चंडीगढ़: हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कड़ा संज्ञान लिया है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस महामारी के हॉट-स्पॉट वाले गांवों में 15 मई से आइसोलेशन सेंटर बनाकर लोगों की जांच शुरू की जाए. ये निर्देश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोविड की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलाई गई उच्च अधिकारियों की बैठक के दौरान दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच के दौरान जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दें, उनको गांव में ही बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में क्वारंटीन किया जाए और वहीं पर उनका इलाज सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि आइसोलेशन सेंटर में मेडिकल, पैरा-मेडिकल, आशा वर्कर इत्यादि कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाए. बैठक में बताया गया कि कोविड-19 की वैक्सीन के लिए शीघ्र ही ग्लोबल-टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे.
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि प्रारंभ में एक हजार आइसोलेशन सेंटर बनाने की योजना है, जिसके लिए वर्तमान में ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच हेतु 5,000 थर्मल स्कैनर, 4,000 ऑक्सीमीटर व पर्याप्त मात्रा में पैरासिटामोल व अन्य आवश्यक दवाइयां स्टॉक में उपलब्ध हैं. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निर्देश दिए कि इस महामारी को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए. चाहे वो आधारभूत संरचना की बात हो या किसी प्रकार की अन्य आवश्यक चाजों के खरीदने की बात हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्र में सीएचसी स्तर पर भी कोरोना के इलाज के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए हर सीएचसी में 5-10 बेड की व्यवस्था की जाए. उन्होंने बताया कि हरियाणा रोडवेज की 110 मिनी बसों को एंबुलेंस में परिवर्तित किया जा रहा है. हर जिले में 5-5 एंबुलेस-बसों को उपलब्ध करवाया जाएगा और इसके अलावा हर जिले में एक-एक बड़ी एसी बस भी उपलब्ध रहेगी, जिसका आइसोलेशन-सेंटर की तरह प्रयोग किया सकेगा.
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मुख्यमंत्री ने इस बात के भी निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन के भंडारण के लिए ऑक्सीजन-टैंक जल्द से जल्द बनाए जाएं. जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज दूर हैं और ऑक्सीजन के लिए ऑक्सीजन-सिलेंडर पर निर्भरता है, वहां पर लिक्विड-मैडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था की जाए. उन्होंने हर जिले में 5 से 10 नए वैंटिलेटर स्थापित करने के भी निर्देश दिए ताकि गंभीर मरीजों के इलाज में आसानी हो. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बात पर कड़ी निगरानी रखी जाए कि प्राइवेट अस्पताल बेड के लिए निर्धारित दरों से अधिक न वसूलें.