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देश में निपाह वायरस को लेकर मचने लगा बवाल! जान लीजिए कुछ खास बातें

आधिकारिक तौर पर भारत में निपाह वायरस के फैलने की घोषणा हुई है. बता दें कि पिछले साल हरियाणा में भी निपाह वायरस को लेकर एलर्ट जारी किया था. चलिए जान लेते हैं निपाह वायरस क्या होता है और कैसे फैलता है और क्या हमें नहीं करना चाहिए.

देश में निपाह वायरस को लेकर मचने लगा बवाल! जान लीजिए कुछ खास बातें
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Published : Jun 4, 2019, 9:58 PM IST

चंडीगढ़: दक्षिण भारत में शनिवार से ही निपाह वायरस फैलने की बात चर्चा में बनी हुई है. इस बात की चर्चा पूरे देश में हो रही है. निपाह वायरस बेहद खतरनाक बिमारी है. जिसमें संक्रमित व्यक्ति की 74.5 प्रतिशत डेथ संभावना मानी जाती है. मरीज को बचा पाना बेहद मुश्किल होता है.

चमगादड़ से ही क्यों फैलता है वायरस
चमगादड़ एकमात्र ऐसा स्तनधारी (मैमल) है जो उड़ सकता है. यह वायरस को एक से दूसरी जगह तेजी से फैलाता है. दरअसल चमगादड़ का मेटाबॉलिज्म तेज होने की वजह से वायरस इनके शरीर में बिना नुकसान पहुंचाए काफी समय तक जिंदा रह सकता है. चमगादड़ का खाया हुआ फल या सब्जी खाने से इस खास तरह का फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है जो फेफड़ों के साथ स्प्लिीन और बोनमैरों को नुकसान पहुंचाता है.

निपाह कैसे फैलता है

  • विशेषज्ञों के मुताबिक यह वायरस चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है.
  • संक्रमित इंसानों से इंसानों में भी फैल सकता है.
  • इस वायरस से पीड़ित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेते हैं, और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो संक्रमित हो जाता है.
  • फ्रूट बैट्स (चमगादड़) इस वायरस को एक जगह से दूसरी जगह फैलाने का काम करते हैं.
  • निपाह वायरस इंसानों के अलावा जानवरों को भी प्रभावित करता है. इसकी शुरुआत तेज सिरदर्द और फीवर से होती है. इससे संक्रमित व्यक्ति का डेथ रेट 74.5 प्रतिशत होता है.

निपाह के लक्षण

  • विशेषज्ञों के मुतबिक निपाह वायरस सिर्फ जानवरों से नहीं बल्कि एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है. इससे इंफेक्शन होने के बाद कुछ खास लक्षण देखे जाते हैं. वायरल फीवर होने के साथ सिरदर्द, उल्टी जैसा लगना, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है.
  • ये लक्षण 24-48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकते हैं.
  • इंफेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं.

क्या करना चाहिए?

  • जानकारों का कहना है कि निपाह वायरस के इंफेक्शन से बचने के लिए सुअर, घोड़े, पेड़ से गिरे फल और ताड़ी का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • फल और सब्जी खरीदते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि वो कहीं से कटा या खुरचा हुआ न हो.

चंडीगढ़: दक्षिण भारत में शनिवार से ही निपाह वायरस फैलने की बात चर्चा में बनी हुई है. इस बात की चर्चा पूरे देश में हो रही है. निपाह वायरस बेहद खतरनाक बिमारी है. जिसमें संक्रमित व्यक्ति की 74.5 प्रतिशत डेथ संभावना मानी जाती है. मरीज को बचा पाना बेहद मुश्किल होता है.

चमगादड़ से ही क्यों फैलता है वायरस
चमगादड़ एकमात्र ऐसा स्तनधारी (मैमल) है जो उड़ सकता है. यह वायरस को एक से दूसरी जगह तेजी से फैलाता है. दरअसल चमगादड़ का मेटाबॉलिज्म तेज होने की वजह से वायरस इनके शरीर में बिना नुकसान पहुंचाए काफी समय तक जिंदा रह सकता है. चमगादड़ का खाया हुआ फल या सब्जी खाने से इस खास तरह का फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है जो फेफड़ों के साथ स्प्लिीन और बोनमैरों को नुकसान पहुंचाता है.

निपाह कैसे फैलता है

  • विशेषज्ञों के मुताबिक यह वायरस चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है.
  • संक्रमित इंसानों से इंसानों में भी फैल सकता है.
  • इस वायरस से पीड़ित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेते हैं, और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो संक्रमित हो जाता है.
  • फ्रूट बैट्स (चमगादड़) इस वायरस को एक जगह से दूसरी जगह फैलाने का काम करते हैं.
  • निपाह वायरस इंसानों के अलावा जानवरों को भी प्रभावित करता है. इसकी शुरुआत तेज सिरदर्द और फीवर से होती है. इससे संक्रमित व्यक्ति का डेथ रेट 74.5 प्रतिशत होता है.

निपाह के लक्षण

  • विशेषज्ञों के मुतबिक निपाह वायरस सिर्फ जानवरों से नहीं बल्कि एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है. इससे इंफेक्शन होने के बाद कुछ खास लक्षण देखे जाते हैं. वायरल फीवर होने के साथ सिरदर्द, उल्टी जैसा लगना, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है.
  • ये लक्षण 24-48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकते हैं.
  • इंफेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं.

क्या करना चाहिए?

  • जानकारों का कहना है कि निपाह वायरस के इंफेक्शन से बचने के लिए सुअर, घोड़े, पेड़ से गिरे फल और ताड़ी का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • फल और सब्जी खरीदते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि वो कहीं से कटा या खुरचा हुआ न हो.
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