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दीपावली से पहले मिलेगी किसानों को फसल की बकाया पेमेंट, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 अक्तूबर से पहले का जितना भी भुगतान लम्बित है, उसे तत्काल जारी किया जाए. जिन किसानों को टोकन 14 नवम्बर को दीपावली के दिन जारी किए जा चुके हैं, उनकी वैधता 16, 17 और 18 नवम्बर तक बनी रहनी चाहिए, किसानों को नए सिरे से टोकन देने की जरूरत नहीं होगी.

officers have been instructed by chief minister manohar lal that the farmer has to make payment before deepawali
दीपावली से पहले मिलेगी किसानों को फसल की बकाया पेमेंट
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Published : Nov 4, 2020, 9:43 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने खरीफ फसलों की खरीद में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसान को भुगतान सात दिनों की निर्धारित अवधि में हर हाल में करना है. जिसके बाद खरीद एजेंसी, आढ़तियों और बैंकर्स की तरफ से भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब कतई बर्दाश्त नहीं होगा. सीएण ने कहा कि 'जे फार्म और आई फार्म' का मिलान खरीद प्रक्रिया का आंतरिक मामला है. उनका मिलान बाद में किया जा सकता है, लेकिन किसान का भुगतान सबसे पहले होना जरूरी है.

'दिवाली से पहले जारी हो किसानों का भुगतान'

मुख्यमंत्री ये निर्देश धान खरीद प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि इस वर्ष खरीफ फसलों की लगभग 38 लाख एकड़ क्षेत्र में धान, 18 लाख एकड़ क्षेत्र में कपास, 12 लाख एकड़ क्षेत्र में बाजरा, 2.40 लाख एकड़ क्षेत्र में गन्ना की बिजाई किए जाने का अनुमान है. बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 अक्तूबर से पहले का जितना भी भुगतान लम्बित है, उसे तत्काल जारी किया जाए. जिन किसानों को टोकन 14 नवम्बर को दीपावली के दिन जारी किए जा चुके हैं, उनकी वैधता 16, 17 और 18 नवम्बर तक बनी रहनी चाहिए, किसानों को नए सिरे से टोकन देने की जरूरत नहीं होगी.

'फॉर्म जमा प्रक्रिया ऑनलाइन किया जाए'

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यालय स्तर के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि धान खरीद के लिए ‘एच फार्म से लेकर जे फार्म, गेट पास, आई फार्म’ के जमा होने से लेकर मंडी से वेयरहाउस तक उठान तक और आई फार्म की स्वीकृति प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एच फार्म जारी होने के एक सप्ताह के अंदर-अंदर या आई फार्म स्वीकृत होने के 72 घंटों में किसान को उसकी खरीद की अदायगी हर हालत में हो जाए.

'सभी अधिकारियों कर्मचारी की जिम्मेदारी हो तय'

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद प्रक्रिया से जुड़ा कोई एक अधिकारी या कर्मचारी भी लापरवाही बरतता है तो पूरी प्रक्रिया डगमगा जाती है. उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड के सचिव से लेकर आढ़ती, मिलर, ट्रांसपोर्टर हर किसी की जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए. प्रत्येक मंडी से जुड़ी हर राइस मिल को एक समानुपात में स्टॉक का आवंटन होना चाहिए.

भुगतान प्रक्रिया की हर प्रोसेस होगी ऑनलाइन

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया का एक चार्ट मंडीवार, किसानवार और आढ़तीवार तैयार किया जाना चाहिए और इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति इसका अवलोकन कर सके. विशेषकर, किसान को इस बात की जानकारी हो सके कि किस दिन उसका ‘एच-फार्म’ जारी हुआ है और उसी के अनुसार वह मंडी में आए. उन्होंने कहा कि वे स्वयं चंडीगढ़ से डैशबोर्ड पर पूरी खरीद प्रक्रिया की जानकारी निरन्तर लेते रहेंगे.

बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा अवगत करवाया गया कि पहले खरीद प्रक्रिया ऑफलाइन थी अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है. हर प्रकार की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी कि किस दिन एच फार्म, जे फार्म, गेट पास व आई फार्म जारी हुआ. किस दिन जिला प्रबंधक या बैंकर्स को ऑनलाइन भुगतान के लिए पे-नाउ का बटन क्लिक करना होगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए 49.87 करोड़ रुपये मंजूर

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमन्त्री मनोहर लाल ने खरीफ फसलों की खरीद में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसान को भुगतान सात दिनों की निर्धारित अवधि में हर हाल में करना है. जिसके बाद खरीद एजेंसी, आढ़तियों और बैंकर्स की तरफ से भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब कतई बर्दाश्त नहीं होगा. सीएण ने कहा कि 'जे फार्म और आई फार्म' का मिलान खरीद प्रक्रिया का आंतरिक मामला है. उनका मिलान बाद में किया जा सकता है, लेकिन किसान का भुगतान सबसे पहले होना जरूरी है.

'दिवाली से पहले जारी हो किसानों का भुगतान'

मुख्यमंत्री ये निर्देश धान खरीद प्रक्रिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान दिए. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि इस वर्ष खरीफ फसलों की लगभग 38 लाख एकड़ क्षेत्र में धान, 18 लाख एकड़ क्षेत्र में कपास, 12 लाख एकड़ क्षेत्र में बाजरा, 2.40 लाख एकड़ क्षेत्र में गन्ना की बिजाई किए जाने का अनुमान है. बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 15 अक्तूबर से पहले का जितना भी भुगतान लम्बित है, उसे तत्काल जारी किया जाए. जिन किसानों को टोकन 14 नवम्बर को दीपावली के दिन जारी किए जा चुके हैं, उनकी वैधता 16, 17 और 18 नवम्बर तक बनी रहनी चाहिए, किसानों को नए सिरे से टोकन देने की जरूरत नहीं होगी.

'फॉर्म जमा प्रक्रिया ऑनलाइन किया जाए'

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यालय स्तर के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि धान खरीद के लिए ‘एच फार्म से लेकर जे फार्म, गेट पास, आई फार्म’ के जमा होने से लेकर मंडी से वेयरहाउस तक उठान तक और आई फार्म की स्वीकृति प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एच फार्म जारी होने के एक सप्ताह के अंदर-अंदर या आई फार्म स्वीकृत होने के 72 घंटों में किसान को उसकी खरीद की अदायगी हर हालत में हो जाए.

'सभी अधिकारियों कर्मचारी की जिम्मेदारी हो तय'

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद प्रक्रिया से जुड़ा कोई एक अधिकारी या कर्मचारी भी लापरवाही बरतता है तो पूरी प्रक्रिया डगमगा जाती है. उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड के सचिव से लेकर आढ़ती, मिलर, ट्रांसपोर्टर हर किसी की जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए. प्रत्येक मंडी से जुड़ी हर राइस मिल को एक समानुपात में स्टॉक का आवंटन होना चाहिए.

भुगतान प्रक्रिया की हर प्रोसेस होगी ऑनलाइन

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया का एक चार्ट मंडीवार, किसानवार और आढ़तीवार तैयार किया जाना चाहिए और इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति इसका अवलोकन कर सके. विशेषकर, किसान को इस बात की जानकारी हो सके कि किस दिन उसका ‘एच-फार्म’ जारी हुआ है और उसी के अनुसार वह मंडी में आए. उन्होंने कहा कि वे स्वयं चंडीगढ़ से डैशबोर्ड पर पूरी खरीद प्रक्रिया की जानकारी निरन्तर लेते रहेंगे.

बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा अवगत करवाया गया कि पहले खरीद प्रक्रिया ऑफलाइन थी अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है. हर प्रकार की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी कि किस दिन एच फार्म, जे फार्म, गेट पास व आई फार्म जारी हुआ. किस दिन जिला प्रबंधक या बैंकर्स को ऑनलाइन भुगतान के लिए पे-नाउ का बटन क्लिक करना होगा.

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