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रिसर्च: कोरोना से रिकवर लोगों में हो रहे ये बदलाव, अगर ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से जरूर मिलें

कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर आए दिन नई-नई स्टडी सामने आ रही है. अब इस वायरस को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई में एक नई रिसर्च (New Research Chandigarh PGI) की गई है. जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

New Research Chandigarh PGI
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Published : Jul 14, 2021, 1:41 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 2:44 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई में एक नई रिसर्च (New Research Chandigarh PGI) की गई है. जिसमें ये सामने आया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद इंसान के हार्मोन में बदलाव हो सकते हैं. जिससे इंसान को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ये रिसर्च चंडीगढ़ पीजीआई के एंडॉक्रिनलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय भडाडा और उनकी टीम ने की है. इस बारे में चंडीगढ़ पीजीआई के एंडॉक्रिनलॉजी विभाग (Chandigarh Pgi Endocrinology Department) के एचओडी डॉक्टर संजय भडाडा ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत की.

डॉक्टर संजय भडाडा ने बताया कि ये रिसर्च शरीर के एंडोक्राइन ऑर्गन पर की गई है. इस रिसर्च में ये देखा गया है कि कोरोना का इन अंगों पर क्या असर पड़ता है. इस रिसर्च में देखा गया है कि अगर कोविड का असर शरीर के अंगों और हार्मोन (Corona Virus Hormone Effect) पर पड़ता है तो क्या वो असर स्थाई होगा या उसे ठीक किया जा सकता है. इस कड़ी में एक बात सामने आई कि जो लोग कोविड-19 का शिकार हुए. उनमें हाई डायबिटीज और थायराइड की समस्या देखी गई.

कोरोना से रिकवर लोगों में हो रहे ये बदलाव, अगर ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से जरूर मिलें

इसके अलावा उनमें कई तरह के हार्मोन बदलाव भी देखे गए. ये सभी वो पेशेंट थे, जो गंभीर रूप से कोरोना की चपेट में आए थे. जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी और ऑक्सीजन भी देनी पड़ी थी. इस रिसर्च के बाद ये साफ हो गया है कि जो लोग कोविड-19 का शिकार हुए हैं. उनका फॉलोअप जरूरी है. क्योंकि अगर किसी मरीज में हार्मोन चेंज के लक्षण दिखाई देते हैं. तो उसका समय पर इलाज किया जाना चाहिए. नहीं तो मरीज को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. शरीर में नमक की कमी और हार्ट अटैक जैसी समस्या से जूझना पड़ सकता है.

New Research Chandigarh PGI
कोरोना के ठीक होने के बाद हार्मोन्स पर असर डालता है वायरस

इस रिसर्च में शामिल डॉक्टर लीजा दास ने बताया कि इस रिसर्च में कोरोना के 84 मरीजों को लिया गया. इन मरीजों को दो भागों में बांटा गया. एक भाग में वो मरीज थे जो गंभीर तौर पर बीमार नहीं थे और उन्हें क्रॉनिक बीमारियां भी नहीं थी. दूसरे भाग में वो मरीज थे जो गंभीर रूप से बीमार थे और उन्हें क्रॉनिक बीमारियां भी थी. जैसे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर इत्यादि. शोध में देखा गया कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार थे. उन पर हारमोंस बदलाव ज्यादा देखा गया.

ये भी पढ़ें- Haryana Corona Update:हरियाणा में एक्टिव केस 900 से भी कम हुए, इतने मरीजों ने तोड़ा दम

डॉक्टर के मुताबिक जो लोग कम बीमार थे उन पर इसका असर ज्यादा नहीं पड़ा. डॉक्टर के मुताबिक ये स्टडी होने के बाद अब वो लोगों का फॉलोअप लेना शुरू कर रहे हैं, ताकि लोगों को कोरोना के बाद होने वाले दुष्प्रभाव से बचाया जा सके. डॉक्टर संजय भडाडा ने कहा कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं. वो इन बातों का ध्यान रखें कि अगर उन्हें थकान हो रही है या उनका ब्लड शुगर का स्तर बढ़ रहा है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. ये कोविड के बाद हार्मोन बदलाव का केस हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग थायराइड, ब्लड शुगर और कोर्टिसोल का टेस्ट जरूर करवाएं.

चंडीगढ़: कोरोना को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई में एक नई रिसर्च (New Research Chandigarh PGI) की गई है. जिसमें ये सामने आया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद इंसान के हार्मोन में बदलाव हो सकते हैं. जिससे इंसान को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ये रिसर्च चंडीगढ़ पीजीआई के एंडॉक्रिनलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर संजय भडाडा और उनकी टीम ने की है. इस बारे में चंडीगढ़ पीजीआई के एंडॉक्रिनलॉजी विभाग (Chandigarh Pgi Endocrinology Department) के एचओडी डॉक्टर संजय भडाडा ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत की.

डॉक्टर संजय भडाडा ने बताया कि ये रिसर्च शरीर के एंडोक्राइन ऑर्गन पर की गई है. इस रिसर्च में ये देखा गया है कि कोरोना का इन अंगों पर क्या असर पड़ता है. इस रिसर्च में देखा गया है कि अगर कोविड का असर शरीर के अंगों और हार्मोन (Corona Virus Hormone Effect) पर पड़ता है तो क्या वो असर स्थाई होगा या उसे ठीक किया जा सकता है. इस कड़ी में एक बात सामने आई कि जो लोग कोविड-19 का शिकार हुए. उनमें हाई डायबिटीज और थायराइड की समस्या देखी गई.

कोरोना से रिकवर लोगों में हो रहे ये बदलाव, अगर ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से जरूर मिलें

इसके अलावा उनमें कई तरह के हार्मोन बदलाव भी देखे गए. ये सभी वो पेशेंट थे, जो गंभीर रूप से कोरोना की चपेट में आए थे. जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी और ऑक्सीजन भी देनी पड़ी थी. इस रिसर्च के बाद ये साफ हो गया है कि जो लोग कोविड-19 का शिकार हुए हैं. उनका फॉलोअप जरूरी है. क्योंकि अगर किसी मरीज में हार्मोन चेंज के लक्षण दिखाई देते हैं. तो उसका समय पर इलाज किया जाना चाहिए. नहीं तो मरीज को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. शरीर में नमक की कमी और हार्ट अटैक जैसी समस्या से जूझना पड़ सकता है.

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कोरोना के ठीक होने के बाद हार्मोन्स पर असर डालता है वायरस

इस रिसर्च में शामिल डॉक्टर लीजा दास ने बताया कि इस रिसर्च में कोरोना के 84 मरीजों को लिया गया. इन मरीजों को दो भागों में बांटा गया. एक भाग में वो मरीज थे जो गंभीर तौर पर बीमार नहीं थे और उन्हें क्रॉनिक बीमारियां भी नहीं थी. दूसरे भाग में वो मरीज थे जो गंभीर रूप से बीमार थे और उन्हें क्रॉनिक बीमारियां भी थी. जैसे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर इत्यादि. शोध में देखा गया कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार थे. उन पर हारमोंस बदलाव ज्यादा देखा गया.

ये भी पढ़ें- Haryana Corona Update:हरियाणा में एक्टिव केस 900 से भी कम हुए, इतने मरीजों ने तोड़ा दम

डॉक्टर के मुताबिक जो लोग कम बीमार थे उन पर इसका असर ज्यादा नहीं पड़ा. डॉक्टर के मुताबिक ये स्टडी होने के बाद अब वो लोगों का फॉलोअप लेना शुरू कर रहे हैं, ताकि लोगों को कोरोना के बाद होने वाले दुष्प्रभाव से बचाया जा सके. डॉक्टर संजय भडाडा ने कहा कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं. वो इन बातों का ध्यान रखें कि अगर उन्हें थकान हो रही है या उनका ब्लड शुगर का स्तर बढ़ रहा है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. ये कोविड के बाद हार्मोन बदलाव का केस हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग थायराइड, ब्लड शुगर और कोर्टिसोल का टेस्ट जरूर करवाएं.

Last Updated : Jul 14, 2021, 2:44 PM IST
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