चंडीगढ़: जून को हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति 2023-24 12 लागू होगी. प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के तहत अब प्रदेश में चल रही बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को कैंटीन में शराब परोस सकेंगी. नई नीति के तहत बड़े कॉरपोरेट कार्यालयों में बीयर और कम अल्कोहल की मात्रा वाली वाइन कर्मचारियों को परोसी जा सकेंगे. इसके लिए सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में प्रावधान किया है.
क्या किया गया है नई नीति में प्रावधान?: प्रदेश सरकार की आबकारी नीति 2023-24 में बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों को अपने कार्यालय में बार खोलने की अनुमति मिलेगी. लेकिन, यह अनुमति उन्ही कॉरपोरेट कंपनियों को मिल सकेगी जहां पर कम से कम 5000 कर्मचारी काम करते हो. इसके लिए इनको एल 10- एफ लाइसेंस दिया जाएगा. ऐसा नहीं है कि यह लाइसेंस कंपनियों को आसानी से मिलेगा. इसके लिए उन्हें कई नियम और शर्तों को भी पूरा करना पड़ेगा.
क्या है इसके लिए नियम और शर्तें?: नई शराब नीति के तहत जो कॉरपोरेट कंपनियां अपने कार्यालय की कैंटीन में अल्कोहल परोस सकेंगी, इसके लिए उनके पास कम से कम 1 लाख वर्ग फीट जगह होनी जरूरी होगी. इसके साथ ही कैंटीन का एरिया भी कम से कम 2000 वर्ग फीट होना चाहिए. इसके साथ ही लाइसेंस धारक को नीति के मुताबिक शराब का स्टॉक खरीदना होगा. नई नीति के तहत कार्यालय में न सिर्फ बीयर और वाइन परोसने की इजाजत होगी, बल्कि ऑफिस में होने वाली पार्टियों में भी शराब परोसने पर कोई रोक नहीं होगी.
कितनी देनी होगी इसके लिए फीस?: जो कॉरपोरेट कंपनियां नई शराब नीति के तहत लाइसेंस लेना चाहेगी, उसके लिए उन कंपनियों को 10 लाख रुपये का सालाना शुल्क भी अदा करना पड़ेगा. इसके साथ ही लाइसेंस लेने वाले को 3 लाख रुपये अतिरिक्त देने होंगे. जिसे सिक्योरिटी के तौर पर लिया जाएंगे. हरियाणा सरकार की इस नई नीति का लाभ कॉरपोरेट कंपनियों के साथ-साथ वह मल्टीनेशनल कंपनियां भी उठा सकेगी, जो गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जैसे शहरों में अपना कारोबार कर रही है.
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