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हरियाणा समेत उत्तर भारत में आज मनाई जा रही है लोहड़ी, रेवड़ी और गजक की बढ़ी डिमांड - लोहड़ी त्योहार

लोहड़ी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें अग्नि प्रज्जवलित कर पंजाबी समाज के लोग उसकी परिक्रमा करेंगे. साथ ही अच्छी फसल, स्वास्थ्य और व्यापार की कामना के साथ अग्नि में रेवड़ी, मक्का, गजक अर्पित करेंगे. इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा.

lohri 2019 festival today
लो आ गई लोहड़ी
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Published : Jan 13, 2020, 8:47 AM IST

चंडीगढ़: आज लोहड़ी है. ये एक तरह से प्रकृति की उपासना और आभार प्रकट करने का पर्व है. जो पूरे उत्तर भारत खासकर हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य और अग्नि देव को समर्पित है. लोहड़ी की पवित्र अग्नि में नवीन फसलों को समर्पित करने का भी विधान है.

लोहड़ी का पर्व आज

लोहड़ी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें अग्नि प्रज्जवलित कर पंजाबी समाज के लोग उसकी परिक्रमा करेंगे. साथ ही अच्छी फसल, स्वास्थ्य और व्यापार की कामना के साथ अग्नि में रेवड़ी, मक्का, गजक अर्पित करेंगे. इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा.

क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?
पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के त्याग के रूप में ये त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नी सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में ये पर्व मनाया जाता है.

इसके अलावा ये भी मान्यता है कि सुंदरी और मुंदरी नाम की लड़कियों को सौदागरों से बचाकर दुल्ला भट्टी ने हिंदू लड़कों से उनकी शा‍दी करवा दी थी. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में इस पर्व को मनाया जाता है.

ये भी पढ़िए: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : 100 युवाओं संग मिसाल कायम कर रहीं हरियाणा की ऋतु

वहीं एक और मान्यता के अनुसार द्वापर युग में जब सभी लोग मकर संक्रांति का पर्व मनाने में व्यस्त थे. तब बालक कृष्ण को मारने के लिए कंस ने लोहिता नामक राक्षसी को गोकुल भेजा, जिसे बालक कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था. लोहिता नामक राक्षसी के नाम पर ही लोहड़ी उत्सव का नाम रखा गया. उसी घटना को याद करते हुए लोहड़ी पर्व मनाया जाता है.

चंडीगढ़: आज लोहड़ी है. ये एक तरह से प्रकृति की उपासना और आभार प्रकट करने का पर्व है. जो पूरे उत्तर भारत खासकर हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य और अग्नि देव को समर्पित है. लोहड़ी की पवित्र अग्नि में नवीन फसलों को समर्पित करने का भी विधान है.

लोहड़ी का पर्व आज

लोहड़ी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें अग्नि प्रज्जवलित कर पंजाबी समाज के लोग उसकी परिक्रमा करेंगे. साथ ही अच्छी फसल, स्वास्थ्य और व्यापार की कामना के साथ अग्नि में रेवड़ी, मक्का, गजक अर्पित करेंगे. इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा.

क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?
पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के त्याग के रूप में ये त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नी सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में ये पर्व मनाया जाता है.

इसके अलावा ये भी मान्यता है कि सुंदरी और मुंदरी नाम की लड़कियों को सौदागरों से बचाकर दुल्ला भट्टी ने हिंदू लड़कों से उनकी शा‍दी करवा दी थी. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में इस पर्व को मनाया जाता है.

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वहीं एक और मान्यता के अनुसार द्वापर युग में जब सभी लोग मकर संक्रांति का पर्व मनाने में व्यस्त थे. तब बालक कृष्ण को मारने के लिए कंस ने लोहिता नामक राक्षसी को गोकुल भेजा, जिसे बालक कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था. लोहिता नामक राक्षसी के नाम पर ही लोहड़ी उत्सव का नाम रखा गया. उसी घटना को याद करते हुए लोहड़ी पर्व मनाया जाता है.

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