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65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत, बिजली के बिल रहेंगे ज्यों के त्यों

हरियाणा बिजली विनियामक आयोग ने वार्षिक राजस्व प्राप्ति के लिए दायर याचिका में हरियाणा के 65 लाख उपभोक्ताओं को राहत दी है. इस साल हरियाणा की बिजली की दरों में कोई बढोत्तरी नहीं की जाएगी.

फाइल फोटो
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Published : May 28, 2019, 11:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन जगजीत सिंह और सदस्य परविंदर सिंह चौहान ने उत्तर/दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की वार्षिक राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के लिए दायर की गई याचिका पर अपना निर्णय दे दिया है. एचईआरसी के ऑर्डर में बिजली उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला गया है, बिजली की दरों में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. जो दरें पहले थी, वही अब रखी गई हैं.

HERC ने एआरआर पर अपना ऑर्डर 7 मार्च को ही जारी किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते लगी आदर्श आचार संहिता के चलते ऑर्डर उस समय सुरक्षित रख लिया गया था, जिसको मंगलवार को जारी किया गया. एचईआरसी का यह ऑर्डर 1 मई से लागू होगा. एचईआरसी के इस ऑर्डर से करीब 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है.

HERC की मुख्य बातें

कृषि पर चल रही सब्सिडी को कम करने के लिए एचईआरसी ने स्वत: पहल करते हुए कृषि के अलावा यदि किसी किसान की अन्य स्रोत से 20 लाख रुपए सलाना से अधिक आय हैं तो उसको स्वैच्छिक तौर पर कृषि सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया गया है.

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वालों को HERC 1 रुपए प्रति यूनिट का लाभ देगा. अतिरिक्त एचईआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों को 31 मार्च से पहले के सभी लंबित बिजली कनेक्शनों को एक माह के अंदर जारी करने के आदेश दिए हैं. कोताही बरतने वालों पर HERC ने कार्रवाई का प्रावधान भी किया है.

हरियाणा में बिजली उपभोक्ता

  • हरियाणा में सभी प्रकार के 65 लाख 2 हजार 46 बिजली उपभोक्ता हैं.
  • इसमें से 50 लाख 82 हजार 782 घरेलू उपभोक्ता हैं.
  • गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख 46 हजार 977 हैं.
  • कृषि के उपभोक्ता 6 लाख 38 हजार 28 हैं.
  • इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं की संख्या 10 लाख 7 हजार 970 हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन जगजीत सिंह और सदस्य परविंदर सिंह चौहान ने उत्तर/दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की वार्षिक राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के लिए दायर की गई याचिका पर अपना निर्णय दे दिया है. एचईआरसी के ऑर्डर में बिजली उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला गया है, बिजली की दरों में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. जो दरें पहले थी, वही अब रखी गई हैं.

HERC ने एआरआर पर अपना ऑर्डर 7 मार्च को ही जारी किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते लगी आदर्श आचार संहिता के चलते ऑर्डर उस समय सुरक्षित रख लिया गया था, जिसको मंगलवार को जारी किया गया. एचईआरसी का यह ऑर्डर 1 मई से लागू होगा. एचईआरसी के इस ऑर्डर से करीब 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है.

HERC की मुख्य बातें

कृषि पर चल रही सब्सिडी को कम करने के लिए एचईआरसी ने स्वत: पहल करते हुए कृषि के अलावा यदि किसी किसान की अन्य स्रोत से 20 लाख रुपए सलाना से अधिक आय हैं तो उसको स्वैच्छिक तौर पर कृषि सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया गया है.

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वालों को HERC 1 रुपए प्रति यूनिट का लाभ देगा. अतिरिक्त एचईआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों को 31 मार्च से पहले के सभी लंबित बिजली कनेक्शनों को एक माह के अंदर जारी करने के आदेश दिए हैं. कोताही बरतने वालों पर HERC ने कार्रवाई का प्रावधान भी किया है.

हरियाणा में बिजली उपभोक्ता

  • हरियाणा में सभी प्रकार के 65 लाख 2 हजार 46 बिजली उपभोक्ता हैं.
  • इसमें से 50 लाख 82 हजार 782 घरेलू उपभोक्ता हैं.
  • गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख 46 हजार 977 हैं.
  • कृषि के उपभोक्ता 6 लाख 38 हजार 28 हैं.
  • इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं की संख्या 10 लाख 7 हजार 970 हैं.
Meeting on AMRUT Project final 
एंकर- 
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने कहा कि शहरों की सभी कालोनियों में जलापूर्ति, सीवरेज व सडक़ की सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है । इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल कड़ा संज्ञान ले रहे हैं और यही वजह है कि विभाग के अधिकारियों व स्थानीय जन प्रतिनिधियों से सीधा रू-ब-रू होने के लिए आज क्रियान्वित की जा रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक बुलाई गई । हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने मंगलवार को चण्डीगढ में  अमृत योजना के तहत प्रदेश के 18 शहरों में क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शहरों की सभी कालोनियों में जलापूर्ति, सीवरेज व सडक़ की सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है । बैठक में शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री  मनीष ग्रोवर के अलावा अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल, पानीपत-ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा, पानीपत शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, यमुनानगर के विधायक घनश्याम अरोड़ा, भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ, बहादुरगढ़ के विधायक नरेश कौशिक, जींद के विधायक डा० कृष्ण मिढा, पंचकूला के विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता, रेवाड़ी के विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक समीर पाल सरो, संयुक्त निदेशक मीनाक्षी राज के अलावा स्थानीय निकाय विभाग के अन्य वरिष्ठï अधिकारियों के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे । बैठक में  आनन्द मोहन शरण ने बताया कि अमृत मिशन के तहत  2565.74 करोड रुपये लागत से हरियाणा में गुरुग्र्राम,पंचकूला, अम्बाला (सदर- शहर ), करनाल, फरीदाबाद, पानीपत, सोनीपत, थानेसर, कैथल, रेवाड़ी, भिवानी, बहादुरगढ़, पलवल, सिरसा, जीन्द, रोहतक तथा हिसार  शहरों को शामिल किया गया है। इन शहरों की जलापूर्ति, सीवरेज तथा कचरा प्रबंधन, बरसात के पानी की निकासी, शहरी यातायात, हरित पट्टïी एवं पार्कस का विकसित करने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करना तथा सुधार एवं क्षमता वृद्घि की गैर-आधारितभूत संरचना की परियोजनाएं  क्रियान्वित  की जानी है ।

        उन्होंने बताया कि इनमें से 2432.15 करोड़ रुपये  की 42 परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अनुमोदित की गई, जिनमें से 2354.37 करोड़ रुपये के कार्य आवंटित किए जा चुके है । आनन्द मोहन शरण ने मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि इन घोषणाओं पर कार्य तेजी से होना चाहिए और किसी भी परियोजना के अनुमान व निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूरी होनी चाहिए। इसके लिए आज मुख्यमंत्री ने पहले की बैठक में निविदा आमंत्रित करने की समयावधि 15 दिन से कम करके 10 दिन की है और प्री-बिड बैठक तीन दिन पहले बुलाई जाएगी और निविदाएं केवल एनआईसी के पोर्टल से ही ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी । उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री घोषणाओं पर हर सप्ताह बुधवार को वीडियो कान्फे्रंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हैं । स्थानीय विधायकों के सुझाव भी आप लोग महीने में कम से कम एक बैठक कर प्राप्त करें और इसकी सूचना मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि निकायों को अपनी आय के अतिरिक्त संसाधन सृजित करने होंगे ।

  


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