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LSP+BSP गठबंधन के बाद अकाली दल भी आ सकता है साथ, सैनी ने नेताओं से की मुलाकात

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Published : Feb 11, 2019, 10:18 PM IST

हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ मिलकर रण जीतने की संभावनाएं तलाशने में जुट गए हैं. सियासी दल जोड़-तोड़ करने की जुगत में जमा-घटा और गुणा-भाग भी कर रहे हैं.

राजकुमार सैनी

चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ मिलकर रण जीतने की संभावनाएं तलाशने में जुट गए हैं. सियासी दल जोड़-तोड़ करने की जुगत में जमा-घटा और गुणा-भाग भी कर रहे हैं. जींद उपचुनाव में मिली 13 हजार से ज्यादा वोटों के बाद लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के हौसले बुलंद हैं. एलएसपी उम्मीदवार विनोद आशरी 13582 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे. इस बीच खास बात ये रही कि विनोद आशरी ने इनेलो कैंडीडेट उमेद सिंह रेढ़ू के मुकाबले ज्यादा वोट हासिल किए.

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इसका सीधा नुकसान हुआ इनेलो को, क्योंकि एक तो बसपा से बसपा के साथ हुआ गठबंधन खुल चुका है, दूसरा अब मायावती ने एलएसपी नेता राजकुमार सैनी के साथ हाथ मिला लिया है. ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि एलएसपी आने वाले दिनों में अकाली दल के साथ भी हाथ मिला सकती है.

राजकुमार सैनी
राजकुमार सैनी
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राजकुमार सैनी के साथ शिरोमणि अकाली दल के नेता व विद्यायक मनजिंदर सिंह सिरसा और विधायक एनके शर्मा से हुई मुलाकात के बाद इस बात की तस्दीक पर मुहर लग चुकी है. इसके अलावा राजकुमार सैनी ने हरियाणा जन चेतना पार्टी के प्रमुख व पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे विनोद शर्मा से भी मुलाकात की है.

चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ मिलकर रण जीतने की संभावनाएं तलाशने में जुट गए हैं. सियासी दल जोड़-तोड़ करने की जुगत में जमा-घटा और गुणा-भाग भी कर रहे हैं. जींद उपचुनाव में मिली 13 हजार से ज्यादा वोटों के बाद लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के हौसले बुलंद हैं. एलएसपी उम्मीदवार विनोद आशरी 13582 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे. इस बीच खास बात ये रही कि विनोद आशरी ने इनेलो कैंडीडेट उमेद सिंह रेढ़ू के मुकाबले ज्यादा वोट हासिल किए.

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इसका सीधा नुकसान हुआ इनेलो को, क्योंकि एक तो बसपा से बसपा के साथ हुआ गठबंधन खुल चुका है, दूसरा अब मायावती ने एलएसपी नेता राजकुमार सैनी के साथ हाथ मिला लिया है. ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि एलएसपी आने वाले दिनों में अकाली दल के साथ भी हाथ मिला सकती है.

राजकुमार सैनी
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राजकुमार सैनी के साथ शिरोमणि अकाली दल के नेता व विद्यायक मनजिंदर सिंह सिरसा और विधायक एनके शर्मा से हुई मुलाकात के बाद इस बात की तस्दीक पर मुहर लग चुकी है. इसके अलावा राजकुमार सैनी ने हरियाणा जन चेतना पार्टी के प्रमुख व पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे विनोद शर्मा से भी मुलाकात की है.

Intro:हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक दल एक दूसरे के साथ मिलकर रण जीतने की संभावनाएं तलाशने में जुट गए हैं । राजनीतिक पार्टियां जोड़-तोड़ करने की जुगत में जुटी है । पार्टियों के आला नेता दूसरी पार्टियों को साथ मिलाकर चुनाव जीतने की कोशिशों में जुट गए हैं । इनेलो और बीएसपी का गठबंधन चुनाव से पहले टूटा जरूर मगर अलग अलग संभावना है लगातार तलाशी जा रही है । बीएसपी नहीं दलों से गठबंधन तोड़ कर राजकुमार सैनी के साथ गठजोड़ किया तो राजकुमार सैनी किसी बड़े जोड़-तोड़ में जुटे नजर आ रहे हैं । राजकुमार सैनी के साथ शिरोमणि अकाली दल के नेता व विद्यायक मनजिंदर सिंह सिरसा और विधायक एनके शर्मा से हुई मुलाकात कई चर्चाओ को जोर दे रही है । अकाली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्पष्ठ कर दिया है कि आगामी समय में हरियाणा में होने वाले चुनाव के लिए सकारात्मक समीकरण और गठजोड़ बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है । सिरसा ने ट्वीट कर लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ सकारात्मक समीकरण और गठजोड़ पर चर्चा को खुले तौर पर स्वीकार किया है । इसके बाद राजकुमार सैनी ने हरियाणा जन चेतना पार्टी के प्रमुख व पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे विनोद शर्मा से भी मुलाकात की है । दोनों दलों के साथ की गई राजकुमार सैनी की बातचीत आगामी समय में कितनी सफल साबित होती है यह समय बताएगा लेकिन इतना जरूर स्पष्ट है कि राजकुमार सैनी हरियाणा में अलग-अलग पार्टियों के साथ मुलाकात कर एक बड़े महागठबंधन के प्रयास में जुटे नजर आ रहे हैं ।


Body:बीजेपी से सांसद राजकुमार सैनी ने अलग पार्टी बना कर अपने दम पर हरियाणा में लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा जरूर किया था मगर अब ऐसा नजर आ रहा है कि राजकुमार सैनी धीरे धीरे कई दलों को साथ लेकर एक महागठबंधन की तैयारी में जुट गए हैं । बीएसपी के साथ हुई गठबंधन के बाद राजकुमार सैनी ने दो अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की है । राजकुमार सैनी ने अकाली दल के नेताओं से मुलाकात की जिसे खुद अकाली दल के नेताओं ने स्वीकार कर लिया है कि आगामी समय में एलएसपी के साथ गठबंधन को लेकर संभावनाएं तलाश करते हुए चर्चा की गई है । माई राजकुमार सैनी ने 2014 में विधानसभा चुनाव हजका के साथ गठबंधन में लड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरियाणा जन चेतना पार्टी के प्रमुख विनोद शर्मा से भी मुलाकात की है ।

क्या है सैनी की मंशा -

दरअसल हरियाणा में लगातार जाट नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने वाले राजकुमार सैनी बीजेपी से सांसद हैं जो खुले तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ भी बयानबाजी करते रहे है । जींद उपचुनाव में राजकुमार सैनी की पार्टी ने चुनाव तो लड़ा मगर उनके उम्मीदवार जमानत तक नहीं बचा पाए । इस चुनाव में इनेलो का प्रदर्शन बेहद खराब रहा जिसके बाद इनेलो के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली बीएसपी ने इनेलो से गठबंधन तोड़कर राजकुमार सैनी से गठबंधन कर लिया । बीएसपी से गठबंधन के बाद अब राजकुमार सैनी कि और भी दलों से हुई मुलाकात को देखकर माना जा सकता है कि राजकुमार सैनी बड़े स्तर पर दूसरी पार्टियों को साथ लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में है । शिरोमणि अकाली दल पंजाब में बीजेपी के साथ गठबंधन में है जबकि हरियाणा में राजकुमार सैनी बीजेपी पर अन्य विपक्षी दलों की तरह ही निशाना साधते नजर आते हैं ऐसे में आने वाले समय में अकाली दल और एलएसपी के बीच गठबंधन होने पर संशय जरूर बरकरार है । मगर अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुले तौर पर स्वीकार लिया है कि आने वाले समय में वह हरियाणा में लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ गठजोड़ बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है । फिलहाल सैनी का यह कदम बीएसपी को कितना भाता है यह देखना होगा क्योंकि मध्यप्रदेश और राजस्थान चुनाव में मायावती ने बीजेपी के खिलाफ सीधे तौर पर कांग्रेस को समर्थन देकर दिखा दिया था कि किसी भी तरह से बीजेपी को समर्थन नहीं देंगी ।

हरियाणा जन चेतना पार्टी से कितना फायदा

कांग्रेस में लंबे समय तक रहे विनोद शर्मा ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से नाता तोड़कर अपनी पार्टी के घोषणा की थी । विनोद शर्मा ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन में 2014 का हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसमें उनकी पत्नी कालका विधानसभा सीट से उम्मीदवार थे हालांकि विनोद शर्मा इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाए थे ।


Conclusion:फिलहाल देखना यह हुआ कि आने वाले समय में बीएसपी और एसपी के बीच हुए गठबंधन मैं और कितने दल शामिल हो पाते हैं और राजकुमार सैनी की तरफ से की जा रही अलग - अलग दलों से के नेताओं से मुलाकात को बहुजन समाज पार्टी की कितनी मंजूरी मिल पाती है ।
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