चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने पत्थर और रेत की ऐसी खानों या ब्लॉक्स को पट्टे पर देने की तैयारी कर ली है जो अब तक निलम्बित या रद्द की जा चुकी हैं और जिन पर फिलहाल कोई अपील पेंडिंग नहीं है. इससे जहां आमजन को निर्माण सामग्री उचित दामों पर मिलेगी तो वहीं अवैध खनन गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा.
इसके साथ ही, उन ठेकेदारों और पट्टाधारकों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है जिनके ऊपर लीज का पैसा सालों से बकाया है और देने में आनाकानी कर रहे हैं. खान एवं भूविज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने गुरुवार को बुलाई गई समीक्षा बैठक के दौरान विभाग के आला अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं.
अवैध खनन पर मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
खान एवं भूविज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने चंडीगढ़ में बुलाई गई समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि पट्टाधारकों की तरफ फंसे विभाग के पैसे को निकालने के लिए हर हाल में कोई ना कोई रास्ता निकाला जाए और इस सम्बन्ध में जिम्मेदारी तय की जाए. बैठक के दौरान खान एवं भूविज्ञान मंत्री का पूरा फोकस इस बात पर रहा कि किस तरह विभाग की कार्य प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए.
इसके लिए उन्होंने विभाग में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि जब तक स्थायी भर्ती नहीं हो जाती तब तक अनुबंध कर्मचारी रखे जा सकते हैं ताकि विभाग का कार्य प्रभावित न हो. उन्होंने बैठक के दौरान नवम्बर, 2019 से अब तक अनुबंध या पट्टे पर दिए गए खनन ब्लॉक्स और इस दौरान खोली गई खानों की स्थिति का जायजा लिया.
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इसके साथ ही नीलामी के माध्यम से दिए गए अनुबंध व पट्टों, आवेदन के माध्यम से दिए गए पट्टों, स्टोन क्रैशरों, खनिज डीलर लाइसेंस, अल्पावधि परमिट, अवैध माइनिंग के मामलों और इस दौरान जब्त किए गए वाहनों समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में उनके गृह जिले फरीदाबाद में खानों की नीलामी प्रक्रिया को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने का निर्णय भी लिया गया.
आम लोगों को मिलेगी राहत
गौरतलब है यहां खनन गतिविधियां सुचारू होने से निर्माण सामग्री आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और निर्माण कार्यों में तेजी आएगी. मूलचंद शर्मा ने खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निलम्बित या रद्द हो चुकी खानों को पट्टे पर देने का फैसला किया है.