नई दिल्ली/चंडीगढ़: पलवल के उटावड़ गांव (Utavad village of Palwal) में खुलाफा-ए-रशीदीन नाम की मस्जिद में टेरर फंडिंग (Terror funding in Palwal) के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने कहा कि NIA ये साबित करने में नाकाम रही कि आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे. कोर्ट ने जिन आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया है, उनमें मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सलीम, आरिफ गुलाम बशीर धरमपुरिया और मोहम्मद हुसैन मोरानी शामिल हैं.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) की फेक्ट फाइंडिंग कमेटी को भी ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिसमें ये दिखाया गया हो कि हरियाणा के पलवल जिले में मस्जिद (Khulafa-e-Rashidin Mosque) निर्माण में आतंकवादी संगठन के पैसों का इस्तेमाल किया गया है. मानवाधिकार कार्यकर्ता और डीएमसी सलाहकार ओवैस सुल्तान के नेतृत्व में चार सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था. जिन्होंने इस मामले में आरोपियों को क्लीन चिट दी थी.
ओवैस ने कहा कि समिति को ये बताने के लिए कोई सबूत नहीं मिला कि पलवल के उत्तरावर में खुलफा-ए-रशीदीन मस्जिद (Khulafa-e-Rashidin Mosque) के निर्माण के लिए आतंकी फंडिंग हुई थी, जैसा कि एनआईए ने सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में आरोप लगाया था.
खबर थी कि पलवल के उटावड़ गांव में आतंकवादी फंड से खुलफा-ए-रशीदीन नामक मस्जिद बनाई जा रही थी. इस मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने सलमान नाम के एक युवक को उसके दो साथियों के साथ दिल्ली से गिरफ्तार किया. सलमान को मस्जिद का संचालक बताया गया. सलमान उटावड़ गांव का ही मूल निवासी है. खबर थी कि मरकज नाम की इस मस्जिद के निर्माण में आतंकी हाफिज सईद की ओर से फंडिंग की गई.
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NIA की चार्जशीट के मुताबिक, 2012 में फलह-ए-इंसानियत के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने शाहिद महमूद के साथ मिलकर साजिश रची और स्लीपर सेल के जरिए दिल्ली और हरियाणा में अशांति पैदा करने की कोशिश की. NIA के मुताबिक, धार्मिक कार्य, मस्जिदों और मदरसों के निर्माण की आड़ में स्लीपर सेल गठित किया जाता था. वे हरियाणा के पलवल जिले के उत्तावर इलाके के गरीब मुस्लिम लड़कियों की शादी करवाकर उनके परिजनों का दिल जीतते थे. ईडी के मुताबिक सलमान द्वारा प्राप्त धन का इस्तेमाल हरियाणा में पलवल के उतावड़ में एक मस्जिद के निर्माण और गरीब लड़कियों की शादी के लिए किया गया था. इसी आधार पर एनआईए ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था.