चंडीगढ़: करनाल के कैमला गांव में किसानों ने सीएम के 'किसान महापंचायत' कार्यक्रम का विरोध किया. जिसकी वजह से कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. कार्यक्रम के रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को घरौंडा के कैमला गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था. ताकि कृषि कानूनों की हकीकत किसनों को बता सकें
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें-
- हम जानते हैं कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों में रोष है, इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि इन कानूनों की हकीकत हम किसानों को बताए.
- सीएम ने कहा कि एक कार्यक्रम पहले भी रखा गया था. रविवार को दूसरा कार्यक्रम था.
- कार्यक्रम से पहले प्रशासन की किसान संगठनों के नेताओं से बात हुई थी. जिसमें किसान नेताओं ने कहा था सांकेतिक प्रदर्शन होगा.
- किसानों ने अपने वादे को नहीं निभाया और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की.
- सीएम ने कहा कि कार्यक्रम में 5 हजार से ज्यादा जनता और किसान पहुंचे थे. सीएम ने सभी का धन्यवाद किया.
- जो विषय लोगों को बताने थे वो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ और बाकी नेताओं ने बता दिए. मैं कुछ अलग नहीं बताता.
- जिले को 100 करोड़ रुपये की योजनाओं के लाभ को बताना था. वो किसी और मौके पर हो जाएगा.
- हमारे देश में मजबूत लोकतंत्र है. अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है. हमने तथाकथित किसान नेताओं के आंदोलन को कभी रोका नहीं.
- लोकतंत्र के प्रति हमारे देश की आस्था है, देश की जनता सब समझती है, मुझे नहीं लगता कि प्रदेश की जनता इसको बर्दाश्त करेगी.
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसान नेता गुरनाम चढूनी के वीडियो को इस प्रदर्शन का जिम्मेदार माना.
- गुरनाम चढूनी के किसानों को उकसाने का काम किया. उन्होंने नौजवानों और अपने साथ लगे लोगों को मरोड़ निकालने को कहा था.
- सीएम ने कहा इस प्रोटेस्ट के पीछे कांग्रेस और कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोगों का हाथ है.
- जीएसटी का विषय था तो व्यापारियों ने विरोध किया था. आज वहीं व्यापारी मानते हैं कि जंजाल से बाहर निकल गए.
- साल 1990 में ग्लोबलाइजेशन का दौर चला. उस समय लोगों को लगा कि बाहर के लोग आ जाएंगे. कई तरह की सोच थी. आज सभी साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
- नई परिस्तिथियों का विरोध होता है. तीनों कानून जन हित में हैं. इन कानूनों को 1 साल उपयोग करने के बाद देखते.
- किसानों ने एक रट लगाई है. जिद से नहीं चलती चीजें. किसान की सबसे बड़ी समस्या रेवेन्यू रिकॉर्ड का है.
- हरियाणा में 70 से 72 हजार एकड़ कृषि जमीन है, जिसमें से 8 से 10 हजार एकड़ खराब जमीन है.
- सीएम ने कहा आवश्यकता के हिसाब से कौन सी फसल बोई जाए. इसपर योजना बना रहे हैं.
- सीएम ने कहा 5 साल का फ़ूड ग्रेन हमारे पास है. अंजीर भी यहां हो सकती है. बहुत से ऐसे खद्यान हैं जिनको बढ़ावा देने के लिए किसान के साथ काम कर रहे हैं.
- साढ़े 3 लाख किसानों का ब्याज और पेनल्टी आने के बाद हमने माफ किया. कर्जे की बजाय किसान की कीमत बढ़े इसपर काम कर रहे हैं.
- 31 मार्च को 1 लाख परिवारों को जिनकी आमदनी सबसे कम है, उनके लिए काम कर करेंगे.
- सीएम ने कहा मैं किसानों को विरोधी नहीं कह सकता. लेकिन अंधेरा गर्दी नहीं चलेगी, समाज इसको बर्दास्त नहीं करेगा.
- देश की परंपराओं में विश्वाश रखें किसान. अगर कृषि कानून लागू होने के बाद कोई नुकसान होगा. तो सभी उसको मानेंगे.
- सीएम ने कहा कांग्रेस का काम भय का वातावरण बनाना रहा है. उन्होंने कहा कि आगे महापंचायत जारी रहेगी या नहीं पार्टी के लोग इसपर विचार करेंगे.
- कृषि कानूनों पर लगातार चल रहे गतिरोध के सवाल पर सीएम ने कहा सरकार असफल नहीं है. हमने अपनी बात समझा दी है.
- इस मामले में शुद्ध राजनीति हो रही है. 26 जनवरी को किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है. 26 जनवरी राष्ट गौरव का दिन होता है.
- सीएम ने कहा कोई भी नेता हो सीमा में रहना चाहिए. हमें कुछ करने की अवश्यता नहीं है. जनता सब कर देगी.
- कोरोना पर मानवता पर संकट आया है. इसमें सहयोग देने की जगह इस तरह की बातें सूझती हैं.
- सीएम ने कहा कि टीकाकरण के लिए पहले कोविड वॉरियर्स को रखा है. उसके बाद चरणबद्ध तरीके से कोशिश रहेगी सभी तक वैक्सीन पहुंचाई जाए.
- किसानों के मामले दर्ज करने के सवाल पर सीएम ने कहा अपील पर बातें रुक जाए तो अच्छा होगा.
- सीएम ने कहा अगर मैं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचता तो तमाशा ज्यादा हो जाता, इससे नुकसान हो जाता.