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हरियाणा में पहली बार हुई पूरी तरह सरसों की प्राइवेट खरीद, सरकारी MSP से ज्यादा पर बिकी फसल

हरियाणा में सरसों के किसान काफी खुश हैं. इस साल किसानों ने अपनी सरसों की फसल को एमएसपी पर नहीं बेचा बल्कि निजी व्यापारियों ने सरसों की खरीद की. निजी व्यापारियों ने 6500 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक सरसों खरीदी.

Mustard farmers get more price than MSP in Haryana
Mustard farmers get more price than MSP in Haryana
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Published : May 18, 2021, 8:15 PM IST

Updated : May 18, 2021, 11:05 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में इस साल सरसों की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की गई. अधिकतर किसानों ने अपनी सरसों की फसल प्राइवेट सेक्टर में बेची. इसके पीछे एक मुख्य कारण ये है कि सरकार द्वारा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था, लेकिन निजी खरीदारों ने 5500-6000 हजार रुपये तक सरसों खरीदी.

सरसों MSP से ज्यादा दाम पर क्यों बिकी?

केंद्र सरकार ने दो फरवरी को पाम तेल पर मूल्य आयात शुल्क 15 फीसद और कृषि वकास सेस 17.50 फीसद लागू किया. यानी कुल 32.50 फीसद का शुल्क लगा है. ऐसे में अब तेल के कारोबारी तेल को कम से कम इंपोर्ट कर रहे हैं और इसका फायदा देश के किसानों को मिल रहा है. साधारण भाषा में कहें तो अब तेल की डिमांड काफी ज्यादा हुई है. यही कारण है कि व्यापारियों ने किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम दिया.

Mustard farmers get more price than MSP in Haryana
बीते तीन सालों में सरसों की खरीद.

ये भी पढे़ं- स्वाद के चक्कर में ना दें कोरोना के नए स्ट्रेन को बुलावा, रिफाइंड की जगह करें इन तेलों का इस्तेमाल

बीते तीन सालों में सरसों की खरीद

2018 से लेकर 2021 तक सरसों की खरीद में काफी बढ़ोतरी हुई है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो साल 2018-19 में 2.68 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई. साल 2019-20 में 6.15 लाख मीट्रिक टन और 2020-21 में 7.49 लाख मीट्रिक टन सरसों की सरकारी खरीद 4,425 रुपये के समर्थन मूल्य पर की गई.

हरियाणा में हुई गेहूं की बंपर खरीद

हरियाणा में 396 खरीद केंद्रों में अब तक 1925 समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है. 84.38 लाख टन गेहूं मंडियों में पहुंचा है, जिसमें से हरियाणा सरकार की तरफ से अभी तक कुल 82.58 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. बता दें कि बीते वर्ष 75.98 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी.

ये भी पढ़ें- सरकार के इस फैसले से हरियाणा के किसानों की बल्ले-बल्ले, सरसों पर MSP से भी ज्यादा मिल रहे दाम

किसानों को खातों में मिली डायरेक्ट पेमेंट

हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ कि सरकार ने किसानों की पेमेंट सीधा बैंक खातों में की. अभी भी सरकार द्वारा किसानों को पेमेंट दी जा रही है. बता दें कि अभी तक सरकार की तरफ से 5 लाख से ज्यादा किसानों के 9 लाख से ज्यादा जे-फॉर्म बनाए गए हैं. जिसमें से 14 हजार 693 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. किसानों का भुगतान अभी किया भी जा रहा है.

चंडीगढ़: हरियाणा में इस साल सरसों की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की गई. अधिकतर किसानों ने अपनी सरसों की फसल प्राइवेट सेक्टर में बेची. इसके पीछे एक मुख्य कारण ये है कि सरकार द्वारा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था, लेकिन निजी खरीदारों ने 5500-6000 हजार रुपये तक सरसों खरीदी.

सरसों MSP से ज्यादा दाम पर क्यों बिकी?

केंद्र सरकार ने दो फरवरी को पाम तेल पर मूल्य आयात शुल्क 15 फीसद और कृषि वकास सेस 17.50 फीसद लागू किया. यानी कुल 32.50 फीसद का शुल्क लगा है. ऐसे में अब तेल के कारोबारी तेल को कम से कम इंपोर्ट कर रहे हैं और इसका फायदा देश के किसानों को मिल रहा है. साधारण भाषा में कहें तो अब तेल की डिमांड काफी ज्यादा हुई है. यही कारण है कि व्यापारियों ने किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम दिया.

Mustard farmers get more price than MSP in Haryana
बीते तीन सालों में सरसों की खरीद.

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बीते तीन सालों में सरसों की खरीद

2018 से लेकर 2021 तक सरसों की खरीद में काफी बढ़ोतरी हुई है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो साल 2018-19 में 2.68 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई. साल 2019-20 में 6.15 लाख मीट्रिक टन और 2020-21 में 7.49 लाख मीट्रिक टन सरसों की सरकारी खरीद 4,425 रुपये के समर्थन मूल्य पर की गई.

हरियाणा में हुई गेहूं की बंपर खरीद

हरियाणा में 396 खरीद केंद्रों में अब तक 1925 समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है. 84.38 लाख टन गेहूं मंडियों में पहुंचा है, जिसमें से हरियाणा सरकार की तरफ से अभी तक कुल 82.58 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. बता दें कि बीते वर्ष 75.98 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी.

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किसानों को खातों में मिली डायरेक्ट पेमेंट

हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ कि सरकार ने किसानों की पेमेंट सीधा बैंक खातों में की. अभी भी सरकार द्वारा किसानों को पेमेंट दी जा रही है. बता दें कि अभी तक सरकार की तरफ से 5 लाख से ज्यादा किसानों के 9 लाख से ज्यादा जे-फॉर्म बनाए गए हैं. जिसमें से 14 हजार 693 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. किसानों का भुगतान अभी किया भी जा रहा है.

Last Updated : May 18, 2021, 11:05 PM IST
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