चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने चिकित्सा पेशेवरों और अग्रिम पंक्ति में तैनात कर्मियों की सुरक्षा के लिए और उनके खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना को रोकने के उद्देश्य से राज्य और जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. ये नोडल अधिकारी चिकित्सा पेशेवरों और अग्रिम पंक्ति में तैनात कर्मियों को पेश आने वाले सुरक्षा से सम्बन्धित मामलों का निवारण करेंगे.
सरकारी प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि गृह सचिव, भारत सरकार के अद्र्ध-सरकारी पत्र की अनुपालना में हरियाणा सरकार द्वारा पहले से ही डीआईजी (कानून और व्यवस्था) और पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों या पुलिस अधीक्षकों, जैसा भी मामला हो, को बतौर राज्य नोडल अधिकारी और जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
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उन्होंने बताया कि जिला नोडल अधिकारी नियमित रूप से राज्य नोडल अधिकारी को रिपोर्ट सौंपेंगे, जो फिर पुलिस महानिदेशक के परामर्श से गृह विभाग को कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इन जिला नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों औऱ आईएम की स्थानीय इकाई के बीच, उनके लिए किए गए सुरक्षात्मक उपायों तथा नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का व्यापक प्रचार किया जाए. इसके अलावा, इन उपायों के बारे में आम जनता को भी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए ताकि इन सुरक्षात्मक उपायों की अनुपालना जमीनी स्तर पर हो सके.
यह अध्यादेश महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा कर्मियों द्वारा उनके कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान उनके उत्पीड़न, हानि, चोट, बाधा या किसी संपत्ति या दस्तावेजों को नुकसान या क्षति समेत उनके खिलाफ हिंसा को प्रतिबंधित करता है. निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अपनी सेवाओं का निर्वहन करते हुए जिन चिकित्सा पेशेवरों या अग्रिम पंक्ति में तैनात कर्मियों की कोविड संक्रमण से मौत हो जाती है, उनके अंतिम संस्कार में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
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