चंडीगढ़ः खाद्य आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई. जैसे ही उन्होंने बोलना शुरु किया, तो दूध का दूध और पानी का पानी होता चला गया.मुद्दा जुड़ा था धान के वेरिफिकेशन से, वही वेरिफिकेशन जिसकी मांग विपक्ष लागतार कर रहा था. तीन राउंड की वेरिफिकेशन के बाद ये तो साफ हो गया कि हरियाणा में धान का घोटाला हुआ तो जरूर है.
वेरिफिकेशन में सामने आई घोटाले की बात
हरियाणा में राइस मिलर्स के स्टॉक की तीसरी और फाइनल फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी हो चुकी है. अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है. हैरानी की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में सबसे ज्यादा 12 हजार टन धान की कमी मिली है. सबसे कम 3 टन धान की कमी हिसार में मिली है.
फिजिकल वेरिफिकेशन में सामने आई बातेंः-
- अभी तक की जांच में सूबे में 35 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाई गई है.
- सीएम मनोहर लाल के गृह जिले करनाल में सबसे ज्यादा धान की कमी पाई गई है.
- फिजिकल वेरिफिकेशन में करनाल में 12 हजार टन धान की कमी पाई गई.
- अंबाला में 9 हजार 400 टन धान की कमी पाई गई है.
- कुरुक्षेत्र में 7 हजार 4 सौ 89 टन धान की कमी पाई गई है.
- यमुनानगर में 2 हजार 6 सौ 80 टन धान की कमी मिली है.
- फतेहाबाद में 2 हजार 1 सौ 73 टन धान की कमी पाई गई है.
- जींद में 6 टन धान के स्टॉक में कमी पाई गई है.
- हिसार में सबसे कम 3 टन धान के स्टॉक की कमी मिली है.
खरीद एजेंसियों और आढ़तियों की मिलीभगत से हुआ घोटाला
बता दें कि पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा भी धान घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि खरीद एजेंसियों ने इस काम में आढ़तियों को भी साझीदार बनाया है. किसानों के पास इतना वक्त नहीं था कि वो अपना माल बेचने के लिए खरीद एजेंसियों की शर्तों को पूरा कर सकें. लिहाजा उनका कम रेट पर खरीदा गया धान कागजों में अधिक रेट पर दिखाया गया. फिलहाल इतना तो साफ हो गया कि धान में घोटाला जरुर हुआ है. अब इसपर कार्रवाई क्या होगी,इसके लिए इंतजार करना होगा.
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