चंडीगढ़: ट्राइसिटी की सड़कों पर रोजाना हजारों वाहन चलते हैं. जिसके चलते शहर के अंदर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. ट्राइसिटी के लोगों की ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन ने मेट्रो की प्लानिंग फाइनल कर दी है. चंडीगढ़ प्रशासन, हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार ने इस परियोजना की पूरी रिपोर्ट तैयार कर, आने वाले खर्च के भुगतान की रिपोर्ट तैयार कर ली है.
पंजाब सरकार ने मेट्रो प्लान के मुताबिक शुरुआत में 1.37 करोड़ रुपये का जारी किए हैं, जबकि जल्द ही यूटी, हरियाणा और केंद्र सरकार परियोजना के लिए कुछ रुपये प्रदान करेगी. इसकी पुष्टि यूटी प्रशासन के अधिकारी द्वारा की गई है. जानकारी के मुताबिक साल 2023 की शुरुआत में यूटी प्रशासन ने ट्राइसिटी में मेट्रो शुरू करने के फैसले पर अंतिम मुहर लगा दी थी.
इस प्रोजेक्ट के लिए राइट्स कंपनी द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जो प्रोजेक्ट की डीपीआर (फाइनल रिपोर्ट) तैयार कर रही है. डीपीआर तैयार करने में 6.54 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. डीपीआर तैयार होने के बाद ही विभिन्न विभागों से आवश्यक मंजूरी मांगी जाएगी. मेट्रो परियोजना पर 10570 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसमें 20 फीसदी राज्य और 20 फीसदी केंद्र सरकार का योगदान होगा.
इसके अलावा 60 फीसदी खर्च उधार लेकर किया जाएगा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक राइट्स ने मेट्रो को कर्व को दो चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव दिया है. पहला चरण 2027 में और दूसरा चरण 2037 में शुरू किया जा सकता है. पहले चरण के तहत ट्राइसिटी के तीन रूटों पर संचालन का निर्णय लिया गया. पहला पारौल, सारंगपुर, आईएसबीटी पंचकूला से पंचकूला एक्सटेंशन (30 किमी) तय किया गया है.
दूसरा रूट रॉक गार्डन से इंडस्ट्रियल एरिया और चंडीगढ़ एयरपोर्ट होते हुए आईएसबीटी जीरकपुर (34 किमी) तक और तीसरा अनाज मंडी चौक सेक्टर-39 से ट्रांसपोर्ट चौक सेक्टर-26 (13 किमी) तक बनाया जाएगा. जबकि दूसरे चरण में एयरपोर्ट चौक से मानकपुर कल्लर (5 किमी) और आईएसबीटी जीरकपुर से पिंजौर (20 किमी) तक मेट्रो को शामिल किया गया है.