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चंडीगढ़: महंगाई से निपटने के लिए बाजार में आए 'अफगानी प्याज', लोगों को पसंद नहीं आ रहा स्वाद

मंडियों में प्याज की कमी को देखते हुए अब अफगानिस्तान के प्याज भारत मंगाए जा रहे हैं. चंडीगढ़ की मंडी में भी अफगानिस्तान के प्याज की खेप पहुंच चुकी है. जानिए अफगानिस्तान के प्याजों को लेकर चंडीगढ़ वासियों का क्या कहना है.

afghanistan onions in chandigarh
अब चंडीगढ़ में लगेगा अफगानी प्याज का तड़का
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Published : Dec 8, 2019, 2:20 PM IST

चंडीगढ़ः प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अभी भी दामों के कम होने की कोई उम्मीद नहीं है. प्याज के बढ़े दामों ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. चंडीगढ़ में प्याज के दाम 100 प्रति किलो से ज्यादा बिक रहे हैं.

ऐसे में प्याज की कमी को देखते हुए अब अफगानिस्तान से प्याज मंगाए जा रहे हैं. चंडीगढ़ में भी अफगानिस्तान के प्याज पहुंच चुके हैं, लेकिन भारतीय और अफगान प्याजों के रेट में ज्यादा फर्क नहीं है. इसके साथ ही ग्राहक भी अफगानी प्याज को पसंद नहीं कर रहे.

अब चंडीगढ़ में लगेगा अफगानी प्याज का तड़का

सरकार की कोशिश से नहीं मिली राहत
प्याज के बढ़ते दामों से निजात दिलाने के लिए एक ओर सरकार जहां दूसरे देशों से प्याज मंगवा कर लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है तो वहीं लोग सरकार की कोशिश से नाखुश नजर आ रहे हैं.

दरअसल मंडियों में लोग अफगानी प्याज को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं. चंडीगढ़ के लोगों को अफगानी प्याज का स्वाद पसंद नहीं आया. उनका कहना है कि भारत में भारतीय प्याज का ही स्वाद चलता है.

नहीं पसंद आए अफगानी प्याज
मंडी में आए लोगों का कहना है कि भारत में भारतीय प्याज ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं और लोग उन्हीं के सवाद को पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का प्याज उन्होंने कभी इस्तेमाल नहीं किया है और उन्हें नहीं पता कि ये प्याज खाने में कैसा होगा.

इसलिए वे अफगानिस्तान की प्याज की बजाय भारतीय प्याज की खरीदना पसंद करेंगे. इसके अलावा भारतीय प्याज की कीमत 100 प्रति किलो है और अफगानिस्तान के प्याज की कीमत 80 प्रति किलो है. जिससे दोनों प्याजों के रेट में भी ज्यादा फर्क नहीं है.

40 का प्याज पहुंचा 100 के पार
लोगों का कहना था कि हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किस देश से प्याज मंगा रही है. सरकार चाहे अफगानिस्तान से प्याज मंगवाए, पाकिस्तान से मंगवाए या रूस से मंगवाए हमें तो प्याज कम दाम में चाहिए. जहां प्याज आमतौर पर 40 रुपये प्रति किलो तक मिल जाता था. वही आज 100 प्रति किलो से ज्यादा बिक रहा है और इतने दिनों बाद भी प्याज के रेट कम नहीं हो पाए हैं.

ये भी पढ़ेंः रोजगार पर संकट! बहादुरगढ़ में बंद हो सकती है मल्टीनेशनल कंपनियां, जानें कारण

मोदी सरकार जिम्मेदार!
प्याज के बढ़े दामों से नाराज लोगों ने सरकार पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी चाहे अमेरिका से प्याज मंगवाए लेकिन उन्हें भारत में सस्ते प्याज मुहैया करवाने चाहिए. लोगों का कहना है कि अगर सरकार पहले से तैयार होती तो प्याज के बढ़ते दामों को नियंत्रित किया जा सकता था. लेकिन सरकार ने पहले उसके बारे में नहीं सोचा और जिसका नतीजा ये है कि पूरे देश में प्याज के दामों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है.

इसलिए दूसरे देश से मंगवाने पड़े प्याज
इसके अलावा दुकानदारों का कहना था कि इस साल प्याज की काफी फसल खराब हो गई. जिस वजह से प्याज महंगे बिक रहे हैं. देश में प्याज की भारी कमी है. इस वजह से दूसरे देशों से प्याज मंगाने गाने पड़ रहे हैं. फसल खराब होने की वजह से फिलहाल प्याज के दाम कम होना मुश्किल है. प्याज के दाम नई फसल के साथ ही कम हो सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि चंडीगढ़ में अफगानी प्याज को लोग ज्यादा पसंद नहीं कर रहे.

चंडीगढ़ः प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अभी भी दामों के कम होने की कोई उम्मीद नहीं है. प्याज के बढ़े दामों ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. चंडीगढ़ में प्याज के दाम 100 प्रति किलो से ज्यादा बिक रहे हैं.

ऐसे में प्याज की कमी को देखते हुए अब अफगानिस्तान से प्याज मंगाए जा रहे हैं. चंडीगढ़ में भी अफगानिस्तान के प्याज पहुंच चुके हैं, लेकिन भारतीय और अफगान प्याजों के रेट में ज्यादा फर्क नहीं है. इसके साथ ही ग्राहक भी अफगानी प्याज को पसंद नहीं कर रहे.

अब चंडीगढ़ में लगेगा अफगानी प्याज का तड़का

सरकार की कोशिश से नहीं मिली राहत
प्याज के बढ़ते दामों से निजात दिलाने के लिए एक ओर सरकार जहां दूसरे देशों से प्याज मंगवा कर लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है तो वहीं लोग सरकार की कोशिश से नाखुश नजर आ रहे हैं.

दरअसल मंडियों में लोग अफगानी प्याज को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं. चंडीगढ़ के लोगों को अफगानी प्याज का स्वाद पसंद नहीं आया. उनका कहना है कि भारत में भारतीय प्याज का ही स्वाद चलता है.

नहीं पसंद आए अफगानी प्याज
मंडी में आए लोगों का कहना है कि भारत में भारतीय प्याज ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं और लोग उन्हीं के सवाद को पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का प्याज उन्होंने कभी इस्तेमाल नहीं किया है और उन्हें नहीं पता कि ये प्याज खाने में कैसा होगा.

इसलिए वे अफगानिस्तान की प्याज की बजाय भारतीय प्याज की खरीदना पसंद करेंगे. इसके अलावा भारतीय प्याज की कीमत 100 प्रति किलो है और अफगानिस्तान के प्याज की कीमत 80 प्रति किलो है. जिससे दोनों प्याजों के रेट में भी ज्यादा फर्क नहीं है.

40 का प्याज पहुंचा 100 के पार
लोगों का कहना था कि हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किस देश से प्याज मंगा रही है. सरकार चाहे अफगानिस्तान से प्याज मंगवाए, पाकिस्तान से मंगवाए या रूस से मंगवाए हमें तो प्याज कम दाम में चाहिए. जहां प्याज आमतौर पर 40 रुपये प्रति किलो तक मिल जाता था. वही आज 100 प्रति किलो से ज्यादा बिक रहा है और इतने दिनों बाद भी प्याज के रेट कम नहीं हो पाए हैं.

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मोदी सरकार जिम्मेदार!
प्याज के बढ़े दामों से नाराज लोगों ने सरकार पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी चाहे अमेरिका से प्याज मंगवाए लेकिन उन्हें भारत में सस्ते प्याज मुहैया करवाने चाहिए. लोगों का कहना है कि अगर सरकार पहले से तैयार होती तो प्याज के बढ़ते दामों को नियंत्रित किया जा सकता था. लेकिन सरकार ने पहले उसके बारे में नहीं सोचा और जिसका नतीजा ये है कि पूरे देश में प्याज के दामों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है.

इसलिए दूसरे देश से मंगवाने पड़े प्याज
इसके अलावा दुकानदारों का कहना था कि इस साल प्याज की काफी फसल खराब हो गई. जिस वजह से प्याज महंगे बिक रहे हैं. देश में प्याज की भारी कमी है. इस वजह से दूसरे देशों से प्याज मंगाने गाने पड़ रहे हैं. फसल खराब होने की वजह से फिलहाल प्याज के दाम कम होना मुश्किल है. प्याज के दाम नई फसल के साथ ही कम हो सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि चंडीगढ़ में अफगानी प्याज को लोग ज्यादा पसंद नहीं कर रहे.

Intro:प्याज के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है यह बढ़ोतरी पिछले काफी दिनों से जारी है। चंडीगढ़ में इस समय प्याज का भाव ₹100 प्रति किलो से ऊपर पहुंच चुका है। जिससे लोगों का बजट बिगड़ गया है मंडियों में प्याज की कमी को देखते हुए अब अफगानिस्तान के प्याज भारत मंगाए जा रहे हैं चंडीगढ़ में भी अफगानिस्तान के प्याजों की खेप पहुंच चुकी है।


Body:प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अभी भी दामों के कम होने की कोई उम्मीद नहीं है। प्याज के बढ़े दामों ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है । चंडीगढ़ में प्याज के दाम ₹100 प्रति किलो से ज्यादा हो चुके हैं। जिससे लोगों में अब रोष दिखाई देने लगा है। ज्यादातर लोग प्याज खरीद ही नहीं रहे हैं और जो लोग खरीद रहे हैं वह भी बहुत कम मात्रा में खरीद रहे हैं। प्याज की कमी को देखते हुए।
अब अफगानिस्तान से भी प्यास मंगाए जा रहे हैं चंडीगढ़ में भी अफगानिस्तान के प्यास पहुंच चुके हैं। लेकिन भारतीय और अफगान प्याजो के रेट में ज्यादा फर्क नहीं है।
लोगों का कहना है कि भारत में भारतीय प्याज ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं और लोग उन्हीं के सवाद को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का प्याज उन्होंने कभी इस्तेमाल नहीं किया है और उन्हें नहीं पता कि यह प्याज खाने में कैसा होगा। इसलिए वे अफगानिस्तान की प्याज की बजाय भारतीय प्याज की खरीदना पसंद करेंगे। इसके अलावा भारतीय प्याज की कीमत ₹100 प्रति किलो है और अफगानिस्तान की प्याज की कीमत ₹80 प्रति किलो है ।जिससे दोनों प्याजो के रेट में तो ज्यादा फर्क नहीं है । इसलिए अगर वे प्याज लेना पसंद करेंगे तो वह भारतीय प्याज ही लेंगे।
कुछ लोगों का कहना था कि हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किस देश से प्याज मंगा रही है। सरकार चाहे अफगानिस्तान से प्याज मंगवाए, पाकिस्तान से मंगवाए रूस से मंगवाए, हमें तो प्याज कम दाम में चाहिए। जहां प्याज आमतौर पर ₹40 प्रति किलो तक मिल जाता था। वह आज ₹100 प्रति किलो से ज्यादा बिक रहा है और इतने दिनों बाद भी प्याज के रेट कम नहीं हो पाए हैं । प्रधानमंत्री मोदी चाहे अमेरिका से प्याज मंगवाए लेकिन उन्हें भारत में सस्ते प्याज मुहैया करवाने चाहिए। उन लोगों का कहना था कि अगर सरकार पहले से तैयार होती तो प्याज के बढ़ते दामों को नियंत्रित किया जा सकता था। लेकिन सरकार ने पहले उसके बारे में नहीं सोचा और जिसका नतीजा यह है कि पूरे देश में प्याज के दामों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है।

बाइट- ग्राहकों की बाइट


इसके अलावा दुकानदारों का कहना था कि इस साल प्याज की काफी फसल खराब हो गई जिस वजह से प्याज महंगी बिक रहे हैं देश में प्याज की भारी कमी है इस वजह से दूसरे देशों से प्याज मंगाने गाने पड़ रहे हैं। फसल खराब होने की वजह से फिलहाल प्याज के दाम कम होना मुश्किल है प्याज के दाम नई फसल के साथ ही कम हो सकते हैं।

दुकानदारों की बाइट

walkthrough


Conclusion:
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