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प्रदेश में सामने आया धान घोटाला, राइस मिल्स में स्टॉक की जांच में 35000 मीट्रिक टन धान की कमी

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Published : Jan 1, 2020, 5:19 PM IST

अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है. हैरानी की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में सबसे ज्यादा 12 हजार टन धान की कमी मिली है. सबसे कम 3 टन धान की कमी हिसार में मिली है.

Paddy scam surfaced in haryana
Paddy scam surfaced in haryana

चंडीगढ़ः खाद्य आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई. जैसे ही उन्होंने बोलना शुरु किया, तो दूध का दूध और पानी का पानी होता चला गया.मुद्दा जुड़ा था धान के वेरिफिकेशन से, वही वेरिफिकेशन जिसकी मांग विपक्ष लागतार कर रहा था. तीन राउंड की वेरिफिकेशन के बाद ये तो साफ हो गया कि हरियाणा में धान का घोटाला हुआ तो जरूर है.

वेरिफिकेशन में सामने आई घोटाले की बात
हरियाणा में राइस मिलर्स के स्टॉक की तीसरी और फाइनल फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी हो चुकी है. अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है. हैरानी की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में सबसे ज्यादा 12 हजार टन धान की कमी मिली है. सबसे कम 3 टन धान की कमी हिसार में मिली है.

प्रदेश में सामने आया धान घोटाला, क्लिक कर देखें वीडियो.

फिजिकल वेरिफिकेशन में सामने आई बातेंः-

  • अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है.
  • सीएम मनोहर लाल के गृह जिले करनाल में सबसे ज्यादा धान की कमी पाई गई है.
  • फिजिकल वेरिफिकेशन में करनाल में 12 हजार टन धान की कमी पाई गई.
  • अंबाला में 9 हजार 400 टन धान की कमी पाई गई है.
  • कुरुक्षेत्र में 7 हजार 4 सौ 89 टन धान की कमी पाई गई है.
  • यमुनानगर में 2 हजार 6 सौ 80 टन धान की कमी मिली है.
  • फतेहाबाद में 2 हजार 1 सौ 73 टन धान की कमी पाई गई है.
  • जींद में 6 टन धान के स्टॉक में कमी पाई गई है.
  • हिसार में सबसे कम 3 टन धान के स्टॉक की कमी मिली है.

खरीद एजेंसियों और आढ़तियों की मिलीभगत से हुआ घोटाला

बता दें कि पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा भी धान घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि खरीद एजेंसियों ने इस काम में आढ़तियों को भी साझीदार बनाया है. किसानों के पास इतना वक्त नहीं था कि वो अपना माल बेचने के लिए खरीद एजेंसियों की शर्तों को पूरा कर सकें. लिहाजा उनका कम रेट पर खरीदा गया धान कागजों में अधिक रेट पर दिखाया गया. फिलहाल इतना तो साफ हो गया कि धान में घोटाला जरुर हुआ है. अब इसपर कार्रवाई क्या होगी,इसके लिए इंतजार करना होगा.

ये भी पढ़ेंः- VIP के हाथों उद्घाटन के इंतजार में कैथल का रैन बसेरा, खुले में सोने को मजबूर जरूरतमंद

चंडीगढ़ः खाद्य आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई. जैसे ही उन्होंने बोलना शुरु किया, तो दूध का दूध और पानी का पानी होता चला गया.मुद्दा जुड़ा था धान के वेरिफिकेशन से, वही वेरिफिकेशन जिसकी मांग विपक्ष लागतार कर रहा था. तीन राउंड की वेरिफिकेशन के बाद ये तो साफ हो गया कि हरियाणा में धान का घोटाला हुआ तो जरूर है.

वेरिफिकेशन में सामने आई घोटाले की बात
हरियाणा में राइस मिलर्स के स्टॉक की तीसरी और फाइनल फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी हो चुकी है. अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है. हैरानी की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में सबसे ज्यादा 12 हजार टन धान की कमी मिली है. सबसे कम 3 टन धान की कमी हिसार में मिली है.

प्रदेश में सामने आया धान घोटाला, क्लिक कर देखें वीडियो.

फिजिकल वेरिफिकेशन में सामने आई बातेंः-

  • अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है.
  • सीएम मनोहर लाल के गृह जिले करनाल में सबसे ज्यादा धान की कमी पाई गई है.
  • फिजिकल वेरिफिकेशन में करनाल में 12 हजार टन धान की कमी पाई गई.
  • अंबाला में 9 हजार 400 टन धान की कमी पाई गई है.
  • कुरुक्षेत्र में 7 हजार 4 सौ 89 टन धान की कमी पाई गई है.
  • यमुनानगर में 2 हजार 6 सौ 80 टन धान की कमी मिली है.
  • फतेहाबाद में 2 हजार 1 सौ 73 टन धान की कमी पाई गई है.
  • जींद में 6 टन धान के स्टॉक में कमी पाई गई है.
  • हिसार में सबसे कम 3 टन धान के स्टॉक की कमी मिली है.

खरीद एजेंसियों और आढ़तियों की मिलीभगत से हुआ घोटाला

बता दें कि पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा भी धान घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि खरीद एजेंसियों ने इस काम में आढ़तियों को भी साझीदार बनाया है. किसानों के पास इतना वक्त नहीं था कि वो अपना माल बेचने के लिए खरीद एजेंसियों की शर्तों को पूरा कर सकें. लिहाजा उनका कम रेट पर खरीदा गया धान कागजों में अधिक रेट पर दिखाया गया. फिलहाल इतना तो साफ हो गया कि धान में घोटाला जरुर हुआ है. अब इसपर कार्रवाई क्या होगी,इसके लिए इंतजार करना होगा.

ये भी पढ़ेंः- VIP के हाथों उद्घाटन के इंतजार में कैथल का रैन बसेरा, खुले में सोने को मजबूर जरूरतमंद

Intro:चंडीगढ, हरियाणा में राइस मिलर्स के स्टॉक की फाइनल जांच पूरी हो गई है अब तक जांच में 35000 मीट्रिक टन की कमी पाई गई है ।


Body:खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार करनाल में सबसे अधिक 12000 टन धान की कमी मिली है जबकि सबसे कम 3 टन धान हिसार में मिला है ।

उन्होंने बताया कि इसके बाद अंबाला का नंबर आता है जहां पर 9400 टन धान की कमी पाई है कुरुक्षेत्र में 7489 पन यमुनानगर में 2680 टन फतेहाबाद में 2173 टन और जींद में एक साथ 6 टन धान के स्टॉक में कमी पाई गई है ।


Conclusion:पीके दास ने बताया कि स्टॉक में कमी मिलने का कारण मंडी से मिल तक धान निजी वाहनों में ले जाना माना गया है आडती और मिलर्स बिना स्टॉक खरीद के ही कागजों में फर्जी स्टॉक भी दिखा देते हैं जिसको रोकने के लिए अगले साल से विभाग मील तक धान पहुंचाने के लिए खुद के ट्रांसपोर्ट या फिर महीने के हिसाब से स्टॉक भेजने पर विचार कर रहा है ।
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