चंडीगढ़: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) ने देशभर के जेलों को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में एनसीआरबी ने साल 2019 में प्रदेश के जेलों और कैदियों के बारे में विस्तार से बताया है. वहीं प्रदेश की जेलों की स्थिति को लेकर कई खुलासे किए हैं.
हरियाणा में सबसे ज्यादा बाहरी राज्य के कैदी
2019 की एनसीआरबी की रिपोर्ट में सामने आया है कि हरियाणा के जेलों में बाकी प्रदेशों की तुलना में बाहरी राज्यों की कैदियों की संख्या ज्यादा है. हरियाणा के जेलों में हरियाणा के रहने वाले 5871 कैदी हैं. जिसमें से 1353 कैदी बाहरी राज्यों के रहने वाले हैं जो कि हरियाणा के जेलों में बंद हैं. वहीं 12 कैदी ऐसे भी हैं जो विदेशी हैं.
करीब 3 प्रतिशत हैं महिला कैदी
हरियाणा में सेक्स रेश्यो के हिसाब से पुरुष कैदियों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है. हरियाणा के कुल 19 जेलों में कुल 7236 कैदी हैं, जिनमें से 6999 कैदी पुरुष हैं. वहीं 237 कैदी महिला हैं. इसके साथ ही हरियाणा में 34 महिलाओं के साथ 36 बच्चें भी रहते हैं.
जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी
वहीं साल 2019 में हरियाणा में भारतीय दंड संहिता के तहत सार्वजनिक शांति भंग करने वाले सजायाफ्ता कैदियों की संख्या सबसे अधिक थी. वहीं हरियाणा उन टॉप 17 प्रदेशों में से एक है जहां जेलों में कैदियों की रहने की व्यवस्था से सौ प्रतिशत से अधिक कैदियों को रखा गया है. हरियाणा के तीन सेंट्रल जेल और 16 स्टेट जेलों में कुल 19 हजार 306 कैदियों को रखा गया है. आपको बता दें कि भारत के 21 प्रदेश के ज्यादातर जेलों में ऐसी ही स्थिति है.
80 प्रतिशत कैदी पढ़े-लिखे
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि अनपढ़ों से अधिक पढ़े-लिखे कैदी प्रदेश की जेलों में बंद हैं. बीए, एमए और टेक्निकल डिग्री धारक कैदी भी जेल की हवा खा रहे हैं. कोर्ट से दोषी साबित हो चुके कुल कैदियों में से 74 फीसद और अंडर-ट्रायल कैदियों में 76 फीसद पढ़े-लिखे हैं.
- कुल कैदियों की संख्या- 7236
- निरक्षर कैदी- 1447 (20 फीसद)
- पढ़े-लिखे कैदी- 5789 (80 फीसद)
अंडर ट्रायल कैदी
- कुल कैदियों की संख्या- 13160
- निरक्षर कैदी - 1860 (15 फीसद)
- पढ़े-लिखे कैदी - 11300 (85 फीसद)
जेलों पर बजट खर्च करने में प्रदेश अव्वल
रिपोर्ट के अनुसार 100 फीसद जेल बजट की राशि खर्च करने के मामले में हरियाणा देश में अव्वल स्थान पर है. वित्त वर्ष 2019-2020 में जेल बजट के 272 करोड़ रुपये प्रदेश में खर्च हुए हैं. इस मामले में देश की राजधानी आंध्रप्रदेश के बाद तीसरे नंबर पर है जहां केवल 66 फीसद जेल बजट खर्च हो पाया.
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