चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज राज्य में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ‘हरियाणा कोविड रिलीफ फंड’ के स्थापना की घोषणा की. जिसमें समाज के लोग अपना योगदान दे सकते हैं. इसके साथ ही सीएम ने ‘हरियाणा कोविड रिलीफ फंड’ के लिए अपनी व्यक्तिगत बचत से 5 लाख रुपये के प्रारंभिक योगदान की घोषणा भी की.
इस फंड में राशि उन सभी व्यक्तियों से योगदान के लिए आमंत्रित की जाएगी जो आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों का समर्थन करने में सक्षम हैं. राज्य के सभी विधायक भी इस फंड में एक महीने के वेतन का योगदान करेंगे. अखिल भारतीय सेवा अधिकारी भी अपने एक महीने के वेतन का 20 प्रतिशत इस फंड में प्रारंभिक योगदान के लिए देंगे. ग्रुप डी के कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी सरकारी कर्मचारी भी अपने वेतन का 10 प्रतिशत इस फंड में योगदान करेंगे.
ऐसे फंड में दे सकते हैं योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फंड में योगदान देने वाले व्यक्तियों को इस राशि पर आयकर की छूट भी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि फंड में अपना योगदान देने के लिए व्यक्तियों के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया के खाता संख्या-39234755902 है, जिसका आईएफएससी कोड- SBIN0013180 है, एससीओ नंबर-14, सैक्टर-10, पंचकूला हैय
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी बीपीएल परिवारों को अप्रैल महीने के लिए उनके मासिक राशन फ्री में दिया जाएगा, इसमें चावल या गेहूं उनकी पात्रता के अनुसार, सरसों का तेल और 1 किलो चीनी शामिल होगी. इसी तरह, स्कूलों और आंगनवाड़ियों को बंद करने की अवधि के दौरान सरकारी स्कूलों में नामांकित सभी स्कूली बच्चों और आंगनवाड़ियों में सभी बच्चों के लिए सूखा राशन दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के तहत पंजीकृत परिवारों को कई बीमा और पेंशन योजनाओं में योगदान के साथ 4000 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं, आज तक लगभग 12.38 लाख परिवार एमएमपीएसवाई के तहत पंजीकृत हैं. सभी पंजीकृत परिवारों, जिनका सत्यापन पूरा हो चुका है, के लिए प्रति परिवार 2000 रुपये की शेष राशि 31 मार्च से पहले जारी की जाएगी. अप्रैल में ऐसे परिवारों को 6000 रुपये की एक और राशि प्रदान की जाएगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान सरकार के सभी अनुबंधित कर्मी अपना वेतन प्राप्त करेंगे. उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को सलाह दी जा रही है कि वो लॉकडाउन की अवधि के दौरान उनकी अनुपस्थिति के लिए किसी भी कर्मचारी को न हटाएं. इसी प्रकार, ई-भुगतान की सुविधा के लिए सहायता भी प्रदान की जाएगी.