चंडीगढ़: फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में बी.कॉम की छात्रा निकिता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में एसआईटी गठित कर दी गई है, जो क्राइम ब्रांच की अगुवाई में तफ्तीश करेगी. वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्य आरोप तौसीफ के चाचा ने मीडिया में आकर सफाई दी है.
मुख्य आरोपी तौसीफ के चाचा जावेद अहमद बसपा की टिकट सोहना विधानसभा का चुनाव लड़े चुके हैं. उनसे जब इस पूरे घटनक्रम को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले को लव जिहाद से जोड़ना बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि इस मामले को धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. इन बच्चों को धर्म का बिल्कुल ज्ञान नहीं है.
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जावेद अहमद ने कहा कि हमें पीड़ित परिवार के साख खड़ा होना चाहिए. मरने वाली बेटी हमारी बेटी है. वो इस समाज की बेटी है. साथ पढ़ते थे ये (आरोपी तौसीफ और मृतक निकिता) बच्चे. अगर दोनों ही बच्चे अलग समाज से ताल्लुक रखते थे, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि हम लव जिहाद और धर्म की बातों में यकीन नहीं रखते.
जावेद अहमद ने कहा कि तौसीफ और निकिता दोनों ही बचपन से साथ पढ़े हैं. ये दोनों पांचवीं या 7वीं कक्षा से साथ पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दोनों ही परिवारों में काफी अच्छे संबंध रहे हैं. दोनों ही घर आ जाना करते थे. मृतका का परिवार बहुत अच्छा है. जावेद अहमद ने कहा कि मृतका के मां और पिता दोनों ही सज्जन लोग हैं.
2018 में किस बात को लेकर हुआ था समझौता?
जावेद अहमद ये सवाल टालते थे. उन्होंने कहा कि ये उनके संज्ञान में नहीं है. उनका कहना है कि अगर कोई बड़ी बात होती तो सामने आती. उन्होंने कहा कि कोई छोटी-मोटी बात हुई होगी और लड़की के मां-बाप अच्छे लोग थे तो उन्होंने उसको अपना ही मामला समझकर वहीं खत्म कर दिया. एक समझौत कर लिया. अगर बड़ी बात होती तो दो परिवारों के बीच भिड़ाव होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने बड़े प्यार से बात खत्म की और दोनों को वापस पढ़ने के लिए भेज दिया.
वारदात के दिन तौसीफ का व्यवहार कैसा था?
इस जवाब पर जावेद अहमद ने कहा कि उन्होंने घर फोन करके बात की थी. तौसीफ बिल्कुल नॉर्मल था. तौसीफ मानसिक रूप से बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं था. उन्होंने कहा कि घर से तौसीफ बिल्कुल अच्छे से गया, लेकिन आगे का उन्हें पता नहीं. उन्होंने ये भी बताया कि तौसीफ नाश्ता करके खुशी-खुशी गया था. बाहर क्या हुआ क्या नहीं हुआ हम इस बारे में बता नहीं सकते, ये जांच का विषय है.
तौसीफ के व्यवहार को लेकर ये बोले स्थानीय लोग?
जब हमारी टीम ने ये जानने की कोशिश की कि आखिर तौसीफ का कॉलोनी में व्यवहार कैसा था. तो उनके पड़ोसी ने बताया कि तौसीफ का व्यवहार और मिजाज खराब नहीं था. यहां किसी को उससे कोई परेशानी नहीं थी. अपने काम से काम रखता था. कभी तौसीफ की गलत हरकत नहीं देखी. बड़े प्यार से रहता था.
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