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हरियाणा में अब बुजुर्ग पेड़ों को मिलेगी पेंशन, सीधे मालिक के खाते में भेजा जायेगा पैसा, जानिए किसे और कैसे मिलेगी राशि - हरियाणा में बुजुर्ग पेड़ों के लिए पेंशन योजना

हरियाणा में अब पेड़ों को पेंशन (Pension to trees in Haryana) मिलेगी. सरकार ने इसके लिए योजना बनाकर उसकी अधिसूचना जारी कर दी है. किन पेड़ों को पेंशन मिलेगी, ये पेंशन कितनी मिलेगी, इस बारे में वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने ज्यादा जानकारी दी.

tree pension in haryana
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Published : Jun 20, 2023, 9:47 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार बुजुर्गों की तर्ज पर 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के पेड़ों को भी पेंशन देगी. इस संबंध में सरकार ने 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' तैयार करके अधिसूचित भी कर दी है. अब लोग अपने घर के आंगन में खड़े और खेत में लगे हुए 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ों की पेंशन के हकदार होंगे. हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने इस मामले में ज्यादा जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में बुजुर्ग पेड़ों को जल्द मिलेगी पेंशन! वन विभाग ने लिस्ट बनानी की शुरू

कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रयासरत है. उन्होंने पेड़ों को 'प्राण वायु देवता' की संज्ञा देते हुए कहा कि पेड़-पौधों से ही हमें जीवन-रक्षक ऑक्सीजन मिलती है. अगर हम सचेत नहीं हुए तो पेड़ों की कटाई से ऑक्सीजन की उपलब्धता मुश्किल हो जाएगी. ऑक्सीजन की आवश्यकता एवं विकटता को पूरा विश्व कोरोना काल में भली-भांति देख चुका है.

पेड़ पेंशन कितनी मिलेगी- कंवर पाल ने 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' को राज्य के लोगों के लिए जीवनदायिनी बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने वैसे तो सभी पेड़-पौधों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है परन्तु 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ अपने फैलाव के कारण अधिक ऑक्सीजन देते हैं. इसीलिए सरकार ने इन बड़े पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए नई स्कीम बनाई है. इन पेड़ों के रखरखाव के लिए हर साल 2500 हजार रुपये दिये जायेंगे. फिलहाल यह स्कीम 5 साल के लिए बनाई गई है. बाद में आवश्यकता एवं सुझावों के आधार पर इसमें आगे सुधार किया जाता रहेगा.

किन पेड़ों को मिलेगी पेंशन- वन मंत्री ने बताया कि इसमें एक ही बीज से उत्पन्न पेड़ों को शामिल किया गया है. फिकस बेंघालेंसिस (भारतीय बरगद) की तरह एक बीज से उत्पन्न होने वाले पेड़ों के उपवन को भी एक ही पेड़ माना जाएगा. इस स्कीम में गिरे हुए पेड़, खोखले, मृत, सूखे और रोगग्रस्त पेड़ शामिल नहीं किये जायेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि वन भूमि पर खड़े पेड़ इस योजना के तहत कवर नहीं किए जाएंगे.

पेड़ों का चयन कैसे होगा- पर्यावरण मंत्री ने आगे बताया कि 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' में 75 वर्ष से अधिक आयु के किन-किन पेड़ों को शामिल किया जाएगा, यह निर्णय एक कमेटी द्वारा किया जाएगा. यह कमेटी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की अध्यक्षता में बनाई जाएगी. कंवर पाल कहा कि प्राण वायु देवता पेड़ के रख-रखाव के लिए राज्य सरकार द्वारा 2500 रुपये वार्षिक पेंशन दी जाएगी. यह राशि पेड़ के मालिक के बैंक खाते में भेज दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्राण वायु देवता पेड़ की पेंशन हर वर्ष 'ओल्ड ऐज सम्मान पेंशन स्कीम' की तर्ज पर हर बढ़ाई जाती रहेगी.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में पेंशन के लिए पेड़ों की पहचान हुई, जानिए किसे और कितना मिलेगा पैसा

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार बुजुर्गों की तर्ज पर 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के पेड़ों को भी पेंशन देगी. इस संबंध में सरकार ने 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' तैयार करके अधिसूचित भी कर दी है. अब लोग अपने घर के आंगन में खड़े और खेत में लगे हुए 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ों की पेंशन के हकदार होंगे. हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने इस मामले में ज्यादा जानकारी दी.

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कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रयासरत है. उन्होंने पेड़ों को 'प्राण वायु देवता' की संज्ञा देते हुए कहा कि पेड़-पौधों से ही हमें जीवन-रक्षक ऑक्सीजन मिलती है. अगर हम सचेत नहीं हुए तो पेड़ों की कटाई से ऑक्सीजन की उपलब्धता मुश्किल हो जाएगी. ऑक्सीजन की आवश्यकता एवं विकटता को पूरा विश्व कोरोना काल में भली-भांति देख चुका है.

पेड़ पेंशन कितनी मिलेगी- कंवर पाल ने 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' को राज्य के लोगों के लिए जीवनदायिनी बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने वैसे तो सभी पेड़-पौधों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है परन्तु 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ अपने फैलाव के कारण अधिक ऑक्सीजन देते हैं. इसीलिए सरकार ने इन बड़े पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए नई स्कीम बनाई है. इन पेड़ों के रखरखाव के लिए हर साल 2500 हजार रुपये दिये जायेंगे. फिलहाल यह स्कीम 5 साल के लिए बनाई गई है. बाद में आवश्यकता एवं सुझावों के आधार पर इसमें आगे सुधार किया जाता रहेगा.

किन पेड़ों को मिलेगी पेंशन- वन मंत्री ने बताया कि इसमें एक ही बीज से उत्पन्न पेड़ों को शामिल किया गया है. फिकस बेंघालेंसिस (भारतीय बरगद) की तरह एक बीज से उत्पन्न होने वाले पेड़ों के उपवन को भी एक ही पेड़ माना जाएगा. इस स्कीम में गिरे हुए पेड़, खोखले, मृत, सूखे और रोगग्रस्त पेड़ शामिल नहीं किये जायेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि वन भूमि पर खड़े पेड़ इस योजना के तहत कवर नहीं किए जाएंगे.

पेड़ों का चयन कैसे होगा- पर्यावरण मंत्री ने आगे बताया कि 'द हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम' में 75 वर्ष से अधिक आयु के किन-किन पेड़ों को शामिल किया जाएगा, यह निर्णय एक कमेटी द्वारा किया जाएगा. यह कमेटी डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर की अध्यक्षता में बनाई जाएगी. कंवर पाल कहा कि प्राण वायु देवता पेड़ के रख-रखाव के लिए राज्य सरकार द्वारा 2500 रुपये वार्षिक पेंशन दी जाएगी. यह राशि पेड़ के मालिक के बैंक खाते में भेज दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्राण वायु देवता पेड़ की पेंशन हर वर्ष 'ओल्ड ऐज सम्मान पेंशन स्कीम' की तर्ज पर हर बढ़ाई जाती रहेगी.

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