चंडीगढ़: बर्खास्त पीटीआई टीचर्स लगातार बहाली की मांग कर रहे हैं. वहीं कई राजनीतिक संगठन और नेता भी पीटीआई टीचर्स का समर्थन कर चुके हैं. पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी प्रदेश सरकार से पीटीआई टीचर्स की बहाली के लिए अध्यादेश लाने की मांग की थी, जिसपर सीएम मनोहर लाल ने जवाब दिया है.
चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि ये सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है कि भर्ती प्रक्रिया सही नहीं थी और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालन कर रहा है. चाहे वो उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा लेने का हो या कोई और. सीएम ने कहा कि रही बात अध्यादेश लाने की तो सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश कैसे ला सकती है.
सीएम ने भूपेंद्र हुड्डा की तरफ से की गई अध्यादेश लाने की मांग पर पलटवार करते हुए कहा कि वो लोग डर रहे हैं कि उनपर उंगलियां न उठ जाए. दूध का जला छांछ भी फूंक-फूंक पीता है. हुड्डा को डर लग रहा है कि क्योंकि एक मुख्यमंत्री जेल में है.
ये है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
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हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.