चंडीगढ़: कोरोना संकट के चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. जहां एक तरफ बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है. वहीं बच्चे पहले की तरह खेलकूद भी नहीं पा रहे हैं. जिस वजह से बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है, बच्चे डिप्रेशन का शिकार भी हो रहे हैं.
चंडीगढ़ पीजीआई के मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक घोष ने बताया कि इस समय बच्चे खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं. वो खुद को दुनिया से अलग-थलग समझ रहे हैं. जिस वजह से उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है. इसके लिए सबसे पहले माता-पिता को चाहिए कि वो बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं, क्योंकि बहुत से माता-पिता अब वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो उनके पास बच्चों के साथ समय बिताने का ज्यादा समय है.
डॉ. अभिषेक घोष ने कहा कि अभिभावक बच्चों से बात कर सकते हैं. उनके भविष्य के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं और उन्हें मोटिवेट कर सकते हैं. जिससे बच्चों को अच्छा महसूस होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बच्चों का खेलना कूदना भी बंद हो गया है. जिस वजह से वो अपने साथियों से भी नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में अभिभावक बच्चों के साथ कोई ज्वाइंट एक्टिविटी कर सकते हैं ताकि बच्चों का मन लगा रहे.
डॉ. अभिषेक ने कहा कि बच्चे स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिता रहे हैं. जिससे वो तनाव का शिकार हो सकते हैं. बच्चों को एक तय समय के लिए ही कंप्यूटर, टीवी और मोबाइल का इस्तेमाल करने दें. बाकी समय में अभिभावक बच्चों को दूसरे कामों में लगा कर रखें ताकि उनके स्क्रीन टाइम कम किया जा सके. इसका सबसे अच्छा तरीका है कि माता-पिता बच्चे के साथ समय बिताएं और वोह काम करें जो बच्चों को अच्छा लगता है.
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उन्होंने कहा कि बच्चे इस समय ऐसे माहौल में हैं जो हर किसी के लिए बिल्कुल अलग है. इस वक्त ना सिर्फ बच्चों का स्कूल आना जाना बल्कि खेलना कूदना, अपने साथियों से मिलना, घूमना फिरना सब कुछ बंद हो चुका है. बच्चे कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही अपनी पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस तरह की दिनचर्या को कई महीने बीत चुके हैं. जिस वजह से बच्चे अब मानसिक तनाव का शिकार होने लगे हैं. ऐसे वक्त में मां-बाप की जिम्मेदारी बच्चों के प्रति और बढ़ जाती है ताकि वो बच्चों को इस तनाव से बचा कर रख सकें.