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बिल्डरों को राहत देने वाले बिल के खिलाफ खड़े हुए विधायक बलराज कुंडू, राज्यपाल से की बात - विधायक बलराज कुंडू मुलाकात राज्यपाल

महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन कानून बिल को मंजूरी देने से रोकने के लिए राजभवन पहुंच गए हैं.

विधायक बलराज कुंडू
विधायक बलराज कुंडू
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Published : Sep 2, 2020, 7:51 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने करीब 45 साल पुराने नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन कानून में बदलाव कर बड़े बिल्डरों को राहत देने का रास्ता साफ किया है. प्रदेश में ऐसे करीब पांच दर्जन बिल्डर हैं, जिन्हें इस कानून में बदलाव का बड़ा फायदा मिलने वाला है. प्रदेश सरकार जहां दावा कर रही कि इससे अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, वहीं भाजपा से बगावत कर महम से निर्दलीय चुनाव जीते विधायक बलराज कुंडू इस बिल को मंजूरी देने से रोकने के लिए राजभवन पहुंच गए हैं.

विधायक कुंडू ने राज्यपाल से की बात

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से फोन पर हुई बातचीत के बाद विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल के एडीसी मेजर जसदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के साथ वह तमाम दस्तावेज जोड़े गए, जिनमें प्रॉपर्टी के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले आए हुए हैं. इन फैसलों के तहत किसी बड़ी प्रॉपर्टी के निर्माण को अवैध करार दिया गया है तो कुछ प्रॉपर्टी को गैर कानूनी बताते हुए ध्वस्त करने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

विधायक बलराज कुंडू
विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल के एडीसी मेजर जसदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा है.

ये भी पढ़ें- रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण ना मिलने से कर्मचारी परेशान, नहीं कर पा रहे काम

इनमें से अधिकतर संपत्ति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत जिलों में है. गुरुग्राम का एंबिएंस मॉल इनमें से एक है, जिसकी सीबीआई जांच भी होनी थी, मगर हरियाणा सरकार द्वारा किए गए कानून में बदलाव के बाद अब ना तो अवैध प्रॉपर्टी ध्वस्त होगी और ना ही कोई निर्माण अवैध घोषित हो सकेगा. डेवलेपमेंट चार्ज के भुगतान के बाद अरबों रुपये की ये प्रॉपर्टी नियमित हो सकेगी.

करोड़ों के घोटाले की जताई आशंका

विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद दावा किया कि ये कानून विशुद्ध रूप से बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है. इसमें किसी आम आदमी का कोई खास फायदा नहीं है. कुंडू ने आशंका जाहिर की है कि ये करीब पांच सौ करोड़ रुपये का घोटाला हो सकता है इसलिए राज्यपाल को चाहिए कि वे विधानसभा में पास किए गए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (द्वितीय संशोधन तथा विधिमान्यकरण) विधेयक 2020 को मंजूरी प्रदान न करें यदि ऐसा हुआ तो इससे बिल्डरों के हौसले बढ़ेंगे और वह जनहितों का ध्यान रखने की बजाय सरकारी तंत्र को अपने कब्जे में लेकर रखेंगे.

ये भी पढ़ें- सुरजेवाला ने टोल टैक्स में हुई बढ़ोतरी को बताया तुगलकी फरमान

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने करीब 45 साल पुराने नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन कानून में बदलाव कर बड़े बिल्डरों को राहत देने का रास्ता साफ किया है. प्रदेश में ऐसे करीब पांच दर्जन बिल्डर हैं, जिन्हें इस कानून में बदलाव का बड़ा फायदा मिलने वाला है. प्रदेश सरकार जहां दावा कर रही कि इससे अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, वहीं भाजपा से बगावत कर महम से निर्दलीय चुनाव जीते विधायक बलराज कुंडू इस बिल को मंजूरी देने से रोकने के लिए राजभवन पहुंच गए हैं.

विधायक कुंडू ने राज्यपाल से की बात

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से फोन पर हुई बातचीत के बाद विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल के एडीसी मेजर जसदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के साथ वह तमाम दस्तावेज जोड़े गए, जिनमें प्रॉपर्टी के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले आए हुए हैं. इन फैसलों के तहत किसी बड़ी प्रॉपर्टी के निर्माण को अवैध करार दिया गया है तो कुछ प्रॉपर्टी को गैर कानूनी बताते हुए ध्वस्त करने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

विधायक बलराज कुंडू
विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल के एडीसी मेजर जसदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा है.

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इनमें से अधिकतर संपत्ति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत जिलों में है. गुरुग्राम का एंबिएंस मॉल इनमें से एक है, जिसकी सीबीआई जांच भी होनी थी, मगर हरियाणा सरकार द्वारा किए गए कानून में बदलाव के बाद अब ना तो अवैध प्रॉपर्टी ध्वस्त होगी और ना ही कोई निर्माण अवैध घोषित हो सकेगा. डेवलेपमेंट चार्ज के भुगतान के बाद अरबों रुपये की ये प्रॉपर्टी नियमित हो सकेगी.

करोड़ों के घोटाले की जताई आशंका

विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद दावा किया कि ये कानून विशुद्ध रूप से बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है. इसमें किसी आम आदमी का कोई खास फायदा नहीं है. कुंडू ने आशंका जाहिर की है कि ये करीब पांच सौ करोड़ रुपये का घोटाला हो सकता है इसलिए राज्यपाल को चाहिए कि वे विधानसभा में पास किए गए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (द्वितीय संशोधन तथा विधिमान्यकरण) विधेयक 2020 को मंजूरी प्रदान न करें यदि ऐसा हुआ तो इससे बिल्डरों के हौसले बढ़ेंगे और वह जनहितों का ध्यान रखने की बजाय सरकारी तंत्र को अपने कब्जे में लेकर रखेंगे.

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