चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने पलवल में रेलवे के लिए जमीन अधिग्रहण (Acquisition of land for railway in palwal) के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. खुद सीएम मनोहर लाल ने इस जांच के लिए मंजूरी दी है. अब इस जमीन अधिग्रहण के दौरान अनियमितताएं (Irregularities During Acquisition) बरतने के आरोप में 3 एचसीएस अधिकारियों और इस मामले में शामिल बाकी अधिकारियों के खिलाफ जांच होगी.
क्या है मामला?
बता दें कि पलवल में रेलवे ने एक स्पेशल प्रोजेक्ट के तहत वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Western Dedicated Freight Corridor) बनाने की योजना बनाई थी. जिसके लिए जमीन अधिग्रहण करना था, लेकिन रेलवे के लिए जमीन के अधिग्रहण (Acquisition of land) में कई अनियमितताएं सामने आई थीं, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था. इस मामले में फरीदाबाद के मंडल आयुक्त ने पूरी जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसमे गड़बड़ी की बात पुख्ता हो गई थी.
किन अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई/एफआईआर
- कंवर सिंह, एचसीएस अधिकारी
- जितेंद्र कुमार, एचसीएस अधिकारी
- डॉ. नरेश, एचसीएस अधिकारी
हरियाणा सरकार ने इस परियोजना के भूमि अधिग्रहण में शामिल रीडर, रजिस्ट्रेशन क्लर्क, डाटा एंट्री करने वाले के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं, इसके साथ ही पटवारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.
अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक चार्जशीट की सिफारिश
वहीं इस मामले में एससीएच कंवर सिंह और पलवल के एसडीओ (सिविल) को गंभीर अनिमितताएं बरतने के आरोप में सीधे हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम हरियाणा सरकार के नियम-7 के तहत बड़े दंड के लिए चार्जशीट करने की सिफारिश की गई है. इसी तरह एचसीएस जितेंद्र कुमार और एचसीएस डॉ. नरेश से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया है और उसके बाद उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है.
इन अधिकारियों पर भी गिरी गाज
प्रदीप देसवाल, अशोक कुमार, एस. रोहताश व प्रेम प्रकाश सब-रजिस्ट्रार/जॉइंट सब-रजिस्ट्रार से स्पष्टीकरण को मांगा गया है. वहीं पंजीकरण लिपिकों, डाटा एंट्री आपरेटरों और रीडरों के खिलाफ मंडल आयुक्त और डीसी, पलवल को कानून के अनुसार उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिए गए हैं.