करनाल: हरियाणा में कोरोना खतरनाक होता जा रहा है. स्कूलों की एक्टिविटी, धार्मिक कार्यक्रम के साथ-साथ सोशल इवेंट्स शुरू हो गए. स्कूलों में पढ़ने वाले कई विद्यार्थी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. जिसमें सैकड़ों की संख्या मे करनाल स्थित कुंजपुरा सैनिक स्कूल के विद्यार्थी कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके हैं.
सबसे पहले तीन बच्चे कुंजपुरा सैनिक स्कूल के कोरोना संक्रमण होने के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैनिक स्कूल में 390 बच्चों ओर कर्मचारियों के कोरोना टेस्टिंग की जिसमें पहले दौर में 54 फिर 83 बच्चे को रोना संक्रमित पाए गए. वहीं पूरे स्कूल को कंटेनमेंट जॉन बना दिया गया है. तमाम बच्चों को अलर्ट कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें आगे की जांच में जुटी हुई है.
लगातार बढ़ रहे हैं जिले में संक्रमित मरीज
ईटीवी भारत के साथ करनाल के सिविल सर्जन योगेश शर्मा ने बातचीत में बताया कि आज भी 50 मामले करोना संक्रमण के सामने आए हैं. लोगों ने कोविड-19 के नियमों की पालना में लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि कोरोना से लड़ने के लिये जो हमारी शक्तियां थी उसका प्रयोग पूर्णता नहीं हो रहा है. इसके साथ-साथ लोग कोरोना का टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जोकि आने वाले समय में यह बहुत ज्यादा घातक सिद्ध हो सकता है.
'टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाना जरूरी'
उन्होंने बताया कि सैनिक स्कूल कुंजपुरा के साथ जिले के अन्य स्कूलों में भी बच्चे संक्रमित पाए जा रहे हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीमें कार्रवाई में जुटी हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि जब हालातों को सुधारना है तो टेस्टिंग प्रक्रिया को बढ़ाना होगा. अगर टेस्टिंग प्रक्रिया बढ़ेगी तो कोरोना के मामलों में इजाफा होना संभव है. ईटीवी भारत की टीम ने शहर का दौरा कर यह भी जाना कि सड़कों पर निकले लोग कोविड-19 के नियमों की पालना कर रहे हैं या सिर्फ पुलिस की चलान प्रक्रिया से बचने के लिए मास्क पहना जा रहा है.
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स्कूल खोलना जल्दीबाजी वाला कदम- अभिभावक
स्थानीय निवासी अमृतपाल ने बताया कि वो इसे प्रशासन की नाकामी मान रहे हैं. प्रशासन द्वारा पहले भी कोविड-19 के नियमों की सख्ती से पालना करवाई गई थी जो अब कम दिखाई दे रही है. इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा स्कूलों को खोलना जल्दबाजी की गई है जो कि बच्चों के लिए घातक सिद्ध हो सकती है.
वहीं एक अभिभावक सुमित मलिक ने बताया कि इस समय वो असमंजस में है कि इस परिस्थिति में वह अपने बच्चों को स्कूल कैसे भेजें. उनका कहना भी यही था कि सरकार इसके बारे में सोचें कि स्कूल आगे खोले जाए या नहीं. उन्होंने यह भी बताया कि अगर ऐसे हालात रहे तो आने वाले समय में लॉकडाउन लगना वाजिब है.
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'कोरोना संकट जारी है, प्रशासन की ढिलाई है'
बहरहाल इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता कि करनाल जिले के ज्यादातर लोगों ने अपने दिमाग से कोरोना के डर को निकाल दिया है, इसलिए कोविड-19 की गाइड लाइन को माना नहीं जा रहा है. भले ही पिछले समय में प्रशासन की सख्ती के चलते कोविड-19 के तमाम नियमों की पालना करवाई जा रही थी, लेकिन अब प्रशासन के ढुलमुल रवैया के चलते लोगों में लापरवाही दिखाई दे रही है. जिसके परिणाम स्वरूप करनाल में कोरोना के मामलों में इजाफा होता दिखाई दे रहा है.