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'शून्य साबित हुआ मोदी सरकार का एक साल' - pawan bansal modi govt

बंसल ने कहा कि देश में हर जगह लोगों का जीवन आज शून्य दिखाई दे रहा है और सरकार की कार्यप्रणाली सिर्फ दो नारों 'अच्छे दिन और आत्मनिर्भर' में सिमट कर रह गई है. पढ़ें उन्होंने और क्या कहा...

pawan bansal big comment on modi govt
pawan bansal big comment on modi govt
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Published : May 28, 2020, 10:18 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मोदी सरकार का एक साल शून्य बताते हुए सोशल मीडिया पर ‘जीरो ऑवर’ नाम के प्रोग्राम की शुरुआत की है.

बंसल ने कहा कि देश में हर जगह लोगों का जीवन आज शून्य दिखाई दे रहा है और सरकार की कार्यप्रणाली सिर्फ दो नारों 'अच्छे दिन और आत्मनिर्भर' में सिमट कर रह गई है. देश को सिर्फ निराशा ही मिली है.

बंसल ने कहा कि सरकार के पास ना सोच, ना सार, ना विचार ना पैनी दृष्टि है. 20 लाख करोड़ रुपये के स्टिम्यूलस के बहुत बड़े दावे किए गए, लेकिन निकला कुछ भी नहीं. मज़दूर, किसान, बेरोजग़ार और मध्यमवर्ग के लिए ना कोई राहत ना ही कोई सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान किया गया.

लॉकडाउन के कारण बनी हालत से निपटने के लिए नकदी सहायता पहुचाये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि मनरेगा के तहत 7 करोड़ 65 लाख सक्रिय कार्ड धारकों को 100 दिन का तो क्या 20 दिन का भी काम नहीं मिला. बंसल ने मोदी सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि लॉकडाउन देरी से लगाने का कारण केवल मध्यप्रदेश सरकार गिराना उनका मुख्य उद्देश्य था.

उन्होंने अन्य आरोप लगाते हुए कहा की 2011 के सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 11 फ़ीसदी परिवार वंचित श्रेणी से बाहर हैं, यानि की 89 फ़ीसदी परिवार को आज सही सहायता की ज़रूरत है. केवल पांच किलोग्राम अनाज व एक किलो दाल पर्याप्त नहीं है.

देश की जीवन रेखा भारतीय रेल के निजीकरण की भी शुरुआत कर दी गई है. लोकतान्त्रिक संस्थानों को भी ये सरकार ध्वस्त कर रही है, जिसमें शिक्षण संस्थान शामिल हैं. लॉकडाउन की आड़ में श्रमिकों के दशकों पुराने अधिनियम भी कमजोर किए जा रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में संवैधानिक अधिकारों का निराकरण किया गया है. दस महीने बाद भी स्थिति से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. एक अहम और महत्त्वपूर्ण राज्य के दर्ज़े की शान को कम कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया और वहां के वरिष्ठ नेताओं को नजऱबंद कर रखा है.

चंडीगढ़: पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने मोदी सरकार का एक साल शून्य बताते हुए सोशल मीडिया पर ‘जीरो ऑवर’ नाम के प्रोग्राम की शुरुआत की है.

बंसल ने कहा कि देश में हर जगह लोगों का जीवन आज शून्य दिखाई दे रहा है और सरकार की कार्यप्रणाली सिर्फ दो नारों 'अच्छे दिन और आत्मनिर्भर' में सिमट कर रह गई है. देश को सिर्फ निराशा ही मिली है.

बंसल ने कहा कि सरकार के पास ना सोच, ना सार, ना विचार ना पैनी दृष्टि है. 20 लाख करोड़ रुपये के स्टिम्यूलस के बहुत बड़े दावे किए गए, लेकिन निकला कुछ भी नहीं. मज़दूर, किसान, बेरोजग़ार और मध्यमवर्ग के लिए ना कोई राहत ना ही कोई सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान किया गया.

लॉकडाउन के कारण बनी हालत से निपटने के लिए नकदी सहायता पहुचाये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि मनरेगा के तहत 7 करोड़ 65 लाख सक्रिय कार्ड धारकों को 100 दिन का तो क्या 20 दिन का भी काम नहीं मिला. बंसल ने मोदी सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि लॉकडाउन देरी से लगाने का कारण केवल मध्यप्रदेश सरकार गिराना उनका मुख्य उद्देश्य था.

उन्होंने अन्य आरोप लगाते हुए कहा की 2011 के सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 11 फ़ीसदी परिवार वंचित श्रेणी से बाहर हैं, यानि की 89 फ़ीसदी परिवार को आज सही सहायता की ज़रूरत है. केवल पांच किलोग्राम अनाज व एक किलो दाल पर्याप्त नहीं है.

देश की जीवन रेखा भारतीय रेल के निजीकरण की भी शुरुआत कर दी गई है. लोकतान्त्रिक संस्थानों को भी ये सरकार ध्वस्त कर रही है, जिसमें शिक्षण संस्थान शामिल हैं. लॉकडाउन की आड़ में श्रमिकों के दशकों पुराने अधिनियम भी कमजोर किए जा रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में संवैधानिक अधिकारों का निराकरण किया गया है. दस महीने बाद भी स्थिति से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. एक अहम और महत्त्वपूर्ण राज्य के दर्ज़े की शान को कम कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया और वहां के वरिष्ठ नेताओं को नजऱबंद कर रखा है.

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