चंडीगढ़ में रेजीडेंशियल बिल्डिंगों को लेकर ये निर्णय लिये. जिसके बाद चंडीगढ़ के 40 हजार लोगों को प्रशासन के फैसले के कारण प्रॉपर्टी के लेन देन में परेशानी हो रही है. इसी के विरोध में रविवार को चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयर होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य ‌संबधी संगठनों की ओर से सेक्टर 17 के नीलम थियेटर के बाहर धरना प्रदर्शन किया.

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