चंडीगढ़: कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते प्रदेश में फंसे प्रवासी श्रमिकों को सरकार उनके गृह राज्य भेजने के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन चला रही है. शुक्रवार को भी हरियाणा से विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजा गया.
शनिवार को रोहतक, फरीदाबाद, अंबाला और पानीपत से 6 विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से 8 हजार 6 सौ से अधिक श्रमिकों को उनके गृह राज्य बिहार के लिए रवाना किया गया है. अंबाला से 1676 श्रमिकों को कटिहार, रोहतक से 2510 श्रमिकों को कटिहार और भागलपुर, फरीदाबाद से 2833 श्रमिकों को भागलपुर और पूर्णिया और पानीपत से 1600 श्रमिकों को अररिया के लिए रवाना किया गया.
अंबाला से कटिहार के लिए ट्रेन
अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से 1676 श्रमिकों को कटिहार भेजा गया. बिहार भेजे गए श्रमिकों के साथ 22 बच्चे भी बिहार गए हैं. इन श्रमिकों में कटिहार जिले के साथ-साथ सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया और पूर्णिया के श्रमिक शामिल हैं. इन श्रमिकों में अम्बाला जिले के 185, कुरुक्षेत्र के 450, करनाल के 450, सिरसा के 150, जींद के 62, यमुनानगर के 100, कैथल 100 और हिसार के 179 श्रमिक शामिल हैं. यह ट्रेन अम्बाला से चलकर सहारनपुर होते हुए कटिहार पहुंचेगी.
रोहतक से कटिहार और भागलपुर के लिए ट्रेन
रोहतक रेलवे स्टेशन से शुक्रवार को दो विशेष श्रमिक ट्रेनों को बिहार के भागलपुर और कटिहार के लिए रवाना किया गया है. भागलपुर जाने वाली रेल गाड़ी में रोहतक, झज्जर और चरखी दादरी के प्रवासी श्रमिक शामिल है. जबकी कटिहार जाने वाली ट्रेन में रोहतक, भिवानी और झज्जर के प्रवासी श्रमिकों को भेजा गया है.
फरीदाबाद से भागलपुर और पूर्णिया के लिए दो ट्रेनें
ओल्ड फरीदाबाद से शनिवार को दो ट्रेनों को रवाना किया गया. पहली ट्रेन पूर्णिया भेजी गई. जिसमें करीब 1383 श्रमिक थे. जबकी दूसरी ट्रेन भागलपुर भेजी गई. जिसमें करीब 1450 श्रमिक थे.
पानीपत से अररिया के लिए ट्रेन
पानीपत जंक्शन से 1600 मजदूरों को अररिया के लिए रवाना किया गया. इनमें 400 मजदूर सोनीपत से और 1200 मजदूर झज्जर से हरियाणा रोडवेज बसों के माध्यम से पानीपत लाया गया था.
हरियाणा सरकार ने इन श्रमिकों की परेशानियों को समझते हुए उन्हें नि:शुल्क उनके गृह राज्य पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. इसके तहत अभी तक 3 लाख से अधिक मजदूरों को लगभग 100 ट्रेनों के माध्यम से घर भेजा जा चुका है. वहीं बसों के माध्यम से भी प्रवासी श्रमिकों को उनके प्रदेश भेजा जा रहा है.
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